यूपी के हर जिलो से उठ रही आंगनवाडी के मानदेय में बढ़ोत्तरी की मांग
आंगनवाडी धरने
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मथुरा में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने मांगों के लेकर दिया धरना
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की आंगनवाडी कार्यकत्रियो ने सोमवार को सिविल लाइन क्षेत्र स्थित राजकीय छात्रावास के समक्ष धरना दिया। इसके बाद स्वाति सिंह, मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार उत्तर प्रदेश सरकार के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा।
ज्ञापन में आंगनवाड़ी महिलाओं ने 62 वर्ष की उम्र में बिना पेशन/ग्रेच्युटी और सामाजिक सुरक्षा के सेवानिवृत्त के आदेश को वापस लेने, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को 15 हजार, सहायिका को 10 हजार मानदेय देने, किसी भी कारण में ड्यूटी के दौरान मृत आंगनबाड़ी कर्मियों को कम से कम 10 लाख का मुआवजा दिया जाए व इनके परिवार की बेटी वा बहू की मीधी भर्ती किए जाने की मांग की। केंद्र किराये का भुगतान प्रतिमाह आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को ही उपलब्ध कराया जाने, सभी मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आगनवाडी केंद्र में बदले जाने, गर्मी और सर्दी में 15-15 दिनों का अवकाश दिया जाने, प्राइमरी की ट्रेनिंग लेने वाली वर्कर को प्री प्राइमरी अध्यापक का दर्जा दिये जाने, बच्चों को स्कूलों की तरह किताबें, वर्दी की मांग उठाईं।
हाथरस में आंगनवाडी ने प्रोत्साहन राशि को नकारा
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने सोमवार को अपनी मांगों को लेकर कलक्ट्रेट पर धरना दिया। इसके बाद बाल विकास सेवा एवं पुष्टहार मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार स्वाति सिंह के नाम एक ज्ञापन ओसी कलक्ट्रेट को सौंपा।
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ज्ञापन में कहा गया हैकि प्रदेश की 3,75000 लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं की मांगें नहीं मानी गई हैं। संगठन द्वारा विभिन्न समस्याओं के संबंध में पूर्व में प्रेषित पत्र पर वार्ता हेतु कोई विचार नहीं किया गया। इस कारण 8 नवंबर से प्रदेश व्यापी ध्यानाकर्षण धरना प्रदर्शन आंदोलन के लिए किए जाने का निर्णय लिया। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष मीना कुमारी, उपाध्यक्ष अंजू जैन, कोषाध्यक्ष रामरति चौहान एवं समस्त जिले की आंगनबाड़ी कार्यकत्री उपस्थित रहीं
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यूनियन की प्रमुख मांगे
आंगनवाडी को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। जब तक कर्मी का दर्जा न मिले तब तक 15000 प्रतिमाह आंगनबाड़ी कार्यकत्री व मिनी आंगनबाड़ी को 10000 प्रतिमाह सहायिका का मानदेय प्रदान करें।
सभी मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्र में बदला जाए। इन्हें दोहरा काम करना पड़ता है। इसलिए इन्हें कार्यकत्रियों के बराबर ही मानदेय दिया जाए।
प्री प्राइमरी की ट्रेनिंग लेने वाले आंगनवाडी वर्कर को प्री प्राइमरी अध्यापक का दर्जा दिया जाए।
राशन वितरण में स्वयं सहायता समूह की संबद्धता को समाप्त किया जाए। जिससे कि आए दिन हो रहे मतभेद संबंधी समस्याओं से बचा जा सके एवं लाभार्थियों को पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रि के लिए हर 5 साल में कुर्सी, मेज, बॉक्स आवश्यक बर्तन खरीदने बच्चों को ड्रेस बैठने के लिए पट्टी और मुक्त नर्सरी स्तर का कलर पेंसिल, बैग और सिलेट प्रदान किया जाए।
संघठन की प्रदेश अध्यक्ष का सरकार पर हमला
जनपद कौशाम्भी के जिला मुख्यालय के सदर ब्लॉक में यूनियन की प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष माया सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को लेकर धरना दिया। और अपनी मांगों को उठाते हुए जुलूस के रूप में कलक्ट्रेट पहुंची और एडीएम को ज्ञापन सौंपा।
