जिलो में आंगनवाड़ी वर्करो ने किए धरने,मुख्यमंत्री के नाम भेज रहे ज्ञापन
आंगनवाड़ी न्यूज़
उत्तरप्रदेश में बीजेपी द्वारा 2017 के संकल्प पत्र में आंगनवाड़ी वर्करो को सम्मान जनक मानदेय वृद्धि देने की बात कही थी लेकिन साढ़े चार बीत चुके है लेकिन सरकार अभी तक आंगनवाड़ी वर्करो के मानदेय और सेवा शर्तों में सुधार करने में नाकाम रही 2018 में 1500 रुपए मानदेय बढ़ोत्तरी का झूठा प्रचार प्रसार न्यूज़ चैनल और समाचार पत्रों के माध्यम से किया गया बाद में उसे प्रोत्साहन राशि के रूप में बदल कर उसका जियो जारी कर दिया गया लेकिन वो भी किसी आंगनवाड़ी वर्करो को नही दिया गया इससे नाराज होकर आंगनवाड़ी यूनियन द्वारा सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाकर मानदेय वृद्धि और सेवा शर्तों में बदलाव करने की मांग के लिए धरने पर अड़ गए सबसे पहले महिला आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ द्वारा 9 अगस्त को पूरे यूपी के जनपदों में एक दिवसीय धरना दिया गया जिसमें जिला अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपा गया उसके बाद 17 व 18 अगस्त को आंगनवाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसियन द्वारा धरना जारी कर दिया
17 व 18 अगस्त को यूपी के अलग अलग जनपदों में धरने की घटनाएं
प्रयागराज।
आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष सुशीला देवी द्वारा जनपद प्रयागराज में नियमित किए जाने, प्रमोशन समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों ने मंगलवार को कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन किया।और कलक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपने के साथ उन्होंने मांग नहीं माने जाने पर तेज आंदोलन की चेतावनी दी। इनका कहना था कि आश्वासन के बावजूद सरकार की ओर से उनकी मांग नहीं मानी गई तो आगे भी उनका धरना जारी रहेगा।
मंडल सरंक्षक संतोष मिश्र, जिला संयोजक मौजी लाल रावत का कहना था कि 62 वर्ष की उम्र में कार्यकर्ताओं को सेवा से निकाल दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस पर फैसला आने तक उन्होंने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाए जाने की मांग की
महराजगंज
आंगनबाड़ी कर्मचारी एसोसिएशन के बैनर तले मंगलवार को विभिन्न मांगों को लेकर कार्यकत्रियों ने जनपद मुख्यालय पर धरना दिया। धरने के बाद जिलाध्यक्ष छाया भारती के नेतृत्व में कार्यकत्रियों ने सात सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर सीएम से संबंधित एक ज्ञापन डी एम को सौंपा। जिला संरक्षक राधेश्याम मौर्य ने कहा कि बीजेपी ने वर्ष 2017 के चुनावी घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं का सम्मान जनक मानदेय देने का वादा किया था। उसके बाद मुख्यमंत्री ने भी मानदेय बढ़ाने का वादा किया।
मऊ
आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन के प्रदेश नेतृत्व के आवाह्न पर जिला अध्यक्ष कंचन राय द्वारा मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में अपनी मांगो को लेकर कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। कंचन राय ने कहा कि आंगनबाड़ी कर्मचारियों को 120 दिन के भीतर सेवा शर्तों में सुधार व सम्मान जनक मानदेय देने का वादा किया गया था। लेकिन मुख्यमंत्री के कार्यकाल का साढ़े चार वर्ष बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ है। जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कोरोना जैसी भयावह महामारी में जान जोखिम में डालकर कार्य किया। अगर अपने वादे सेवा शर्तों और सम्मानजनक मानदेय देने के पर सरकार खरी नहीं उतरती तो आगामी चुनाव में विरोध करेंगे।
ललितपुर
जिलाध्यक्ष प्रतिभा कौशिक द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिलाए जाने समेत नौ सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश नेतृत्व के निर्देशन पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने विकास भवन परिसर में धरना प्रदर्शन किया। जिला अध्यक्ष ने कहा कि अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के द्वारा सरकार को अवगत कराने के बाद भी रवैया में बदलाव नहीं किया गया है और न ही किसी प्रकार की सेवा शर्तो में सुधार किया है। इससे संघठन को मजबूरन ही धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। प्रतिभा ने कहा कि कोरोना काल में आंगनबाड़ी पद से कई कार्यकत्रियों को सेवानिवृत्त कर दिया है, जबकि उन्हें पहले ग्राम प्रधान, स्वयं सहायता समूह, कोटेदार व अन्य नई नीतियां बनाकर जोड़ा गया है। जिससे मानसिक रूप से परेशान हैं।
रायबरेली
आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष लीना पाण्डेय व् जिला प्रभारी राकेश शुक्ला के आह्वान पर आठ सूत्रीय मांगो को लेकर को विकास भवन में धरना दिया गया विकास भवन से कलेक्ट्रेट तक विरोध मार्च निकालने के बाद डीएम को ज्ञापन सौंपा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करके सरकार से मांगे पूरी कराने की मांग की। और चेतावनी दी अगर मांगे पूरी न हुई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा जिलाध्यक्ष लीना पांडेय ने कहा कि वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार आते ही 1500 रुपये प्रतिमाह मानदेय बढ़ाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ। धरना देने के बाद कलेक्ट्रेट तक विरोध मार्च निकालकर डीएम को ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री को भेजवाने का अनुरोध किया।
