आंगनवाड़ी भर्ती में आई नई अपडेट,आंगनवाड़ी केंद्रों के पोषाहार के लिए लगेंगे प्लांट,
आंगनवाड़ी न्यूज़
उत्तरप्रदेश में बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार हर दांवपेंच अपना रही है जिससे राज्य में बेरोजगारों को राहत मिल सके और राज्य की बेरोजगारी प्रतिशत में कमी आये लेकिन साढ़े चार साल बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है अगर देखा जाए तो कोरोना की मार से राज्य की अर्थव्यवस्था की हालत बहुत खराब हो चुकी है सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की पूर्ण कोशिश कर रही है इस coivd-19 की वजह से लाखों लोग रोजगार खो चुके है इसीलिए सरकार ने मनरेगा से ज्यादा लोगो को जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया लेकिन कम मजदूरी और वो भी समय से न मिलने के कारण लोगो ने मनरेगा में रुचि नही दिखाई
इस महामारी की वजह से एक बड़ी तादाद में लोगो ने अपनो को खोया जिससे परिवार का पालन पोषण करना भी दूभर हो चुका है परिवार में पुरुष की कमाई पर निर्भर रहने वालों की हालत सबसे ज्यादा खराब हो चुकी है क्योकि अधिकतर परिवार के पुरूष मुखिया पर परिवार की जिम्मेदारी होती है लेकिन इस महामारी में हजारो लोग काल के मुंह मे समा गए और परिवार की स्थिति दयनीय हो गयी इसके लिए योगी सरकार ने निराश्रित महिलाओं के परिवार को देखते हुए उनके अच्छे जीवन यापन हेतु बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग,शिक्षा विभाग ,चिकित्सा विभाग में मानदेय पद के लिए नॉकरी की घोषणा की है
योगी सरकार द्वारा निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी जाएगी व उनकी योग्यता अनुसार आशा,आंगनवाड़ी, रसोइए जैसे पदों पर समायोजित किया जायेगा
आंगनवाडी भर्ती अपडेट
नेटवर्क की समस्याओं को देखते हुए जनपद बाराबंकी, प्रतापगढ़, व गोंडा में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं के पदों हेतु आवेदन की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया है
जनपद गोंडा में अब 22 जुलाई तक आवेदन किये जा सकते है
जनपद बाराबंकी में भी आवेदन की तिथि 22 जुलाई तक बढ़ा दी गयी है
जिला कार्यक्रम अधिकारी बाराबंकी द्वारा आवेदन तिथि को बढ़ाये जाने संबंधी आदेश को पढ़ने के लिए डाऊनलोड करे
उत्तरप्रदेश के रायबरेली जिले में आंगनवाड़ी ऑनलाइन भर्ती ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए है
रिक्त पदों का विवरण जानने के लिए पढ़े
पोर्टल पर दिए गए सभी जिलों में आवेदन करने के लिए क्लिक करे
उत्तरप्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकत्री, मिनी,सहायिका पदों पर भर्ती हेतु नियमावली देखने के लिए क्लिक करे
अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गयी वीडियो देखें
टीकाकरण में लापरवाही
जनपद कौशाम्बी के मंझनपुर में संक्रमण काल में पैदा हुए बच्चों की सेहत के साथ दोआबा में जमकर खिलवाड़ हुआ है। महामारी की बदौलत उन्हें तमाम तरह का टीका नहीं लग पाया है। इसकी वजह से बच्चों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है। इस बेपरवाही का जितना जिम्मेदार चिकित्सा विभाग है, उतने ही अभिभावक भी हैं, हालांकि स्वास्थ्य विभाग अब टीकाकरण को लेकर गंभीरता हो गया है जन्म के साथ ही बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया जाता है। यह टीके उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचाने के लिए लगाए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग समय समय पर टीकाकरण का अभियान चलाता है। साल 2020 के बाद इस वर्ष भी महामारी ने जिले में पांव पसार रखे थे। इसलिए बच्चों के टीकाकरण पर गंभीरता नहीं दिखाई गई। वहीं, अभिभावक भी संक्रमण के डर से सहमे रहे। परिणाम रहा कि संक्रमण काल में दो साल के बीच पैदा हुए जनपद के सैकड़ों बच्चों को कई टीके नहीं लग पाए।कुछ टीके तो ऐसे हैं, जिन्हें लगाए जाने का अब वक्त समाप्त हो चुका है। इससे बच्चों को कभी भी बीमारियां अपनी चपेट में ले सकती है। अभी से स्वास्थ्य की निगरानी नहीं की गई तो भविष्य में परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। हालांकि इसे लेकर चिकित्सा विभाग चौकन्ना हो गया है। टीकाकरण पर फोकस करने के साथ अब बच्चों के स्वास्थ्य की भी निगरानी शुरू कर दी गई है।
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क्या है टीकाकरण के नियम
स्वास्थ्य विभाग में ए एन एम द्वारा आशा व आंगनवाड़ी की मदद से गर्भवती, धात्री,नए जन्मे बच्चो का स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण किया जाता है इसके लिए गर्भवती महिलाओं के लिए कार्ड जारी किया जाता है जिससे समय समय पर महिलाओं का टीकाकरण किया जा सके
जन्म के समय: बीसीजी, ओरल पोलियो वैक्सीन, हेपेटाइटिस-बी |
छह हफ्ते में : टीपीटी-1, आईवीपी-1, ओपीवी-1, रोटावायरल-1, पीसीवी-1 |
दस हफ्ते में : डीपीटी-2, ओपीबी- 2, रोटावायरल-2 |
14 हफ्ते में : डीपीटी-3, ओपीवी- 3, रोटावायरल-2 |
नौ से 12 माहः खसरा, रुबेला-1 |
16 से 24 माह में : खसरा-2, डीपीटी बूस्टर-1, ओपीवी बूस्टर |
पांच से छह साल: डीपीटी बूस्टर-2 दस सालः टिटनेस आदि |
हरदोई में आंगनवाड़ी केंद्रों के पोषाहार लिए लगेगा प्लांट
पोषाहार सही मायने में गुणवत्तायुक्त हो इसके लिए महिला स्वंय सहायता समूहों के संगठन को सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशियन प्रोडक्शन यूनिट लगाने के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम पंचायत के सरकारी भवनों का चिन्हांकन कर यूनिट स्थापित करने की कवायदशुरू कर दी गई है। शासन के निर्देशानुसार नई व्यवस्था के तहत अब पोषाहार सप्लाई की बजाए स्थानीय स्तर पर तैयार करवाना है। आंगनबाड़ी केंद्रो में पंजीकृत बच्चों, महिलाओं और किशोरियों को पोषाहार मिले इसके साथ ही महिला स्वंय सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को रोजगार मिले इसके लिए प्रत्येक ब्लॉक में एक सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशियन प्रोडक्शन यूनिट की स्थापना की जाएगी। पहले चरण में आठ ब्लॉकों में स्थान का चयन किया गया है।ये यूनिट केवल उन्ही ग्राम पंचायतों में लगाई जाएगी जंहा जिस ग्राम पंचायत में दो या उससे कम सरकारी भवन बने हो