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आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष माया सिंह के नेतृत्व में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने धरना दिया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की पौने चार लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं की मागें न माने जाने से संगठन में आक्रोश है। बताया कि 62 वर्ष की उम्र में बिना पेंशन/ग्रेच्युटी और सामाजिक सुरक्षा के जबरन कार्यकत्रियों को सेवानिवृत्त किया जा रहा है। कहा कि सरकार अपने घोषणा पत्र का पालन कर 15 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्री और मिनी आंगनबाड़ी को 10 हजार रुपये मानदेय दे।
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किसी भी कारण से ड्यूटी के दौरान मृत आंगनबाड़ी कर्मियों को सरकार कम से कम दस लाख का मुआवजा दे। प्री-प्राइमरी की ट्रेनिंग लेने वाले वर्कर को प्राइमरी अध्यापक का दर्जा दिया जाए। तीन से छह साल के बच्चों को स्कूलों की तरह किताबें, ड्रेस, जूते, स्वेटर दिए जाएं। इसके अलावा अन्य मांगों को उठाया गया। धरने के बाद कार्यकत्रियों ने जुलूस निकाला। कलक्ट्रेट पहुंचकर एडीएम को ज्ञापन दिया।
प्रतापगढ़ में आंगनवाडी वर्करो ने भरी हुँकार
मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर आंदोलित महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने सोमवार को कचहरी परिसर में धरना दिया। बाद में मुख्यमंत्री को संबोधित 12 सूत्री ज्ञापन कलक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा।
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कचहरी परिसर में आयोजित धरने में जिलाध्यक्ष माधुरी सिंह ने कहा कि सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं का मानदेय वादे के बाद भी नहीं बढ़ाया। ऐसे में कम मानदेय पर काम करते हुए सभी को दिक्कत हो रही है। संघ 12 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलित है। मांगें मानी जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।
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आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी संघ के बैनर तले संडवाचंद्रिका विकासखंड की कार्यकत्री और सहायिकाओं ने सोमवार को ब्लॉक कार्यालय में धरना दिया। इसमें प्रदेश संगठन मंत्री रेखा शुक्ला ने कहा कि सरकार अपना वायदा पूरा करे। मानदेय बढ़ाने के साथ ही 10 साल का कार्यकाल पूरा करने वाली कार्यकत्रियों को सुपरवाइजर के पद पर प्रमोशन किया जाए। कार्यकत्रियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
फतेहपुर में आंगनवाडी वर्करो ने सरकार की नीतियों का किया विरोध
सरकार द्वारा की की जा रही वादा खिलाफी तथा आंगनबाड़ी विरोधी नीतियों से खफा तमाम आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां एवं सहायिकाओं ने सोमवार को जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। 12 सूत्रीय मांगों को पूरा न किए जाने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी देते कहा कि मंगलवार को भाजपा विधायक कृष्णा पासवान के आवास तक थाली बजाकर पैदल मार्च करते सरकार का ध्यान आकर्षित कराते हुए न्याय दिलाए जाने की मांग की जाएगी।
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के तत्वाधान में आयोजित धरना प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष सुनंदा तिवारी की अगुवई में नहर विभाग के मैदान में नारेबाजी की गई। जिलाध्यक्ष ने बताया कि संघ के पदाधिकारियों द्वारा कई बार पत्र लिखकर आंगनबाड़ी वर्कर से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए मांग की गई। लेकिन कोई विचार नहीं किया गया है। मांगों को बताते हुए कहा कि आंगनबाड़ी महिलाओं को 62 वर्ष पूरे होने पर जबरन सेवानिवृत्त कर दिया गया। जिन्हे कोई पेंशन, ग्रेच्युटी एवं समाजिक सुरक्षा नहीं दी गई। सरकार अपने घोषणा पत्र के तहत आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री को 15 हजार रुपए तथा सहायिकाओं को 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानेदय नहीं दिया जा रहा है। ऐसे ही 12 सूत्रीय मांगे रहीं।
मुजफ्फरनगर में आंगनवाडी वर्करो ने सरकार से माँगा सम्मानजनक मानदेय
