प्री प्राईमरी के कक्षा एक से तीन तक पाठ्यक्रम के मानक में बदलाव,मिशन प्रेरणा का नाम बदलकर निपुण भारत
आंगनवाडी न्यूज़
कुपोषण मुक्त बनाने के लिए कोटेदारो पर फोर्टिफाइड चावल होगा वितरण
अब उत्तरप्रदेश के अन्तोदय और बीपीएल राशनकार्ड धारकों को फोर्टिफाइड चावल (पोषणयुक्त चावल) वितरण किया जायेगा इसके लिए पहले चरण में पोषणयुक्त चावल वितरण की योजना प्रदेश के करीब 60 जिलों में लागू होगी। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खाद्य विभाग को 23 जनवरी के बाद राइस मिलर्स से केवल फोर्टिफाइड चावल लेने का अल्टीमेटम दे दिया है, क्योंकि केंद्रीय पूल में अभी तक 0.27 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल आया है।
महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए फोर्टिफाइड चावल वितरण किया जाना है। क्योकि अभी तक सिर्फ मिड डे मील और बाल विकास पुष्टाहार विभाग में ही एफसीआई द्वारा फोर्टिफाइड चावल दिया जा रहा है। अपर आयुक्त अरुण सिंह ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चंदौली, वाराणसी में फोर्टिफाइड चावल बांटा जा रहा है। अब एक अप्रैल से सभी कुपोषित जिलों में फोर्टिफाइड चावल दिया जाना है।
हमारी आने वाली आंगनवाडी न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए allow के बटन पर क्लिक करे
लेकिन इस योजना को अमल में आने से पहले ही एफसीआई द्वारा 23 जनवरी से मिलर्स से केवल फोर्टिफाइड चावल लेने का आदेश का असर धान खरीद पर पड़ने लगा है। इसे देखते हुए खाद्य विभाग ने इसे अनिवार्य न किए जाने का अनुरोध किया है। विभाग ने आग्रह किया है कि जहां अभी ब्लंडर नहीं लग पाया है, वहां एफसीआई सामान्य चावल ले। सामान्य चावल को फोर्टिफाइड बनाने के लिए राइस मिलर्स को सम्मिश्रण मशीन (ब्लेंडर) लगाना होगा। यह मशीन पांच से 10 लाख के बीच आती है।
कक्षा एक से तीन तक पाठ्यक्रम के मानक में भी बदलाव ,मिशन प्रेरण का नाम बदलकर निपुण भारत
आंगनवाडी केन्द्रों पर नयी शिक्षा नीति के अंतर्गत प्री प्राईमरी के कक्षा एक से तीन तक पाठ्यक्रम के मानक में बदलाव कर दिया गया है। नए सत्र में मिशन प्रेरण का नाम बदलकर निपुण भारत कर दिया गया है। निपुण भारत के तहत बच्चों के गुणवत्ता में सुधार के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षण भी शुरू हो गया है।
आंगनवाडी न्यूज़ एप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे
बेसिक शिक्षा विभाग में अभी तक मिशन प्रेरणा के तहत पाठ्यक्रम निर्धारित था। केंद्र सरकार ने मिशन प्रेरणा के नाम को बदलकर निपुण भारत कर दिया गया है। जिससे अब निपुण भारत के तहत पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। नयी शिक्षा नीति में आंगनबाड़ी केंद्रों को भी प्री-प्राइमरी का दर्जा मिला है। और आंगनवाडी केन्द्रों में पढ़ने वाले बच्चों को एक से 10 तक के अंकों का ज्ञान के साथ पांच अक्षर सरल शब्द पढ़ने का पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। अब कक्षा एक में प्रवेश से पहले बच्चें को अंक और अक्षर का ज्ञान कराना है।
निपुण भारत के तहत पाठ्यक्रम के मानक तय
निपुण भारत के पाठ्यक्रम नये मानक तय किये गये है। जिसमें प्री-प्राइमरी- 10 तक अंकों का ज्ञान, अक्षरों और संगत ध्वनियों की पहचान, कम से कम पांच अक्षर वाले सरल शब्दों का पढ़ना है। वहीं कक्षा एक के लिए ऐसे छोटे वाक्य जो आयु के अनुसार किसी अज्ञात पाठ का भाग हो, जिसमें चार-पांच शब्द हों। जबकि कक्षा दो – 45 से 50 शब्द प्रति मिनट प्रवाह के साथ पढ़ना, कक्षा तीन – न्यूनतम 60 शब्द प्रति मिनट प्रवाह के साथ पढ़ना निर्धारित किया गया है।
निपुण भारत की निगरानी टिास्क फोर्स का गठन
नौनिहालों को शिक्षा देने के लिए बनायीं गयी निपुण भारत योजना की निगरानी के लिए ब्लाक स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा इस टास्क फोर्स के अध्यक्ष खंड शिक्षा अधिकारी को बनाया जायेगा और इसमें सीडीपीओ के साथ साथ भाषा और गणित के विशेषज्ञ दो- दो शिक्षक भी शामिल होंगे। शिक्षको को नामित करने का अधिकार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को होगा। निगरानी के लिए जिलाधिकारी के नेतृत्व में 15 सदस्यीय जिला टास्क फोर्स भी योजना पर नजर रखेगी। निपुण भारत योजना को अमल में लाने के लिए विभाग की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गयी है।