श्रावस्ती
आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसिएशन जिलाध्यक्ष माया जायसवाल द्वारा अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकरभिनगा परिसर में प्रदर्शन कर धरना दिया। धरने की समाप्ति से पूर्व आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसिएशन के बैनर तले मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी तहसीलदार भिनगा के माध्यम से प्रेषित किया। धरना प्रदर्शन के दौरान जिला अध्यक्ष ने कहा कि अब तक उनके लिए कोई सेवा नियमावली नहीं बनाई गई है। जिससे उनका अहित हो रहा है। धरना प्रदर्शन के बाद संगठन से जुड़ी मांगों का मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी तहसीलदार भिनगा को सौंपा गया।
जौनपुर
आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसिएशन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं जिलाध्यक्ष सरिता सिंह ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में दो दिवसीय धरना शुरू किया। इसमेंआंगनवाडी वर्करो ने मानेदय नहीं बढ़ाए जाने पर नाराजगी जताई। साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मानदेय बढ़ाने के लिए मांग उठाई सरिता सिंह सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। कहा कि सरकार ने 7 जून 2018 को संगठन के पदाधिकारियों के साथ हुई बातचीत में मानदेय बढ़ाकर 8 हजार से 10 हजार के बीच करने का आश्वासन दिया था,लेकिन अब तक मानदेय नहीं बढ़ाया उनका कहना था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीएलओ, संचारी रोग के रोकथाम, कोरोना सहित अन्य विभागीय कार्यों को पूरा करने का काम करते हैं। इसके बावजूद अब तक मानदेय नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द मानदेय में उचित वृद्धि करने की मांग की। उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने पर सितंबर माह में विभागीय कार्य ठप कर अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल करने की चेतावनी दी।
प्रतापगढ़
आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष बबिता सिंह ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर विकास भवन में धरना-प्रदर्शन किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। कहा कि उनकी मांगें जल्द पूरी की जाएं, अन्यथा आंदोलन बड़ा रूप लेगा। बबिता सिंह ने कहा कि वर्ष 2017 में सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया था। इसका नतीजा यह रहा कि सरकार को संगठन से वार्ता करनी पड़ी।और सरकार ने मानदेय की बढ़ोतरी की बात कही थी, मगर वादा पूरा नहीं किया गया जबकि सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में मानदेय बढ़ोतरी की बात कही है। सरकार को अपने वादे को सितंबर तक पूरा नही करती है तो कलमबंद हड़ताल होगी। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।
गोरखपुर
प्रदेश अध्यक्ष गीतांजलि मौर्य के आह्वान पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने नगर निगम के लक्ष्मीबाई पार्क में अपनी मांगों के समर्थन में धरना दिया और प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला।और सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। प्रदेश अध्यक्ष गीतांजलि मौर्य ने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा- पत्र में कहा था कि सरकार बनने के 120 दिन के अंदर सेवा शर्तों में सुधार किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानजनक मानदेय दिया जाएगा। सरकार के साढ़े चार साल बीतने को हैं, पर सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि करीना काल में जब लोग घरों से निकलने में डर रहे थे, तब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने लोगों के घरों तक जाकर कोविड मरीजों का हाल जाना। लेकिन सरकार ने 62 की उम्र पूरी कर चुकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर बैठा दिया। और न तो उन्हें पेंशन दी गई न ही ग्रेच्युटी जेसी सुविधाए दी गई। प्रदेश की पौने चार लाख आंगनबाड़ी कार्यकताओं में बहुत नाराजगी है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि सरकार ने मांगे नहीं मानी तो विधानसभा चुनाव में उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
दो दिवसीय धरने को देखते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सभी सीडीपीओ आंगनबाड़ी को निर्देशित करें कि 17 अगस्त को वे अपने केंद्र पर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगी। अनुपस्थित रहने पर मानदेय सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा प्रशासन की तरफ से सभी केंद्रों की जांच के लिए अधिकारियों को लगाया गया था, पर इसका कोई असर नही हुआ। और धरने में हजारो की संख्या एकत्रित हो गयी
शामली
आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष सरिता जयंत के नेतृत्व में कलक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। मांगे पूरी न होने पर सड़क पर उतर कर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में 120 दिनों में आंगनबाड़ी के मानदेय की समस्याओं के समाधान का वादा किया था जो अभी तक पूरा नहीं किया गया। जिला अध्यक्ष ने कहा कि पड़ोसी प्रदेशों में आंगनबाड़ी कार्यकत्री को छह हजार, सात हजार और आठ हजार रुपये तक मासिक मानदेय दे रही है। जबकि प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एक हजार रुपये का मानदेय दिया जाता है। केंद्र सरकार का 4500 रुपये मानदेय मिलाकर 5500 मिलता है