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सीतापुर में बड़ी तादाद में आवेदन निरस्त

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सीतापुर में 1670 आवेदन निरस्त

जनपद सीतापुर में ऑनलाइन आंगनवाड़ी भर्ती में आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी व सहायिका के 1043 पदों पर 13638 आवेदकों ने आवेदन किया। आनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख 17 जुलाई निर्धारित थी जिसमे एक बड़ी संख्या में 1670 आवेदकों के आवेदन पत्र अपूर्ण पाए गए गए हैं। जिससे इनका आवेदन निरस्त कर दिया गया है
अब पात्र आवेदन पत्रों की छंटनी का काम हो रहा है। इसके लिए आवेदकों से आवेदन की हार्ड कापी व अपलोड किए गए डॉक्यूमेंट की हार्ड कॉपी को जमा कराया जा रहा है। हार्ड कापी जमा होने के बाद आवेदन पत्र और अपलोड किए गए दस्तावेज का मिलान भी किया जायेगा । मिलान व जांच के बाद ही प्रक्रिया पूरी होगी।

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रिक्त पदों के सापेक्ष सबसे अधिक 9162 आवेदन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए भरे गए हैं। जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 447 पद रिक्त हैं वहीं मिनी आंगनबाड़ी के लिए 1078 आवेदकों ने आवेदन किया है। सहायिका पद पर 3398 आवेदन आए हैं।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी व सहायिका पद के श्रेणीवार आवेदनों में अनारक्षित वर्ग से 4413 आवेदकों ने आवेदन किया है। वहीं पिछड़ा वर्ग के 4937 आवेदकों ने फार्म भरा है। 4280 आवेदन अनुसूचित जाति के आवेदकों के हैं। अनुसूचित जनजाति के आठ आवेदकों ने फॉर्म जमा किया है

बागपत में चल रहा घर घर कुपोषण खत्म करने का अभियान

बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए संचालित सुपोषण माह में संभव अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां घर घर जाकर बच्चों की सेहत का ध्यान रखेंगी और परामर्श देने का काम करेंगे। जिसमें बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ गर्भवती व धात्री महिलाओं को विशेष परामर्श दिया जाएगा। जिले के सभी केंद्रों पर अभियान संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा सैम मैम व सामान्य बच्चों के लिए प्रबंध भी करने का कार्य चल रहा है।

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डीपीओ विपिन मैत्रेय ने कहा है कि दो अक्तुबर तक संभव अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें जिले में कुपोषण का ग्राफ कम करने का काम किया जा रहा है। सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच कराकर श्रेणी की सूची बनाई जा रही है
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बागपत जिले में कुल 1338 आंगनबाड़ी केंद्र विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे है, इन केंद्रों में 873 आंगनबाड़ी कार्यकत्री, 890 मिनी कार्यकत्री व 841 सहायिएं तैनात है। इसके अलावा 190 कार्यकत्री, 263 मिनी कार्यकत्री व 240 सहिकाओं के पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

शासन ने संभव अभियान संचालित कर कुपोषित बच्चों को सैम, मैम व सामान्य श्रेणी में चिन्हित करने और उन्हें कुपोषण श्रेणी से बाहर निकालकर स्वस्थ्य करने के आदेश जारी किए है। जिसके चलते जिले के 1338 आंगनबाड़ी केंद्रों पर संभव अभियान जोरों पर चलाया जा रहा है।

बाल विकास में कर्मचारियों के तबादले पर संघ ने जताया रोष

icds निदेशालय लखनऊ में लिपिक संवर्ग के हुए तबादलों के खिलाफ कर्मचारी संगठनों ने निदेशक महोदया के आपत्ति दर्ज करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि निदेशक ने शासन के अनियमित तरीके से नीतियों के विपरीत समूह ‘ग’ और ‘घ’ के कर्मचारियों कर्मियों का तबादला किया है।

10 साल से जमे अधिकारियो पर निदेशालय मेहरबान क्यों ?

कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजीत और प्रताप यादव और महामंत्री बाल विकास सेवा अभिषेक बाजपेई ने सीएम एवं पुष्टाहार कर्मचारी को लिखे पत्र में कहा है । समूह ‘ग’ और ‘घ’ के कर्मचारियों के तबादले में सेवा अवधि को आधार बनाकर स्थानांतरित करने का कोई जिक्र नहीं किया गया है। इसके बावजूद निदेशक महोदया ने लिपिकों से बिना विकल्प लिए ही उन्हें सुदूर जिलों में स्थानांतरित किया गया है। संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि नियम के विरुद्ध कौशांबी, सुल्तानपुर, वाराणसी और गाजीपुर के जिलाध्यक्षों का भी तबादला कर दिया गया है। जबकि स्थानांतरण नीति आदेश में उल्लेख है कि संगठन में पद धारण की तिथि से दो वर्ष तक किसी पदाधिकारी का तबादला नहीं किया जाएगा। संघ ने अनियमित तरीके से लिपिकों के हुए तबादलों को निरस्त करने की मांग लिखा पत्र की है।

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