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आंगनवाडी केन्द्रों पर बने बेबी शोचालय बने कबाड़

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50 परसेंटाइल स्कोर करने वाले होंगे आवेदन के पात्र

एडेड माध्यमिक स्कूलों में लिपिकों के चयन प्रक्रिया का निर्धारण कर दिया गया है। प्रबंधतंत्र रिक्तियों की सूचना डीआईओएस को देंगे। डीआईओएस सत्यापन कर प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजेंगे। निदेशक के आदेश के बाद डीआईओएस विज्ञापन निकालेंगे। अभ्यर्थी आवेदन पत्र संबंधित स्कूल को रजिस्टर्ड डाक से भेजेंगे। 18 से 40 वर्ष की आयुसीमा वाले आवेदन कर सकेंगे। अनारक्षित, ओबीसी वर्ग के लिए 750 रुपए और एससी-एसटी व ईडब्लूएस वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 500 रुपए आवेदन शुल्क है। अभी तक प्रबंध तंत्र जिसे चाहते थे उसे भर्ती कर लेते थे। इसके लिए तय प्रक्रिया में सरकार का कोई दखल नहीं था। लेकिन अब चयन में पीईटी में न्यूनतम 50 पर्सेंटाइल स्कोर पाने वाले अभ्यर्थी पात्र होंगे। 20 नंबर का साक्षात्कार और 80 नंबर पीईटी परीक्षा के पर्सेंटाइल स्कोर से मेरिट बनाई जाएगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने आदेश जारी कर दिया है।

पीईटी में सर्वाधिक पर्सेंटाइल पाने वाले 10 अभ्यर्थियों को पहले टंकण परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा।पीईटी परीक्षा के बाद शार्टलिस्ट युवाओं की टंकण परीक्षा होगी और ये केवल पात्रता परीक्षा होगी चयन समिति अध्यक्ष संबंधित स्कूल प्रबंधक या प्रबंध तंत्र द्वारा नामित व्यक्ति होगा। डीआईओएस, जिला सेवायोजन अधिकारी, आईटीआई के प्रधानाचार्य सदस्य होंगे। सदस्यों में एससी, एसटी या ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधि न होने पर जिलाधिकारी द्वारा प्रतिनिधित्व के लिए अधिकारी को नामित किया जाएगा।

श्रमिक कार्ड घर बेठे केसे बनाये

अलीगढ़ योगी सरकार ने श्रमिकों के हितों को एक और योजना शुरू की है। अबकी बार सरकार ने श्रमिकों का जीवन बीमा के साथ स्वास्थ्य बीमा कराने की योजना शुरू की है। ई-श्रम कार्ड योजना के जरिए श्रमिक इस योजना का लाभ उठा सकते है। शासन ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस योजना में पंजीकरण कराने का फरमान श्रम विभाग को जारी किया है। जिसके तहत विभाग ने कार्य शुरू भी कर दिया है। इस योजना के तहत श्रमिकों का जहां दो लाख रुपये का जीवन बीमा होगा, वहीं पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा किया जाएगा। इस योजना में 16 साल से लेकर 59 साल तक लोग ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन करा सकते हैं।

असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक ई-पोर्टल पर जाकरण पंजीयन करा सकते हैं। यह पंजीयन पूरी तरह से नि:शुल्क है। जिसमें आणार नंबर, आधार लिंक बैंक अकाउंट, व आधार लिंक मोबाइल नंबर की जरुरत होगी। पंजीयन किसी भी जन सुविधा केंद्र, ई-ेवा केंद्र, लोकवाणी तथा स्वत: कंप्यूटर, लैपटाप या मोबाइल से किया जा सकता है। ई-श्रम कार्ड योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा असंगठित श्रमिकों का पंजीयन कराया जा रहा है। इस योजना के तहत श्रमिक का दो लाख का जीवन बीमा व पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा होगा।

असंगठित कामगारों में धोबी, माली, मोची, नाई, बुनकर, कोरी, जुलाहा, रिक्शा चालक, घरेलू कामगार, कूड़ा बीने वाले, ठेला चलाने वाले फुटकर फु-फूल विक्रेता, चाय, चाट या डोसा की रेड़ी लगाने वाले, फुटपाथ व्यापारी, हमाल व माली, कुली आदि पात्र है। और ईएसआई पंजीकृत, पीएफ पंजीकृत, सरकारी कर्मचारी का पंजीयन नहीं होगा