मुजफ्फरनगर प्रान्तीय पदाधिकारियों के आहवान पर महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष कृष्णा प्रजापति के नेतृत्व जनपद की आंगनबाडियों आशा, संगिनी, रसोईया महिलाओं ने संयुक्त रूप से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया।
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सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंची जिला अध्यक्ष कृष्णा प्रजापति ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने आगंनवाडी को 120 दिन के अन्दर सम्मान जनक वेतन/मानदेय का वादा लिखित व मौखिक किया था, आज तक किसी को एक नया पैसा अतिरिक्त नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि दोबारा उसी झूठे वादे को दोहराते हुए मुख्यमन्त्री ने 21 फरवरी 2019 में 1500 रु. मानदेय वृद्धि की घोषणा खुले मन्च से पूरे प्रदेश की जनता के सामने की परन्तु आज तक पूरे प्रदेश में किसी को एक पैसा नहीं मिला।
दस हजार मानदेय की मांग को लेकर हापुड की आंगनवाडी धरने पर
हापुड़ विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की पदाधिकारियों व कार्यकत्रियों ने नगर पालिका परिषद में स्थित गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन किया। साथ ही एक ज्ञापन उच्चाधिकारियों को सौंपकर जल्द से जल्द मांगों को पूरा करने की मांग की।
कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष लवकेश त्यागी ने बताया कि बहुत सारी मांग लंबित पड़ी हुई है। इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका तीन दिन के धरना प्रदर्शन पर हैं। कार्यकत्रियों का मानदेय 15 हजार रुपये और सहायिका का वेतन 10 हजार रुपये होना चाहिए। प्रोत्साहन राशि को सभी के मानदेय में जोड़कर देना चाहिए। स्वंय सहायता समूह को आंगनबाड़ी से अलग किया जाए। वह किसी भी हाल में आर्थिक शोषण बर्दाश्त नहीं करेंगी। धरने को संबोधित करते हुए संरक्षक टेकचंद ने बताया कि आंगनबाड़ी को 63 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त करने के बाद ना कोई पेंशन, फंड, एकमुश्त सहायता धनराशि दिए बगैर घर भेज दिया गया है। जिस कारण उनका बाकी जीवन कैसे व्यतीत होगा। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इस कमरतोड़ महंगाई में खर्चा चलाना काफी मुश्किल है। सेवानिवृत्त होने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को छह हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाए। साथ ही पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी जाए। यदि सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं करती है तो संगठन आंदोलन करने को मजबूर होगा।
बहराइच में संयुक्त मोर्चा के बैनर पर आंगनवाडी ने किया धरना
विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को आंगनबाड़ी कमचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता आंगनबाड़ी संघ की जिलाध्यक्ष सुनीता आर्या ने किया।
प्रदर्शन के बाद संघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। जिलाध्यक्ष सुनीता आर्या ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनने के 120 दिन के भीतर विभिन्न आंगनबाड़ी कर्मचारियों को सम्मानजनक मानदेय देने का वादा किया था। साथ ही सात जून 2017 को वार्ता कर संगठन को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाकर 10 हजार करने की बात कही थी। जो कि अभी तक लंबित है और सरकार का कार्यकाल पूरा होने को है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष कोकिला सिंह ने बताया कि सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायकाओं को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिलाए जाने से पूर्व तक 18 हजार व नौ हजार का मानदेय देने, 10 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर योग्तानुसार मुख्य सेविका पर पदोन्नति, 62 वर्ष पर सेवानिवृत्त हुई कार्यकत्रियों को पेंशन व ग्रेच्युटी आदि की मांग की गई है।
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गोंडा में आंगनवाडी धरने पर ,सपा जिला अध्यक्ष ने किया समर्थन
