190 के सापेक्ष मात्र 25 सहायिका पदोन्नति की हकदार
कानपुर जिले मे आंगनवाड़ी सहायिकाओं से आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद पर परमोशन करने की प्रक्रिया नये नियमो की वजह से उलझ गयी है। जिसके कारण 190 सहायिकाओ का भविष्य अंधकार मे आ रहा है। प्रदेश मे 2011 के बाद बाल विकास विभाग मे कोई भर्ती नहीं हुई है।
रिक्त पदो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जिसके कारण पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं की नियुक्ति बड़े स्तर पर होनी है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही वजह से ये भर्ती और विभागीय प्रोन्नति नहीं हो सकी है।
बाल विकास विभाग मे नियमानुसार कार्यकत्री के रिक्त पदों पर 50 प्रतिशत नियुक्ति आंगनवाड़ी सहायिका की होनी थी। जिले मे आंगनबाड़ी कार्यकत्री के कुल 380 पद रिक्त चल रहे है। इस नियम के अनुसार कुल रिक्त पदो के सापेक्ष 190 सहायिकाओं की पदोन्नति कार्यकत्री के पद पर होनी चाहिए।
लेकिन शासन द्वारा 2023 मे आंगनवाड़ी भर्ती की नयी नियमावली जारी कर दी गयी है। अब नये नियमानुसार आंगनवाड़ी सहायिका को पदोन्नति के लिए इंटरमीडिएट उत्तीर्ण होना चाहिए साथ ही उसका कार्यकाल नियमित रूप से पांच साल पूर्ण होना चाहिए साथ ही सहायिका की उम्र 50 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
अब ये इंटरमीडिएट उत्तीर्ण वाला नियम सहायिकाओं की पदोन्नति मे सबसे बड़ी बाधा है क्योंकि इससे पूर्व की भर्तियों मे सहायिका की योग्यता के लिए पाँचवी या आठवी मान्य था। और बाल विकास विभाग मे अधिकतर सहायिका की योग्यता आठवी और दसवी ही पास हैं। जिसके कारण कार्यरत सहायिका इन नये नियमो के अनुसार पदोन्नति की पात्र नहीं है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह का कहना है कि जिले में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद पर पदोन्नति के लिए पात्र सहायिका नहीं मिल रही है। जिले मे देखा जाए तो मुश्किल से 20 से 25 सहायिकाएं ही इस पदोन्नति के लिए पात्र मिली है। वैसे पदोन्नति के नियम में इंटरमीडिएट पास होना सबसे बड़ी बाधा सामने आई है। इसके लिए नियमों में कुछ बदलाव करने की मांग की जा रही है। अगर शासन स्तर से नियम में बदलाव किया जाता है तो इन रिक्त पदो पर सहायिका से पद भरे जाएंगे।