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21 आंगनवाडी वर्करो का मानदेय रोकते हुए सेवा समाप्ति का नोटिस जारी

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गोंडा  मनकापुर ब्लाक के बभनजोत, छपिया आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को कई किमी की दूरी तय करके जिला मुख्यालय पर बने एनआरसी सेंटर में इलाज के लिए जाना पडता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुपोषित बच्चों की सेहत सुधारने के लिए सुपोषण घर बनाया गया था। वित्तीय वर्ष 2020-21 में तयशुदा बजट से सामानों की आपूर्ति भी सीएचसी पर बने सुपोषण घर पर कर दी गई। l लेकिन कर्मचारी की तैनाती न होने के कारण साल भर पहले बने सुपोषण घर में कुपोषित बच्चों का इलाज शुरू नहीं हुआ है

सीएचसी मनकापुर के परिसर में दो वर्ष पहले लाखों रुपये खर्च करके सुपोषण घर बनकर तैयार होने के बाद रंग-रोगन किया गया। इस भवन में गुब्बारे भी लटकाए गए। इस सुपोषण घर के लिए बाल विकास विभाग की ओर से लाखों रुपये खर्च करके फ्रिज, वाटर कूलर, चूल्हा, कुकुर, कड़ाही, ड्रम, करछुल, रूम हीटर, एयर कंडीशनर समेत कई सामानों की आपूर्ति कर दी गयी। लेकिन आज तक यह सेंटर चालू नहीं किया जा सका है। कुछ दिनों पहले इसके भवन में कोरोना टीकाकरण का काम शुरू किया गया था। जबकि, सीएचसी में बने भवन में तमाम कमरे खाली पड़े है। ऐसे में लोगों का कहना है कि यदि सीएचसी मनकापुर में बने सुपोषण घर को चालू कर दिया जाये तो तमाम गरीब बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। यहां अपने कुपोषित बच्चों को भर्ती कराकर बभनजोत, छपिया, मनकापुर ब्लाक के लोग आसानी से इलाज करा सकेंगे। इन दिनों अभिभावकों को इसके लिए जिला मुख्यालय पर दिन-रात रहकर इलाज करवाना पड़ता है।

मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है। जल्द ही मनकापुर सीएचसी पर बने सुपोषणघर को विशेष ध्यान देकर चालू कराया जाएगा।

21 आंगनवाडी वर्करो का मानदेय रोकते हुए सेवा समाप्ति का नोटिस जारी

देवरिया   गुरुवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी के नेतृत्व में बाल विकास परियेाजना अधिकारी, चिह्नित मुख्य सेविका व लिपिकों की तीन सदस्यीय टीम द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया।

जांच टीम द्वारा कुल 85 केंद्रों की जांच में 15 आंगनवाडी केंद्र बंद मिले। इन सभी केंद्रों के निरीक्षण में कुल 15 आंगनवाडी कार्यकत्रियां अनुपस्थित तो छह कार्यकत्रियां अपने कार्य के प्रति लापरवाह मिलीं है । जांच टीम ने सभी 21 आंगनवाडी कार्यकत्रियों का वेतन रोक दिया। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान सभी का मानदेय रोकते हुए सेवा समाप्त करने का नोटिस जारी किया। जिला कार्यक्रम अधिकारी व अपर संख्याधिकारी अवधेश कुमार सिंह ने पड़री की जांच की तो वहां स्थिति अत्यन्त खराब मिली। आंगनवाडी केन्द्र पर एक भी बच्चे नहीं थे। प्राथमिक विद्यालय परिसर के पास ही आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन भी नही किया जा रहा था ।

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