गोंडा महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने सोमवार को जिला पंचायत सभागार के सामने के टीन शेड के नीचे धरना दिया। संगठन के बैनर तले पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। संगठन ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता को सौंपा।
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कार्यक्रम को प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश दीक्षित, जिला संयोजक संगम लाल शर्मा, मण्डल संरक्षक राजेश श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष प्रेम कुमारी यादव ने सम्बोधित किया। इसके बाद सौंपे गए ज्ञापन में 62 साल की आयु सीमा पर रिटायर की गई कार्यकर्त्रियों को विभाग में दोबारा काम पर लगाए जाने की मांग की गई है। संगठन ने कहा कि बिना किसी पेंशन व ग्रेच्युटी के कार्यकर्त्रियों को रिटायर कर दिया जाना असंवेदनशीलता का प्रमाण है।
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रिटायर कार्यकर्त्रियों के हित के लिए अदालत में लम्बित याचिका पर निर्णय आ जाने के बाद ही भर्ती किए जाने की मांग की है। मांग पत्र में मंत्री से चुनावी घोषणा पत्र की याद दिलाया। मानदेय 15 हजार और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र की कार्यकर्त्रियों को 10 हजार रुपये करने, ड्यूटी के दौरान होने वाली कार्यकर्त्रियों व सहायिकाओं की मौत के मामले में 10 लाख रुपये मुआवजा दिलाने,मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र को पूर्ण आंगनबाड़ी केन्द्र में बदलने, गर्मी व सर्दी में 15-15 दिनों को अवकाश दिलाने, प्री प्राइमरी का प्रशिक्षण लेने वाली वर्कर को प्री प्राइमरी अध्यापक का दर्जा देने व उसी हिसाब से वेतन देने समेत कई मांगे उठाई गई हैं।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष आनन्द स्वरुप यादव उर्फ पप्पू यादव ने धरना स्थल पर पहुंचकर समर्थन किया। उन्होंने कार्यकर्त्रियों व सहायिकाओं से कहा कि उनकी मांगे वाजिब हैं। जिलाध्यक्ष ने भरोसा दिया कि वे उनकी मांग को पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कराएंगे।
बाराबंकी में आंगनवाडी मांगो को लेकर दिया ज्ञापन
बाराबंकी महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले कार्यकत्रियों ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को गन्ना कार्यालय परिसर में धरना दिया। कर्मचारियों का कहना है कि पूर्व में की मांगों के संबंध में शासन स्तर पर वार्ता कराने को कोई पत्र उपनिदेशक द्वारा नहीं दिया गया।
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जिससे आक्रोशित कार्यकत्रियों ने धरना शुरू किया है। जब तक शासन स्तर पर वार्ता कर समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक धरना जारी रखने की चेतावनी दी गई। संघ की अयोध्या मण्डल व जिलाध्यक्ष मनीषा कनौजिया के नेतृत्व में सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिका धरने में एकत्र हुई।
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मनीषा कनौजिया ने कहा कि आंगनबाड़ी महिलाओं को 62 वर्ष की उम्र में बिना पेंशन, ग्रेच्युटी और सामाजिक सुरक्षा के जबरन सेवानिवृत्ति कर दिया गया उनको वापस लिया जाए। अथवा सभी अधिकार दिए जाएं। सरकार ने 15 हजार मानदेय कार्यकत्रियों, 10 हजार मिनी आंगनबाड़ी व सहायिका का मानदेय दिया जाए, किसी भी कारण से कार्यकत्रियों व सहायिकाओं की मौत होने पर 10 लाख रुपये मुआवजा व परिवार की बहू बेटी को नौकरी दिए जाने, किराए के भवनों का किराया समय पर दिए जाने, मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्र में बदले जाने, गर्मी और सर्दी में 15-15 दिन का अवकाश देने की मांग की।
कुशीनगर (पडरौना )
महिला आंगनबाड़ी संघ प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को कलक्ट्रेट गेट पर धरना दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री को संबोधित मांगों का ज्ञापन कार्यकत्रियों ने डीएम को सौंपा।
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इसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 62 वर्ष की उम्र में बिना पेंशन ग्रेचुटी और सामाजिक सुरक्षा के जबरन सेवानिवृत किए जाने के निर्णय को वापस लेने की मांग प्रमुख रही।
