गुजरात हाईकौर्ट के आदेश के बाद यूपी मे हलचल शुरू, कब लागू होगा आदेश
आंगनवाड़ी खबर
गुजरात हाईकौर्ट द्वारा आंगनवाड़ी वर्करो के मानदेय मे बढ़ोत्तरी और सरकारी कर्मचारी बनाने के आदेश को लेकर अलग अलग राज्यो मे हलचल शुरू हो गयी है। अब सभी राज्यो की आंगनवाड़ी उच्च न्यायलय जाने की तैयारी मे लग गयी है। जबकि उत्तरप्रदेश मे इस सम्बंध मे याचिका पहले ही दायर की जा चुकी है।
रामपुर जिले मे आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाएं आईसीडीएस बचाओ, आंगनबाड़ी सम्मेलन में शामिल होने आंबेडकर पार्क पहुंची। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।
आंगनवाड़ी एसोसिएशन का कहना है कि गुजरात हाईकोर्ट ने 30 अक्तूबर 2024 को जो फैसला सुनाया है उसे यूपी में भी लागू किया जाए। संगठन की प्रदेश महासचिव शशिवाला ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी वर्करो की उपेक्षा कर रही है।
अगर गुजरात हाईकौर्ट के आदेश की बात करे तो क्या आंगनवाड़ी के पक्ष मे दिये गए फैसले से अन्य राज्यो की आंगनवाड़ी वर्करो को इसका लाभ मिल सकता है तो ये सच नहीं है। हर राज्य की अपनी हाईकौर्ट होती है। किसी एक राज्य की हाईकौर्ट का फैसला अन्य राज्यो मे लागू नहीं होता। लेकिन देश की सर्वोच्च न्यायलय का फैसला पूरे देश मे लागू होता है।
देश के अलग अलग राज्यो मे उप चुनाव का माहौल चल रहा है जिसमे सत्ता पक्ष और विपक्ष लुभावने चुनावी वादे कर रहे है जिसमे हाल ही मे देश के गृह मंत्री अमित शाह ने आंगनवाड़ी को लेकर महाराष्ट्र मे बड़ा बयान दिया था। जिसमे अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र मे चुनाव जीतने पर आंगनवाड़ी का मानदेय 15 हजार दिया जाएगा।
जबकि अमित शाह सत्ता पक्ष मे केंद्र सरकार के गृह मंत्री है वो सिर्फ एक राज्य के नहीं बल्कि पूरे देश की आंगनवाड़ी वर्करो का मानदेय बढ़ा सकते है। लेकिन उन्होने सिर्फ चुनावो को देखते हुए एक राज्य के लिए कहा है। इसीलिए उनका बयान सिर्फ एक चुनावी जुमला है।
अगर अमित शाह हकीकत मे आंगनवाड़ी वर्करो का हित चाहते तो पूरे देश की आंगनवाड़ी वर्करो का मानदेय बढ़ा सकते थे लेकिन उनका बयान सिर्फ एक चुनावी वादा से ज्यादा कुछ नहीं है। चुनाव खत्म होने के बाद कोई भी सरकार आंगनवाड़ी की समस्याओ के बारे मे ध्यान नहीं देती।