आंगनवाडी केंद्रों में ग्रीष्मावकाश होगा या नहीं, फ़ैसला बुधवार को
आंगनवाडी न्यूज़
गाजीपुर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा लाभार्थियों को विभाग की सेवाओं के संबंध में जागरूक करने के लिए गाजीपुर सहित उत्तर प्रदेश भर में 26 मई को ‘पोषण पाठशाला’ का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन की मुख्य थीम ‘‘शीघ्र स्तनपान-केवल स्तनपान’’ निर्धारित की गई है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप पांडेय का कहना है कि निदेशालय द्वारा प्राप्त निर्देश के क्रम में आईसीडीएस विभाग की ओर से प्रथम ‘‘पोषण पाठशाला’’ का आयोजन 26 मई को अपरान्ह 12 से 2 बजे के मध्य एनआईसी के माध्यम से वीडियों कॉन्फेसिंग द्वारा किया जायेगा। पोषण पाठशाला में विभागीय अधिकारियों के अतिरिक्त विषय विशेषज्ञों की ओर से ‘शीघ्र स्तनपान- केवल स्तनपान’ की आवश्यकता, उपयोगिता, विभाग की सेवाओं, पोषण प्रबंधन, कुपोषण से बचाव के उपाय, पोषण शिक्षा आदि के संबंध में हिंदी में विस्तार से चर्चा की जायेगी। वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लाभार्थियों व अन्य द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दिया जायेगा।
पोषण पाठशाला के सम्बन्ध में जारी आदेश पढने के लिए क्लिक करे
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने पोषण पाठशाला के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश समस्त विकास खंड परियोजना व नगर विकास परियोजना के बाल विकास परियोजना अधिकारियों (सीडीपीओ), मुख्य सेविकाओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को जारी कर दिया हैं।
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आदेश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की आशा व आशा संगिनी भी इस वेब लिंक के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़ेंगी। समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने केंद्र पर पंजीकृत अंतिम त्रैमास की गर्भवती एवं धात्री माताएं एवं उनके अभिभावक की उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी। डीपीओ ने बताया कि वर्तमान में जनपद में कुल 4127 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा हैं। इसमें शहरी क्षेत्र में 256 एवं ग्रामीण में 3871 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जाते हैं।
आंगनवाडी केंद्रों में ग्रीष्मावकाश होगा या नहीं, फ़ैसला बुधवार को
सीतापुर जनपद के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा संचालित किये जाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में ग्रीष्मावकाश होगा या नहीं, इस संबंध में बुधवार को निर्णय लिया जायेगा । आंगनबाड़ी केंद्रों पर ग्रीष्मावकाश के सम्बन्ध में दोपहर 12.30 बजे जिला पोषण समिति बैठक एवं विभागीय समीक्षा में चर्चा की गयी जिसमे फेसला बुधवार को लिया जायेगा नहीं।
अवगत हो कि राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आंगनबाड़ी केंद्रों में ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू कराने के निर्देश जारी किए हैं। जिसमे वरिष्ठ सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश में कोविड का खतरा मंडरा रहा है। 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों का टीकाकरण अभी शुरू नहीं हुआ है। और साथ ही गर्मी व लू बढ़ गई है। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों एवं प्री-प्राइमरी से कक्षा आठ तक के विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश शुरू कराया जाए, जिससे बच्चों को कोविड व गर्मी से सुरक्षित किया जा सके।
जारी पत्र के संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकूपर ने कहा कि इस आदेश के संबंध में डीएम की सहमति पर आंगनबाड़ी केंद्रों को जून महीने में बंद किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में गर्मियों की छुट्टियां हो गईं हैं। विद्यालय बंद हो गए हैं। ऐसे में उन आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन बंद हो गया है, जो प्राथमिक या उच्च प्राथमिक विद्यालयों के भवन में संचालित थे। आयोग ने आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ ही प्री-प्राइमरी से कक्षा आठ तक के विद्यालयों में भी ग्रीष्म अवकाश प्रारंभ कराने को कहा गया है। पत्रावली जिलाधिकारी को भेजी गई है। बुधवार को डीएम की अध्यक्षता में हो रही जिला पोषण समिति की बैठक में फैसला हो जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राज कपूर ने बताया कि हर रोज सीडीपीओ और आंगनबाड़ी वर्करो के फोन आ रहे हैं कि प्रधान और अध्यापक ने विद्यालय बंद कर दिया है विद्यालय बंद की स्थिति में आंगनवाडी केन्द्रों को खोलने के लिए चाभी नहीं दे रहे हैं।
जनपद में ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 2,400 है। जो विधालय बंद होने की वजह से आंगनवाडी केंद्र भी बंद हो गये है जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 4232 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें केवल 850 आंगनबाड़ी केंद्रों के खुद के भवन हैं। वहीं, 250 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र बरातघर या अन्य पुराने भवनों में संचालित हो रहे हैं। वहीं, 732 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र खुले में संचालित होते हैं।