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आंगनवाडी न होने से समूह की महिलाओ ने पोषहार में किया बड़ा घोटाला

आंगनवाडी न्यूज़

नयी शिक्षा नीति के तहत निपुण भारत अभियान में आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन से छह साल तक के बच्चों का नामांकन प्रक्रिया शुरू की जा रही है । आंगनवाडी केन्द्रों पर नामांकित बच्चों को शिक्षा स्वास्थ्य के साथ साथ खाद्य सामग्री दाल, दलिया, चना, सोयाबीन व चावल भी दिया जाता है। लेकिन इन योजनाओ का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है। लेकिन आधार कार्ड न होने की दशा में बच्चो को इन योजनाओं से वंचित होना पड़ता हैं।

लेकिन अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों के अभिभावकों के लिए एक बड़ी खबर है। अब आधार कार्ड के न होने से बच्चे इन योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं हो सकेंगे। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग अब स्वयं आंगनवाडी केंद्र के बच्चों का आधार कार्ड बनाएगा। सरकार के इस फैसले से आधार कार्ड के लिए बच्चों को आधार कार्ड के लिए भागदौड नहीं करनी पड़ेगी। सरकार ने पोस्ट ऑफिस के साथ ही बाल विकास पुष्टाहार विभाग को भी आधार कार्ड बनाने के लिए अधिकृत किया है जिससे आंगनवाडी केंद्र पर ही बच्चो के आधार कार्ड बनाये जायेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के हर ब्लॉक मुख्यालयों पर आधार कार्ड के लिए तकनीकी प्रणाली जल्द स्थापित की जाएगी।

बच्चो का आधार कार्ड बाल विकास विभाग के कर्मचारी को ही नियुक्त किया जायेगा ही। बाल विकास विभाग ने 30 कर्मियों का चयन कर सूची निदेशालय को भेजी थी। इसके लिए पिछले दिनों हुई परीक्षा में 20 कर्मचारी भी उत्तीर्ण हो चुके हैं। अब इन कर्मियों को जल्द ही आधार कार्ड बनाने के समबन्ध में प्रयोग होने वाली विधियों व उपकरण की जानकारी के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

बहराइच के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर का कहना है कि बाल विकास पुष्टाहार विभाग निदेशालय से आधार कार्ड बनाने के लिए तकनीकी प्रणाली मुहैय्या करा दी गई है।आधार बनाने की यह मशीन जिला मुख्यालय पर भी होगी। शासन से जिले में कुल 15 तकनीकी प्रणाली विभाग को दी गयी है। जल्द ही इन मशीनों को इंस्टोल किया जाएगा।

  1. जन्मतिथि प्रमाण- पत्र
  2. निवास प्रमाण- पत्र
  3. पासपोर्ट साइज दो फोटो
  4. बच्चों का आईकार्ड
  5. अभिभावक का आधार नंबर
  6. अभिभावक का मोबाइल नंबर

आंगनवाडी न होने से समूह की महिलाओ ने पोषहार में किया बड़ा घोटाला

लखीमपुर के खैरहनी क्षेत्र में आंगनवाडी केन्द्रों पर आंगनवाडी वर्करो के न होने से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लाभार्थियों को पोषाहार वितरण किया जा रहा है। लेकिन इस वितरण में ग्रामीणों ने पोषाहार घोटाला करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया है । हंगामा को देखते हुए सीडीपीओ ने मौके पर पहुचकर जांच की तो राशन के कम और ज्यादा पैकेट निकले। सीडीपीओ ने ग्रामीणों को पूरी सामग्री देने की बात कही है।

जिले के निघासन ब्लाक के खैरहनी गांव में शंकर प्रेरणा समूह की ओर से गर्भवती महिलाओं तथा कुपोषित बच्चों को पांच महीने बाद पोषाहार बांटने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां इकट्ठा हुईं थी। चूँकि गाँव की आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुष्पा के जनवरी में रिटायर हो जाने के कारण सहायता समूह की महिलाओ द्वारा पोषाहार बांटा जा रहा है ।ग्रामीणों ने पोषाहार वितरण की जानकारी मिलने पर महिला समूह की सदस्यों से पोषाहार के बारे में पूछा तो उनको संतोषजनक उत्तर नही मिला इस बाबत ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। विभागीय अधिकारियो ने पहुच कर ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने।

हंगामे की सुचना पर गाँव पहुची प्रभारी सीडीपीओ मंजूरानी ने पोषाहार का स्टाक चेक कराया। इसमें एक किलो दलिया के 114 पैकेट कम निकले तथा आधा किलो पैकिंग वाली दलिया के 71 पैकेट ज्यादा निकले। चना दाल के एक किलो के 70 पैकेट कम और आधा किलो दाल के 33 पैकेट ज्यादा निकले। रिफाइंड तेल के आधा किलो के 49 पैकेट कम निकले हैं। इतनी बड़ी मात्र में पोषाहार सामग्री कम निकलने पर ग्रामीणों ने बाल विकास परियोजना दफ्तर के कर्मचारियों से लेकर अन्य कई लोगों की भूमिका पर सवाल उठाया है।

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