बाल विकास विभाग मे मुख्य सेविका के पदो पर भर्ती प्रक्रिया लटकी पड़ी है। वर्ष 2022 मे सुपरवाइजर के पदो पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था लेकिन इस भर्ती में नियमो का अनुपालन न करने के कारण ये भर्ती कोर्ट मे चली गई। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही चयन प्रक्रिया शुरू होगी।
अम्बेडकरनगर जिले में बाल विकास विभाग द्वारा 2551 आंगनबाड़ी केन्द्रो की निगरानी करने के लिए 90 पद सृजित है जबकि सुपरवाइजरों के सृजित पदों के सापेक्ष 71 पद लम्बे समय से रिक्त पड़े हैं।
वर्तमान समय मे जिले मे सिर्फ 19 सुपरवाइजर ही नियुक्त हैं। जबकि छह वर्ष तक बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को पुष्टाहार देने, कुपोषण से मुक्त करने के लिए चलाए जाने वाले अभियान को गति देने में इन सुपरवाइजरों की बड़ी भूमिका होती है।
जिले के इन आंगनबाड़ी केन्द्रों में 0 से छह वर्ष तक के बच्चे लगभग सवा दो लाख, गर्भवती, धात्री व किशोरियां पंजीकृत हैं। साथ ही केन्द्रो पर योजनाओं का बेहतर संचालन के लिए मुख्य सेविकाओं के कुल 90 पद सृजित हैं। ऐसे में मात्र 19 सुपरवाइजरों को केन्द्रो के संचालन में कड़ी मेहनत करनी पड़ रही हैं।एक-एक सुपरवाइजर को कई सेक्टरों की ज़िम्मेदारी दी गई है।
ब्लॉक बार नियुक्त पदो की वर्तमान स्थिति
जिले के अकबरपुर में तीन, टांडा में चार, भीटी, जहांगीरगंज, भियांव, अकबरपुर शहर व बसखारी में एक-एक तथा जलालपुर में दो व रामनगर में तीन मुख्य सेविका की तैनीती है।
क्या कहता है विभाग का नियम
जबकि एक सुपरवाइजर के लिए 25 आंगनबाड़ी केन्द्रों के निगरानी का नियम है। जबकि इस समय एक पर दर्जनों केंद्रों का जिम्मा है।वर्ष 2005 से मुख्य सेविका के पद पर नई भर्ती नहीं हो सकी है।
इस सम्बंध मे जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि पिछले बारह शासन के निर्देश पर मुख्य सेविका के पदो के लिए परीक्षा हो चुकी है। लेकिन कुछ कारणों से ये भर्ती हाईकोर्ट में चली गई है।
अब कोर्ट के आदेश का इंतजार है। ऑर्डर जारी होने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी उसके बाद ही रिक्त पदों पर तैनाती होगी।
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