श्रमिक कार्ड के लिए पात्र श्रेणी की सूची के लिए क्लिक करे

सीडीपीओ संघ ने उठाई 50 प्रतिशत प्रोन्नति की मांग

लखनऊ बाल विकास पुष्टाहार के अधिकारियों ने सीडीपीओ संवर्ग के काडर पुनर्गठन की मांग की है। cdpo संघ के अध्यक्ष एके पाण्डेय का कहना है कि 1975 से सृजित विभाग में आज तक एक बार भी कैडर पुनर्गठन नही हो पाया है जिससे अधिकांश बाल विकास परियोजना अधिकारी एक ही पद से सेवानिवृत्त हो जाते है। मार्च 2019 में अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में संघ के प्रतिनिधियों की बैठक में शीघ्रता से सीडीपीओ संवर्ग के कैडर पुनर्गठन पर सहमति बन गयी थी।प्रांतीय बाल विकास परियोजनाधिकारी कल्याण संघ ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक देवेश चतुर्वेदी से मुला़कात करके संघ की मांगों को सामने रखा। संघ ने जानकारी दी कि ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के एक ही पद से रिटायर हो जाने और प्रोन्नति के अवसर न होने के बावजूद कैडर रिव्यू कार्रवाई दो सालों से ठप पड़ी है।

पद सृजित करने का क्या है प्रस्ताव……

प्रस्ताव में सभी 18 मंडलों के अलावा मुख्यालय में भी उप निदेशक के 10 पद सृजित किए जाएंगे। फिलहाल मुख्यालय में उप निदेशक के 7 पद सृजित हैं। ये दोनों पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे। डीपीओ का पद भी 50 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाएंगे। जबकि 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती होगी। मुख्यालय स्तर पर संयुक्त निदेशक के 2 पद सृजित किए जाने का प्रस्ताव है। इसमें एक पद संयुक्त निदेशक प्रशिक्षण व एक पद संयुक्त निदेशक अनुश्रवण या मूल्यांकन का होगा। अब तक ये पद नहीं हैं। इसी तरह सीडीपीओ के 50 प्रतिशत पदों को सीधी भर्ती और शेष 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति से भरने का प्रस्ताव है। प्रोन्नति कोटे में सीडीपीओ की अनुपलब्धता की स्थिति में मुख्य सेविकाओं को प्रोन्नति दी जाएगी।

आंगनवाडी केन्द्रों पर लगाये पोषण बगिया

हमीरपुर कुरारा कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को विषय स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु घर में लगाएं सेहत की बगिया पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.मोहम्मद मुस्तफा ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कार्यकत्रियों को बताया कि अपने-अपने गांव में आंगनवाड़ी केंद्र पर गृह वाटिका मॉडल के रूप में स्थापित करें। कुपोषण मुक्त जिला बनाएं और घर की बगिया से शुद्ध ताजी जैविक सब्जी उत्पादन करें। डॉ.एसपी सोनकर ने नवाचार तकनीकी अपनाने पर बल देते हुए कहा कि अधिक उपज देने वाली सब्जी व फल की क्षेत्र विशेष प्रजातियों का चयन कर घर की बगिया में लगाएं और भरपूर उत्पादन ले।

आंगनवाडी केन्द्रों पर बने बेबी शोचालय बने कबाड़

बिजनोर जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कुछ वर्ष पहले स्वच्छता के नाम पर 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में बेबी शौचालय बनाए गए थे। करीब तीन हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बेबी शौचालय बनवाए गए थे। एक बेबी शौचालय के निर्माण पर करीब 12 हजार रुपये खर्च हुए थे। बतादें कि इनकी ऊंचाई इतनी कम है कि इसमें बड़ा बच्चा या आदमी प्रवेश नहीं कर सकता। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बने बेबी शौचालय की हालत खराब है। बेबी शौचालय कबाड़ स्थिति में है। बच्चों के लिए बनाए गए इन बेबी शौचालयों का इस्तेमाल बच्चे नहीं कर पाए। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही आंगनबाड़ी पर बने बेबी शौचालयों का कायाकल्प किया जाएगा। इन शौचालयों का प्रयोग शायद ही कभी किसी बच्चे ने किया हो। बच्चों ने इस्तेमाल किया नहीं और जिले में बेबी शौचालय के निर्माण पर लाखों रूपये पानी की तरह बहाया गया। पिछले दो सालों से कोरोना के चलते बेबी शौचालय बंद पड़े है। हालात ऐसे हैं कि काफी बेबी शौचालय कबाड़ हो गए हैं।

जिला पंचायत राज अधिकारी सतीश कुमार ने कहा कि शौचालय का निर्माण हुआ था। स्कूलों में कायाकल्प का कार्य चल रहा है। जल्द ही आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प भी कराया जाएगा। कायाकल्प के दौरान खराब हालात वाले बेबी शौचालयों का भी कायाकल्प कराया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी नागेन्द्र मिश्रा ने कहा कि पिछले दो साल से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बने बेबी शौचालय कोरोना के कारण बंद थे। काफी बेबी शौचालयों की मरम्मत कराई गई है। जो खराब हालत में है उन्हें भी जल्द ही ठीक कराया जाएगा।

Aanganwadi Uttarpradesh

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