पोषण ट्रेकर में बच्चे का वजन और लम्बाई सहित फीडिंग करना अनिवार्य
आंगनवाडी न्यूज़
गाजीपुर, जनपद में डीएम एमपी सिंह की अध्यक्षता में संभव अभियान के क्रियान्वयन को लेकर शुक्रवार को बैठक में चर्चा करते हुए डीएम ने डीपीओ दिलीप कुमार पाण्डेय को दिशा निर्देशित करते हुए कहा शिशु व बाल मृत्यु में वृद्धि का एक प्रमुख कारण मातृ एवं शिशु कुपोषण है। शासन की ओर से कुपोषण से मुक्त करने के लिए लगातार विभाग की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। इसीलिए संभव अभियान से पूर्व सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर 25 से 30 जून के बीच लिये गये वजन एवं ऊंचाई को लिपिबद्ध करते हुए इसकी फीडिंग पोषण ट्रैकर एप पर करना अनिवार्य है। आंगनवाडी वर्कर पोषण ट्रेकर पर फीडिंग में कोई कोताही न बरते
इस संभव अभियान में कुपोषित (सैम, मैम, गम्भीर अल्प वजन एवं लो बर्थ वेट ) बच्चों के चिन्हांकन, संर्दभन, उपचार एवं प्रबंधन के साथ-साथ कुपोषण से बचाव के लिए भी सामुदायिक गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। इस अभियान को तीन मुख्य मासिक थीम एवं साप्ताहिक थीम पर विभाजित किया गया है। सम्भव‘ अभियान की मासिक थीम पर विषय विशेषज्ञों की ओर से आवश्यक परामर्श के लिए पोषण पाठशाला का आयोजन कचहरी स्थित एनआईसी से वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से किया जाएगा। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण सम्बन्धी जानकारी दी जाएगी
जुलाई माह में सभी आखिरी त्रैमास की गर्भवती महिलाओं व 0-6 माह के बच्चों के घर आशा के साथ संयुक्त रूप से भ्रमण करेंगी। इसके साथ हीं विभिन्न साप्ताहिक थीम जैसे- स्तनपान की सही समय पर शुरूआत, कम वजन के बच्चों की देखभाल कंगारू मदर केयर पर चर्चा की जायेगी। अगस्त माह में 6 माह से 2 वर्ष के बच्चों के घर आंगनबाड़ी कार्यकत्री भ्रमण करेंगी। इस दौरान स्वास्थ्य स्तर की जानकारी, ऊपरी आहार व स्तनपान संबंधी जानकारी, पोषण स्तर का आंकलन करते हुये परामर्श दिया जायेगा।
पोषण ट्रेकर फीडिंग में उन्नाव को मिला पहला स्थान
प्रदेश समेत पुरे देश में कुपोषण दूर करने के लिए भारत सरकार की तरफ से आंगनवाडी केन्द्रों के बच्चो का डाटा पोषण ट्रेकर एप पर पंजीकृत किया जा रहा है इस फीडिंग में उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले को जून महीने में पोषण ट्रैकर एप पर 90.85 प्रतिशत फीडिंग होने पर पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान मिला है। चूँकि जिला पोषण व अभिसरण समिति की बैठक में सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने पोषण ट्रैकर एप पर फीडिंग की समीक्षा करने पर कुछ ब्लॉकों की कम फीडिंग होने पर नाराजगी जताई थी। जिसके कारण अधिकारियो और आंगनवाडी वर्करो द्वारा पोषण ट्रेकर एप पर तेजी दिखाई गयी जिसके कारण प्रदेश में उन्नाव जिले को प्रथम स्थान मिल गया।
उत्तरप्रदेश के सभी जिलो में पोषण ट्रेकर फीडिंग की स्थिति देखने के लिए क्लिक करे
पोषण ट्रैकर एप को लेकर हुई बैठक में जनपद की रैकिंग बताते हुए यूनीसेफ प्रतिनिधि आशीष शुक्ला ने बताया था कि वर्तमान तक जिले की प्रदेश में अच्छी स्थिति है। कुछ ब्लाक में फीडिंग में तेजी दिखाने की जरुरत है जिस पर सीडीओ ने ब्लाक कर्मियों को फटकार लगाते हुए सख्ती कर दी थी। जिसके बाद जनपद में 231296 बच्चों के सापेक्ष 210131 की फीडिंग पोषण ट्रैकर एप पर फीडिंग समय रहते पूरी कर ली गई। जहां कि 85.1 प्रतिशत फीडिंग की गई है।
इस सफलता के लिए सीडीओ सप्ताह में तीन दिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर बच्चों व केंद्रों की प्रगति, ड्राराईराशन, अन्नपूरक पोषाहार वितरण की समीक्षा करते हैं। साथ ही पावर्ड-75 सक्षम कार्यक्रम की समीक्षा में अतिकुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार आदि, सुविधाओं देने की मानीटरिंग भी लगातार कर रहे हैं।