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पोषण ट्रेकर आधार फीडिंग में सीडीपीओ का वेतन रोका , राशन वितरण में लिपिक कर रहा घटतौली

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उन्नाव  जनपद के जिलाधिकारी ने बाल विकास परियोजना अधिकारी बांगरमऊ का पोषण ट्रेकर एप में आधार फीडिंग में लापरवाही बरतने पर वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं।

जिला पोषण समिति की बैठक करते हुए डीएम ने आरबीएसके डाक्टर के द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण कार्नेज बच्चों का अंकन पंजिका में करने, पंजीकृत किशोरी बालिकाओं को आयरन टैबलेट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने परियोजना के 5 सबसे अधिक एवं 5 सबसे कम बच्चों की उपस्थिति वाले केन्द्रों की सूची तथा प्रत्येक परियोजना के पांच सबसे अधिक और समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी/प्रभारी को पांच सबसे कम सैम बच्चों वाले (अतिकुपोषित) केन्द्रों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।

जिलाधिकारी ने एनआरएलएम की उत्पादन इकाई बीघापुर एवं हिलौली की समीक्षा की जिसमे बीघापुर इकाई द्वारा विकास खण्ड बीघापुर से आच्छादित परियोजना बीघापुर एवं सिकंदरपुर कर्ण में से केवल बीघापुर में 47 आंगनबाड़ी केन्द्रों की आपूर्ति मार्च 2022 माह बाद से न होने की जानकारी मिली। जबकि आंगनबाड़ी केन्द्र निर्माण की प्रगति में वर्ष 2021-22 के 12 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 10 केंद्र का कार्य अंतिम चरण में है।

मुरादाबाद जनपद के ठाकुरद्वारा क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने शनिवार को कोतवाली पर प्रदर्शन कर नाराजगी व्यक्त की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी की गयी पोषण ट्रेकर एप को हैक करके जालसाज उनके खातों से पैसा उड़ा रहे है। ये जालसाज विभाग की तरफ से कॉल करके उनको धमकी देकर डराते है इस सम्बन्ध में एसडीएम ने प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने कोतवाली पर प्रदर्शन करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने बाल विकास विभाग के लिए पोषण ट्रेकर ऐप लौंच किया है। इस एप के माध्यम से लाभार्थियों की फीडिंग की जाती है लेकिन जिले के अजय कुमार और सत्येंद्र कुमार नामक आरोपियों ने इस एप को हैक कर लिया है। कार्यकत्रियो ने इन दोनों पर आरोप लगाया कि एप से तमाम जानकारियां जुटाने के साथ आंगनवाडी कार्यकत्रियों के आईडी पासवर्ड इस्तेमाल कर उनके बैंक खाते से पैसे भी उड़ा रहे हैं। ये दोनों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को फोन कर खुद को बाल विकास परियोजना अधिकारी बताते हैं। इसकी जानकारी पर बाल विकास परियोजनाधिकारी अनिता कश्यप ने हैकर से बातचीत करने का प्रयास किया इन्होने कॉल रिसीव नही की इस सम्बन्ध में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने इन दोनों हैकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एसडीएम अजय कुमार गौतम ने कोतवाली पुलिस को साइबर क्राइम के तहत रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

कौशांबी जनपद के सीडीपीओ कार्यालय सरसवां में बुधवार को स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने राशन वितरण में अनियमितता को लेकर हंगामा किया। राशन वितरण करने वाले लिपिक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर उन्होंने अधिकारियों से भी वार्ता की। उनका यह भी आरोप था कि लिपिक लंबे समय से यहां तैनात है, ऐसे में वह मनमानी करने लगा है। इसके बाद समझाने पर कम राशन लेकर चले गए। जिला स्तरीय अधिकारियों ने लिपिक आशीष पर इससे पूर्व में भी इस प्रकार के आरोप लगाने की बात कहते हुए कहा कि लिपिक के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी ।
सरसवां सीडीपीओ कार्यालय से करीब एक सप्ताह से ड्राई राशन का वितरण किया जा रहा है। बुधवार को रायपुर, रानीपुर, हटवा व भारतपुर गांव के समूहों को राशन का वितरण होना था। जब समूह के सदस्य राशन लेने पहुंचे तो वहां तैनात लिपिक आशीष कुमार उन्हें कम राशन दे रहे थे। सदस्यों का कहना था कि जब लिपिक से पूरा राशन देने की बात कही गई तो वह आनाकानी करने लगे। इसको लेकर विवाद भी हुआ इसके बाद सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया विवाद की भनक अधिकारियों के संज्ञान में आई तो लिपिक ने कुछ सदस्यों को पूरा राशन देना शुरू कर दिया। बाकी सदस्यों को कम राशन देकर पूरे राशन पर हस्ताक्षर करा लिए । और उन्हें बाद में बकाया राशन देने का आश्वासन दिया।

जय मां सरस्वती स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सरस्वती देवी ने आरोप लगाया कि लिपिक हर माह इसी प्रकार से परेशान करता है। शिकायत के बाद भी उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है। इसकी वजह से गांव में सभी को राशन नहीं मिल पाता है। किसी प्रकार कम राशन देकर लोगों को मनाना पड़ता है। ये लिपिक यहां तीन साल से अधिक समय से तैनात है। और राशन देने में मनमानी करता है।


सरसवां के प्रभारी सीडीपीओ सुशील कुमार ने कहा है कि लिपिक के खिलाफ इस प्रकार की शिकायत लंबे समय से मिल रही है। इसको लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी से वार्ता कर जल्द ही कार्यवाही की जाएगी।

लिपिक आशीष कुमार का कहना है कि पीछे से ही पोषाहार के कुछ पैकेट फटे हुए मिलते हैं। लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकत्री इन्हें लेने सेइन्कार कर देती हैं। इसलिए इस तरह के पैकेट समूह के सदस्यों को नहीं दिए जाते। इसीलिए ऐसे में उन्हें कम राशन दिया जाता है। और गांव में राशन का वितरण हुआ कि नहीं यह जांच करना मेरी जिम्मेदारी नहीं है। उनका काम है कितनों को राशन दिया गया

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