कलेक्ट्रेट के निकट ही सांसद जनसुनवाई केंद्र पर लोगों की समस्याओं की सुनवाई कर रहे सांसद विजय कुमार दूबे से मिलकर उन्हें भी ज्ञापन की एक प्रति सौंपी। धरना में संगठन की प्रदेश उपाध्यक्ष मीरा दूबे , जिला संरक्षक जितेन्द्र दीक्षित व जिलाध्यक्ष रजिया आगा द्वारा प्रशासन को सौंपे गए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि जिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को 62 वर्ष की उम्र में बिना पेंशन, ग्रेच्युटी एवं सामाजिक सुरक्षा के जबरन सेवानिवृत्त कर दिया गया है , उन्हें पुनः सेवा में वापस लिया जाए अथवा पेंशन ग्रेच्युटी दी जाए। ज्ञापन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 15 के हजार रुपये एवं सहायिकाओं को 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाए। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं बराबर मानदेय दिया जाए। गर्मी एवं सर्दी के मौसम में 15-15 दिनों का अवकाश मिले आदि मांगें शामिल थीं।
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प्रदेश उपाध्यक्ष मीरा दुबे की अगुवाई में सोमवार को कलक्ट्रेट गेट पर जुटी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने नारेबाजी की और 11 सूत्रीय मांगों को लेकर गेट पर धरना देने लगीं।
जौनपुर
गौतम बुद्ध नगर में आंगनवाडी वर्करो ने मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन
आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पर धरना दिया
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इस दौरान जिलाधिकारी के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन सौंपा ज्ञापन सौंपने के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अगुवाई कर रहे एचएस निमेष ने बताया कि मुख्यमंत्री के नाम दस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया है।
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जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 18 हजार रुपये निर्धारित करने, दस वर्षों से सेवाएं दे रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर बनाने, उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित करने, सेवानिवृत होने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एकमुश्त तीन लाख रुपये दिए जाने, पेंशन, दुर्घटना बीमा, पीएफ व इएमआइ के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिक विद्यालयों से जोड़े जाने की मांग की।
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपने के पश्चात विकास भवन तक पैदल रैली निकालकर भी अपना आक्रोश जताया ।
प्रयागराज में आंगनवाडी ने मानदेय बढ़ोत्तरी को किया प्रदर्शन
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को जीजीआइसी ग्राउंड पर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष उर्मिला देवी ने बताया कि 18 अक्टूबर को मांग पत्र विभागीय मंत्री स्वाति सिंह को दिया गया था, लेकिन मांगे पूरी न होने पर प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया। मांगे पूरी न हुई तो संघ सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होगा।
प्रदर्शन में जिला संरक्षक लालचंद्र कुशवाहा ने कहाकि मिशन शक्ति के तहत आंगनबाड़ी कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारी घोषित कराना हमारी प्रमुख मांग है। मांगों में पेंशन, मानदेय, मृत आंगनबाड़ी कर्मियों के आश्रितों को मुआवजा व नौकरी, किराया, मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्र बनाने, गर्मी व सर्दी में 15-15 दिन का अवकाश, ट्रेनिंग प्राप्त कर्मचारियों को प्री प्राइमरी अध्यापक का दर्जा, पोषाहार की रिपोर्ट, फर्जी मुकदमों की वापसी, प्रत्येक पांच साल में सामग्री की खरीदारी, यूनियन की शासन स्तरीय बैठक कराया जाना शामिल है।
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बुलंदशहर में आंगनवाडी वर्करो ने दिया ज्ञापन
बुलंदशहर। राजकीय कर्मचारी घोषित करने और मानदेय में वृद्धि करने समेत अन्य मांगों के समर्थन में सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने नगर के डीएवी तिराहा फ्लाईओवर के नीचे प्रदर्शन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट मीनू राणा को सौंपा।
