अयोध्या जनपद मे शनिवार को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अयोध्या पहुंची और यहां उन्होंने सबसे पहले रामलला के दरबार में उपस्थिती दर्ज की। रामकथा के इस मंच से अपने उद्गार व्यक्त करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा कि अयोध्या जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह आंगनवाड़ी केंद्र बच्चो के संस्कार के केंद्र हैं। अब आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बच्चों की शिक्षा के साथ साथ भोजन की भी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के सौवें वर्ष में विकसित भारत का जिम्मा संभालने वाली युवा पीढ़ी के बारे में प्रश्न किया था। और यही बच्चे आगे चलकर विकसित भारत का जिम्मा उठाऐंगे।
आनंदीबेन ने कहा कि मेरा भगवान राम की नगरी अयोध्या मे बहुत बार आना जाना हुआ है और अब रामलला भी मंदिर में विराजमान हो गये है। इसको लेकर हमने अधिकारियों से पूछा था कि यदि हमारे समाज मे बच्चे नंगे दिखेंगे तो कैसा लगेगा। इसको देखते हुए केन्द्रो का कायाकल्प किया जा रहा है।
आनंदीबेन पटेल ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को संस्कार केंद्र के रुप में विकसित करना जरूरी है। इससे पहले यह प्रयोग गुजरात में शुरू किया गया था जिसकी सफलता को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जा रहा है। इसी क्रम मे अब तक प्रदेश के 12 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों को विकसित किया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि यह समाज के बीच आंगनबाड़ी केंद्र संस्कार की सबसे छोटी इकाई है। अब तक सरकार सिर्फ विश्वविद्यालयों के विषय में सोचती थी लेकिनआंगनबाड़ी केन्द्रो में तीन साल से छह साल के पढ़ने वाले बच्चो के बारे मे कोई ध्यान नहीं देता था।
इसको देखते हुए अब सरकार द्वारा इन आंगनवाड़ी केन्द्रो के बच्चो को अच्छे संस्कार देने के लिए इन आंगनवाड़ी केन्द्रो को विकसित किया जा रहा है जिससे इन केन्द्रो के बच्चो को अच्छी शिक्षा के साथ साथ अच्छे संस्कार मिल सके।