फीडिंग न होने से 32 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के नाम गायब,9 महीने का वेतन रोका
आंगनवाड़ी न्यूज
सिद्धार्थनगर डाटा फीडिंग न होने से 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के नाम ही विभागीय अभिलेखों से गायब हैं। जिसके कारण इन आंगनवाड़ी के केन्द्रो पर नियुक्त कार्यकत्रियों को नौ माह से मानदेय नहीं मिल रहा है जिसकी वजह से इन केन्द्रो के बच्चों का पोषाहार भी नहीं मिल पा रहा है। जिले की बाल विकास परियोजना बर्डपुर मे फीडिंग न होने से 32 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का नौ माह से मानदेय लंबित है लेकिन विभाग के सीडीपीओ समेत अन्य अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है ।
आंगनबाड़ी केंद्रों का सुचारु रूप से संचालन के लिए बाल विकास परियोजना कार्यालयों में तैनात सीडीपीओ और सुपरवाइजरों नियुक्त किए जाते है। इन आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की टीकाकरण होता है। गर्भवती स्त्रित्त्यों के लिए प्रसव पूर्व देखभाल व टीकाकरण, छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को अनुपूरक पोषण, गर्भवती व शिशुओं की देखभाल करने वाली स्त्रित्त्यों को अनूपूरक पोषण, 15-45 वर्ष के आयु वर्ग की सभी महिलाओं के लिए पोषण व स्वास्थ्य शिक्षा, गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्वक देखभाल व शिशुओं की देखरेख करने वाली माताओं की प्रसवोत्तर देखभाल, नए जन्मे शिशुओं व छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की देखभाल , 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को अनौपचारिक विद्यालय पूर्व शिक्षा प्रदान की जाती हैं।
इन सभी कार्यो मे अहम भूमिका निभाने वाली जिले के बर्डपुर बाल विकास परियोजना के अधीन कार्यरत 32 कार्यकर्त्रियों का नाम सरकारी अभिलेखों से गायब हैं। बाल विकास परियोजना कार्यालय बर्डपुर अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत 32 आंगनबाड़ी को पोषाहार न दिये जाने से नौ माह से बच्चे पोषाहार से वंचित है। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से उन मासूमों को नियमित रूप से पोषाहार नहीं मिल पा रहा है। पोषाहार न मिलने से सुपोषित होने के बावजूद कुपोषित की श्रेणी में आने को अग्रसर हैं।
बर्डपुर परियोजना की 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के नाम फीडिंग से गायब होने का असर संबंधित गांवों के लाभार्थियों पर भी पड़ रहा है। इनमें बनकटवा, तिलकपुर, मोहनपुर, मदारीपुर, सुल्तानपुर, देवरा, सोनवल, बैजनथापुर, बढ़या द्वितीय, आमा, जीतपुर, वजीराबाद, अगया कला, महदेवा मिश्रा, गायघाट, दुबौलिया, जमुनिहवा, सेमरी, अमहवा, बजहा, रमनगरा, पंडितपुर, परसपुर, गनवरिया आदि क्षेत्र शामिल है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी शुभांगी कुलकर्णी का कहना है कि बाल विकास परियोजना बर्डपुर से जुड़ी 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के नाम डाटा फीडिंग में न होने का मामला जानकारी मे नहीं था। जानकारी मिलने पर अब इस पूरे प्रकरण की सीडीपीओ से जानकारी लेकर आवश्यक कार्रवाई करते हुए समस्या का समाधान कराया जाएगा।
जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का कहना है कि आला अधिकारियों द्वारा पोषण ट्रैकर में पोषाहार खारिज करने अनावश्यक का दबाव बनाया जाता है। केन्द्रो पर पोषाहार मिले बिना ही खारिज करने का अनावश्यक मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। वर्षो पहले दिये गए स्मार्ट फोन चलाने के लिए मिलने वाले नेट रिचार्ज का पैसा आज तक नहीं दिया गया है। अभी तक रीचार्ज का खर्चा खुद झेलना पड़ता है इस स्थिति मे पोषण ट्रेकर पर कार्य करना बहुत मुश्किल होता है।