बरेली सरकार द्वारा कुपोषण को दूर करने की लडाई में जनपद फिसड्डी साबित हो गया है। वर्तमान समय में बाल विकास विभाग के एक सर्वे के अनुसार बरेली में 50 हजार बच्चे कुपोषित पाए गये हैं। इन कुपोषित बच्चो का वजन सामान्य बच्चों के मुकाबले वहुत कम है। जबकि 6250 बच्चों अतिकुपोषित की श्रेणी में पाए गये हैं। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात है कि इन बच्चो में 1502 बच्चों की स्थिति ज्यादा खराब है। इस स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने विभाग के 123 जिला स्तरीय अधिकारियों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर कुपोषण की स्थिति को सुधारने की जिम्मेदारी दी है
अवगत हो कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर 6 माह से छह साल तक के बच्चे पंजीकृत होते है। वर्तमान समय में जिले के 2857 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3.19 लाख बच्चे पंजीकृत है। इन आंगनवाडी केन्द्रों पर 6 माह से तीन साल तक के बच्चे केन्द्रों पर नही आते है जबकि तीन साल से छह साल के बच्चो को आंगनवाडी केंद्र पर शिक्षा ,स्वास्थ्य की जांच आदि गतिविधियों की सुविधा दी जाती है। लेकिन जिले में कराये गये सर्वे के अनुसार 50 हजार बच्चे सामान्य श्रेणी से काफी कम वजन के हैं। जबकि इतनी बड़ी संख्या में 6250 बच्चों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। इन बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत कम है। इसीलिए इनको पोषाहार देने के साथ-साथ इलाज देने की भी जरूरत है।
प्रभारी डीपीओ एके सिंह कुपोषित बच्चों की सेहत सुधारने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पौष्टिक आहार के साथ इलाज की व्यवस्था की जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की जांच हो रहीं हैं। अतिकुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराने पर फोकस किया जा रहा है। जिले में बढ़ते कुपोषण को देखते हुए जिला स्तरीय अधिकारियों को आंगनबाड़ी वर्कर और एएनएम के साथ कुपोषित बच्चों के परिजनों की काउंसलिंग की जिम्मेदारी दी है।
जिले के माननीयो द्वारा आंगनवाडी ने कुपोषित गांवों को गोद लिया था लेकिन इन विधायक और सांसदों ने इन केन्द्रों की कोई खबर नही ली जबकि इन कुपोषित बच्चों की सेहत ठीक कराने में सहयोग करने का वादा किया था।
आंगनवाडी वर्करो और केन्द्रों की निगरानी अब एप से होगी
प्रदेश मे अब आंगनबाड़ी केंद्रों व वर्करो का निरीक्षण के लिए बाल विकास विभाग ने सहयोग एप को लॉन्च किया है इस एप के द्वारा सीडीपीओ और सुपरवाइजर आंगनवाडी का निरिक्षण करेंगी संयुक्त निदेशक सिराज अहमद ने कहा है कि नए एप से विभागीय कामकाज को गति मिलेगी।
ये सहयोग एप शिक्षा विभाग के प्रेरणा पोर्टल की तरह काम करेगा। इस एप से आंगनवाडी केन्द्रों के निरीक्षण ऑनलाइन होंगे साथ ही उस आंगनवाडी केंद्र की लोकेशन भी सटीक दर्ज होगी।
इस एप को चलाने के लिएसीडीपीओ और सुपरवाइजर प्रशिक्षण दिया जा रहा है साथ ही एप के प्रयोग की प्रक्रिया को प्रोजेक्टर के माध्यम से समझाया जा रहा है