आंगनबाड़ी केंद्रों से प्राथमिक स्कूल में पहुंचने वाले बच्चों पर विशेष फोकस रखने की पहल
आंगनवाडी न्यूज़
तीसरी कक्षा तक के बच्चे बुनियादी संख्या ज्ञान में बनेंगे निपुण
पीलीभीत पूरनपुर। फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी के तहत बीआरसी पर 20-20 शिक्षकों को दो बैच लगाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ट्रेनर कपिल गुप्ता, मोहम्मद ताहिर, बृजेश मौये ने बताया कि बीआरसी क्षेत्र के सभी प्राथमिक स्कूलों के करीब 11 सौ शिक्षक-शिक्षामित्रों को चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाना है। एक फरवरी से प्रशिक्षण चल रहा है। शुक्रवार को 40 शिक्षक-शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण समाप्त हो गया। इसमें उनको बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा कैसे मजबूत करें, बुनियादी संख्या ज्ञान में कैसे निपुण बनाए आदि के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
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सरकार की योजना के तहत अब परिषदीय स्कूलों में तीसरी कक्षा के बच्चे भी फर्राटे से पढ़ने-लिखने लगेंगे। इन बच्चो को बुनियादी संख्या ज्ञान और प्रभावी संवाद में निपुण किया जा रहा है । यह सब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी (एफएलएन) कार्यक्रम के जरिए किया जायेगा । इसी एफएलएन कार्यक्रम के तहत ही प्री स्कूलिंग को बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है
बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित परिषदीय स्कूलों के बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता मजबूत करने को समय-समय पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। अब आंगनबाड़ी केंद्रों से प्राथमिक स्कूल में पहुंचने वाले बच्चों पर विशेष फोकस रखने की पहल की गई है। ताकि वह बुनियादी शिक्षा में निपुण हों। जनपद के पूरनपुर बीआरसी की सुचना के आधार निपुण भारत के अंतर्गत एफएलएन कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक-शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी के तहत प्री स्कूलिंग को बेहतर बनाया जाएगा। आंगनबाड़ी केन्द्रों के पंजीकृत बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ साथ अब तीन साल से ही बच्चों की पढ़ाई पर फोकस होगा। तीसरी कक्षा के बाद प्राथमिक स्कूल में बच्चों को उस स्तर तक पहुंचा दिया जाएगा कि वह वाक्य बनाना सीख जाए और एक हजार तक की गिनती कर ले। एफएलएन कार्यक्रम के अनुसार हर बच्चा पढ़ने-लिखने और बुनियादी संख्या ज्ञान के स्तर को बढ़ाने व बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर बनाने के साथ साथ प्रभावी संवाद में निपुण बने।
3 से 5 वर्ष के दिव्यांग बच्चों का सर्वे कर आंगनबाड़ी केंद्र पर किये जायेंगे पंजीकृत
उरई के माधौगढ़ ब्लाक संसाधन केंद्र परिसर पर समेकित शिक्षा के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण खंड शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में किया गया। प्रशिक्षण के दौरान एबीएसए नेत्रपाल सिंह ने बताया कि समेकित शिक्षा के तहत हमारा मुख्य कार्य गांव में 3 से 5 वर्ष के दिव्यांग बच्चों का सर्वे कर आंगनबाड़ी केंद्र पर पंजीकृत कराना हैं। और साथ ही सामान्य बच्चों की तरह उनके अधिकार प्रदान करना हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में आंगनवाडी वर्करो को सीखाया जाए, उसी शिक्षा को आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रयोग करते हुए बच्चों को खेल- खेल में सिखाएं और उन बच्चो की शैक्षिक गुणवत्ता में उन्नति करें।
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बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए प्रशिक्षण के दौरान मौजूद सुपरवाइजर सीमा सिंह ने बताया इस कार्यशाला के माध्यम से हम दिव्यांग बच्चों को विद्यालय से जोड़कर, भयमुक्त शिक्षा प्रदान करेंगे। केंद्र सरकार की इस बहुत ही महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत आंगनवाडी केन्द्रों के बच्चो को प्राथमिक स्कूलों से जोड़ा जा रहा हैं,जिसके तहत दिव्यांग बच्चों को सर्वे कर उन्हें कक्षा में इस तरीके से तैयार करना हैं, कि उनके अंदर हीन भावना ना रहे।