जिले में आंगनबाड़ी पर लगातार नजर रखने के आदेश
आंगनवाड़ी न्यूज़
आंगनवाड़ी पर लगातार नजर रखने के आदेश
फर्रुखाबाद के विकास भवन सभागार में हुई बैठक में सबसे पहले आईजीआरएस के प्रकरण की स्थिति देखी गई तो वहीं आंगनबाड़ी केद्रों के निर्माण को लेकर भी सीडीपीओ को जानकारी दी गयी। डीपीओ ने कहा कि जहां पर आंगनबाड़ी केंद्र का कार्य धीमे चल रहा है उसकी पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। पोषण ट्रैकर एप पर लाभार्थियों की फीडिंग के बारे में भी जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र पर लगातार नजर रखें।डीपीओ ने कहा कि विभागीय योजनाओं के संचालन में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। अब केंद्रों पर कार्यकत्रियों को मोबाइल भी उपलब्ध करा दिए गए हैं। ऐसे में कार्यक्त्रिस्रयां अब किसी कार्य के लिए बहानेबाजी नहीं कर सकती हैं इसलिए जो भी कार्य हैँ उनका समय से निष्पादन सुनिश्चित कराएं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद ने मंगलवार को सीडीपीओ, मुख्य सेविकाओं के साथ ही ब्लाक कोआर्डीनेटर के साथ बैठक की। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों और पोषण मिशन में चल रही योजनाओं की सही से मानीटरिंग करने के निर्देश दिए। इस कार्य में लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के केंद्रों के खुलने और बंद होने के बारे में भी जाना। अप्रैल 2021 से अब तक मृत आंगनबाड़ियों का भी ब्योरा मांगा गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, मिनी आंगनबाड़ी और सहायिकाओं का डाटा निर्धारित प्रारूप पर प्रेषित करने के भी निर्देश दिए गए। इसके साथ ही स्मार्ट फोन एक्टिवेशन, वितरण के अलावा ब्लाक कोआर्डीनेटर और प्रोजेक्ट एसोसिएट की प्रत्येक माह की उपस्थिति, प्रमाण पत्र की उपस्थिति के बारे में भी जानकारी की गयी।
प्रशिक्षण में आंगनबाड़ी को नही मिली कोई सुविधा
संभल के विकास खंड असमोली के बीआरसी केंद्र सैदपुर इम्मा में शिक्षा विभाग और बाल विकास की ओर से प्री प्राइमरी का के प्रशिक्षण का आयोजन हुआ प्रशिक्षण के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मास्क, सेनेटाइजर और जलपान की व्यवस्था का आदेश था। प्रशिक्षण के लिए पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने अव्यवस्था को लेकर हंगामा किया। लेकिन कार्यकत्रियों की समस्या नहीं सुनी गई तो प्रशिक्षण का बहिष्कार कर दिया।
ये भी पढ़े.. जब अफसरों ने कहा कि तुम यंहा खाने आती हो या प्रशिक्षण लेने
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने आरोप लगाया कि जलपान की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसी को लेकर कार्यकत्रियों ने हंगामा शुरु कर दिया। प्रशिक्षण का बहिष्कार करके बीआरसी केंद्र से चली गईं। आंगनबाड़ी वेलफेयर एसोसिएशन की मंडल अध्यक्ष सोमवती शर्मा ने कहा कि सम्मान को ठेस पहुंचाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारी उदय सिंह राज से संपर्क किया गया लेकिन वह बात करने से बचते नजर आए।
बिना संशाधनों के आंगनवाड़ी केंद्रों को बनाया जा रहा हाईटेक
गोण्डा जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों से बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के प्रभावी अभियान चलाए जाते रहे हैं।लेकिन संसाधनों की कमी की वजह से अभियान सफल नही हो रहा है। पोषाहार का पैसा लाभार्थियों के खाते में नही भेजा जा रहा है जिले में कर्मचारियों की कमी की वजह से बाल विकास विभाग योजनायों का क्रियान्वयन नही कर पा रहा है
जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए खरीदी गई वजन मशीनें एक-एक करके खराब होने लगी हैं। कई मशीनें तो ऐसी है जिन्हें ठोंक पीट कर चलाया जा रहा है। ऐसे में कई बार वजन दिवस के अभियान के दिन भी खराबी सामने आ जाती है। बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों की फीडिंग करा रहा है ऐेसे में भविष्य में पोषाहार के पैसे के सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजे जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
बाल विकास विभाग में यहां संसाधन के बिना कुपोषण के खिलाफ जंग चल रही है। विभाग में कर्मचारियों की कमी है। जितनी संख्या में कर्मचारियों व अफसरों की तैनाती होनी चाहिए उसके आधे भी कर्मचारी तैनात नहीं हैं। ऐसे में विभागीय कार्य प्रभावित होने के साथ-साथ लम्बित पड़ा रहता है। विभाग के पास कर्मचारियों के अभाव के बावजूद नई भर्ती नहीं होने और फिर लगातार आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के सेवानिवृत्त होने से यह कमी बढ़ती जा रही है। जिले में यही हाल बाल विकास परियोजना के अन्य कर्मचारियों का है। जिसमें तकरीबन 300 आंगनबाड़ी कर्मचारियों के पद खाली है। ऐसे में केन्द्र संचालन में मुश्किलें आ रही हैं। बाल विकास विभाग से सीडीपीओ, कार्यकर्त्रियों व सुपरवाइजरों को सरकारी मोबाइल दिए गए थे। इसी मोबाइल स विभागीयडाटा को ऑनलाइन किया जाना था। मगर शुरूआत में ही कई मोबाइल तकनीकी रुप से खराब निकले जिसे ठीक कराने के चक्कर में मोबाइल की खराबी घटने के बजाय बढ़ती चली गई। वक्त बीतते अब मोबाइल पूरी तरह से खराब हो गई है और विभाग की महत्वाकांक्षी योजना धराशाई हो रही है। अब आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए आंगनवाड़ी भर्ती और प्रमोशन प्रक्रिया का सफल होना भी संदेह के घेरे में है