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महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ उप्र की प्रदेश उपाध्यक्ष सावित्री गौतम ने बताया कि मांग है कि उन्हें राजकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। मानदेय में वृद्धि की जाए। 62 वर्ष पूरी होने पर कार्यकर्ता और सहायिकाओं को पेंशन और दस लाख रुपये फंड के तौर पर दिए जाएं। हाईकोर्ट में विचाराधीन रिट का फैसला आने तक कोई नई नियुक्ति ना की जाए। वर्ष 2017 में आंदोलन के दौरान रोके गए तीन माह के मानदेय का भुगतान किया जाए। शहरी क्षेत्र में किराए पर चल रही आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों का किराया कार्यकर्ता के माध्यम से करने की व्यवस्था की जाए। केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में बनाए गए श्रम कानूनों का पालन सख्ती से कराया जाए। सभी को चिकित्सा सुविधा और वार्षिक त्योहार का अवकाश दिया जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्टेशनरी आदि जरूरी सामान उपलब्ध करवाया जाए।
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ललितपुर में आंगनवाडी धरने को हुई मजबूर
ललितपुर। सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के मंडल प्रभारी रविंद्र कुमार
रावत और जिलाध्यक्ष आभा शर्मा के नेतृत्व में विकास भवन परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद कलक्ट्रेट पहुंचकर डीएम को ज्ञापन दिया।
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प्रदर्शन में मंडल प्रभारी ने कहा कि प्रदेश में पौने चार लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने मांगों व समस्याओं को लेकर कई बार पत्राचार किया, लेकिन अब तक निराकरण नही हो सका है। मांगे पूरी न होने पर संगठन प्रदर्शन करने के लिए मजबूर है। उन्होंने मांगों में बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 62 वर्ष की उम्र में बिना पेंशन व ग्रेच्युटी और सामाजिक सुरक्षा के जबरन सेवानिवृत्त कर दिया है। उन्हें वापस लिया जाए। प्रदेश सरकार अपने घोषणा पत्र का पालन कर 15 हजार आंगनबाड़ी व सहायिका को दस हजार रुपये मानदेय दिया जाए। कहा गया कि ड्यूटी के दौरान मौत होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। इनके परिवार की बहू या बेटी को सीधी भर्ती की जाए। जो केंद्र किराए पर चल रहे हैं, वहां वर्कर द्वारा मकान मालिक को समय पर भुगतान कर दिया जाए। गर्मी व सर्दी में 15-15 दिन का अवकाश दिया जाए। प्री प्राइमरी वाली वर्करों को प्री प्राइमरी अध्यापक का दर्जा दिया जाए। सभी मिनी आंगनबाड़ी को पूर्व आंगनबाड़ी केंद्र का दर्जा दिया जाए।
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फिरोजाबाद में सरकार के खिलाफ आंगनवाडी वर्करो की नारेबाजी
जनपद में महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की आंगनवाडी वर्करो ने सोमवार को विकास भवन के बाहर धरना दर्शन किया। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। आंगनवाडी वर्करो ने राज्य कर्मचारी का दर्जा दिए जाने और आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री- प्राईमरी का स्कूल का दर्जा देने पर व्यवस्थाएं किए जाने की मांग की। धरना प्रर्दशन करने के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के आह्वान पर सोमवार को जनपद की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विकास भवन के बाहर धरना दर्शन किया। धरने का नेतृत्व करते जिला अध्यक्ष ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री- प्राइमरी स्कूल का दर्जा दिया जा रहा है। ऐसे में उसी के अनुरूप बच्चों को भोजन, ड्रेस के साथ अन्य सुविधाएं दी जानी चाहिए। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पूर्व जिलाध्यक्ष लटूरी सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने हक की आवाज बुलंद कर रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 62 वर्ष की उम्र में बिना पेंशन एवं ग्रेच्युटी के रिटायर कर दिया जाता है।