आजकल जैसे जैसे सभी कार्य डिजिटल किए जा रहे है उसी तरह चोरों ने भी नए नए हाथखंडे अपनाने शुरू कर दिए है। जिसके कारण ऑनलाइन ठगी की शिकायते बढ़ती जा रही है।
जनता को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाने के लिए अब चोर आंगनवाड़ी वर्करों के नाम पर ठगी कर रहे है। जिसके कारण आंगनवाड़ी वर्करों के लिए भी समस्याएं बढ़ती जा रही है।
आम तौर पर आंगनवाड़ी वर्करों के पास केंद्रों में पंजीकृत अपने लाभार्थियों का मोबाइल नंबर होता है।इसी नंबर को सत्यापित करके लाभार्थियों को राशन व अन्य जानकारी दी जाती है।लेकिन ऑनलाइन की बढ़ती शिकायतों की वजह से आंगनवाड़ी का लाभर्थियो को कॉल करके सत्यापित करना भी दुभर हो गया है। एक ठग ने आंगनवाड़ी का नाम लेकर एक व्यक्ति को लाखो का चूना लगा दिया है।
झारखंड मे चाईबासा जिले के चक्रधरपुर क्षेत्र मे चांदमारी निवासी तपन महतो इसी तरह साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं। तपन ने बताया कि उनको एक आंगनबड़ी सेविका के नाम से कॉल आया और उसने फोन पर बताया कि मैं आंगनबड़ी सेविका बोल रही हूं।
कॉल पर उसने कहा कि आपके बेटे के अकाउंट में बाल विकास विभाग के सीडीपीओ विभाग से पैसा आया है। अगर आपको विभाग का पैसा लेना है तो गूगल पे फोन पर अकाउंट खोलना होगा।
तपन ने जैसे ही गूगल पे फोन खोला उसके अकाउंट से 49 हज़ार 472 रुपये कट गए। पैसे कटने के बाद दुबारा उनके पास कॉल आया। तो तपन ने बताया कि मेरा पैसा कट गया है तो उस आंगनवाड़ी ने कहा कि अगर कटा हुआ पैसा वापस लेना है तो रिफंड में क्लिक करें आपका पैसा वापस आ जायेगा।
उसके बाद जैसे ही तपन ने रिफंड पर क्लिक किया उनका दोबारा 49 हज़ार 472 रुपये कट गया। इसके बाद तपन ने उस नंबर पर कॉल किया लेकिन फोन बंद हो गया लगा नहीं। ठगी का शिकार होने का आभास होने पर तपन ने चक्रधरपुर थाना और बैंक में लिखित रूप से शिकायत दर्ज कराई है।