मेरी कलम से

आंगनवाडी यूनियन नियमवाली

संस्था का कार्यक्षेत्रः- सम्पूर्ण प्रदेश

संस्था की सदस्यता तथा सदस्यों के वर्ग:-

  1. आजीवन सदस्य- जो व्यक्ति इस संस्था को अपनी स्वैच्छा 1001 / रूपया अथवा इतने ही मूल्य की कोई चल या अचल सम्पत्ति देगा वह संस्था का आजीवन सदस्य माना जायेगा।
  2. विशिष्ट सदस्य:- संस्था के प्रति हितैषी भाव रखने वाला सम्मानित व्यक्ति आवश्यकता पड़ने पर संस्था को वार्षिक सहायता देने वाला व्यक्ति संस्था का विशिष्ट सदस्य माना जायेगा ।
  3. साधारण सदस्य:- जो व्यक्ति संस्था को वार्षिक 101.00 नगद या उतने मूल्य की चल या अचल सम्पत्ति संस्था देगा वो संस्था का साधारण सदस्य माना जायेगा ।

सदस्यता की समाप्ति निम्न परिस्थितियों में किसी भी सदस्य की सदस्यता समाप्त की जा सकती हैं ।

  1. मृत्यु होने पर
  2. पागल अथवा दिवालिया होने पर।
  3. संस्था के प्रति हानिकारक कार्य करने पर।
  4. त्याग पत्र या अविश्वास प्रस्ताव रखने पर पारित होने पर
  5. संस्था के सम्पति का अपव्यय करने पर
  6. किसी न्यायलय में दण्डित होने पर।
  7. सदस्यता शुल्क न देने पर
  8. लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने पर।
  9. पद का दुरूपयोग एवं वित्तिय अनियमितता करने पर।

संस्था के अंग

साधारण सभा ब- प्रबन्धकारिणी समिति।
साधारण सभा

गठन- सभी प्रकार के सदस्यों को मिलाकर साधारण सभा का गठन किया जायेगा ।
बैठक- साधारण सभा की बैठक वर्ष में कम से कम एक बार अवश्य होगी आवश्यकता पड़ने पर कभी भी बुलाई जा सकती हैं ।
सूचना-अवधि- साधारण सभा की सामान्य बैठक की सूचना १० दिन पूर्व तथा विशेष बैठक की सूचना २ दिन पूर्व सभी सदस्यों को दे दी जायेगी।

गणपूति-साधारण सभा की गणपूति कुल सदस्यों में से 2/3 होगा।

वार्षिक अधिवेशन की तिथि -संस्था का वार्षिक अधिवेशन प्रत्येक वर्ष में एक बार होगा।

साधारण सभा के कर्तव्य

  1. प्रबन्ध समिति का गठन करना।
  2. प्रबन्ध समिति द्वारा किया गया गत वर्षों का आय-व्यय स्वीकृत करना तथा आगामी वर्ष के लिए व्यय की संस्तुति प्रदान करना,
  3. आय-व्यय निरीक्षण के लिए निरीक्षक की नियुक्ति करना ।
  4. संस्था के पूर्ण अभिलेखों पर अधिकार रखना।
  5. सदस्यों के त्याग-पत्र स्वीकृत करना तथा रिक्त स्थानों की पूर्ति करना ।


प्रबन्धकारिणी समिति-

  1. गठन – प्रबन्धकारिणी समिति का गठन साधारण सभा द्वारा निर्वाचित सदस्यों के आधार पर होगा जिसमें 4 पदाधिकारी व 9 सदस्य होगें कुल संख्या 13 की होगी।
  2. बैठक– प्रबन्धकारिणी समिति के सामन्य बैठक वर्ष में एक बार अवश्य होगी आवश्यकता पड़ने पर विशेष बैठक 24 घंटे पूर्व बुलाई जा सकती है।
  3. सूचना अवधि– प्रबन्धकारिणी समिति के सामान्य बैठक की सूचना सभी पदाधिकारियों को कम से कम 3 दिन पूर्व देनी होगी विशेष बैठक की सूचना 2 दिन पूर्व देना आवश्यक होगा।
  4. गणपूर्ति प्रबन्धकारिणी समिति की गणपूर्ति कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत के आधार पर होगा।
  5. रिक्त स्थानों की पूर्ति किसी भी रिक्त स्थानों की साधारण सभा के सदस्यों के 2/3 बहुमत के आधार पर की जायेगी ।

प्रबन्धकारिणी समिति के कर्तव्य-

  1. संस्था के हित में सभी प्रकार के प्रयत्न करना ।
  2. संस्था की वार्षिक बजट तैयार करना ।
  3. संस्था का वार्षिक रिपोट पास करना ।
  4. उद्देश्यों की पूर्ति हेतु राष्ट्रीय / अन्तराष्ट्रीय सरकारी, गैरसरकारी संस्थाओं, खादी ग्रामोद्योग / राष्ट्रीयकृत बैंक / वित्तीय संस्था, व्यक्ति / व्यक्तियों से चन्दा, दान, उपहार ऋण व अनुदान प्राप्त करना ।
  5. प्रबन्ध समिति द्वारा प्रस्ताव करके उद्देश्यों में परिवर्तन व संशोधन किया जा सकता हैं ।
  6. ऑगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका के हित में व सामाजिक कार्यों का संचालन करना ।

कार्यकाल– प्रबन्धकारिणी समिति का कार्यकाल चुनाव तिथि से लेकर 5 वर्ष का होगा।

प्रबन्ध समिति के पदाधिकारियों के अधिकार और कर्तव्य-

  1. सभी बैठकों की अध्यक्षता करना ।
  2. बैठकों को बुलाना व अनुमोदन करना ।
  3. बैठकों में शान्ति व्यवस्था कायम करना ।
  4. बैठकों की कार्यवाही को कार्यवाही रजिस्टर पर नोट करना ।
  5. बैठकों की स्थान दिनांक व समय निर्धारित करना ।
  6. संस्था के संगठन को मजबूत करना ।
  7. संस्था में किसी प्रकार का मतभेद उत्पन्न होने पर उसे सुलझाने का प्रयास करना ।
  8. सचिव के कार्यों में सहयोग करना ।
  9. सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाना ।
  10. संस्था के होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करना ।

प्रबन्ध समिति के पदाधिकारियों के अधिकार और कर्तव्य-

अध्यक्ष के कार्य

  1. सभी बैठकों की अध्यक्षता करना ।
  2. बैठकों को बुलाना व अनुमोदन करना ।
  3. बैठकों में शान्ति व्यवस्था कायम करना ।
  4. बैठकों की कार्यवाही को कार्यवाही रजिस्टर पर नोट करना ।
  5. बैठकों की स्थान दिनांक व समय निर्धारित करना ।
  6. संस्था के संगठन को मजबूत करना ।
  7. संस्था में किसी प्रकार का मतभेद उत्पन्न होने पर उसे सुलझाने का प्रयास करना ।
  8. सचिव के कार्यों में सहयोग करना ।
  9. सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाना ।
  10. संस्था के होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करना ।

सचिव के कार्य

  1. संस्था के मुख्य कार्यपालक के रूप में कार्य करना ।
  2. उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं से चन्दा, दान, अनुदान, ॠण प्राप्त करना ।
  3. आवश्यकता पड़ने पर संस्था के कार्यों/लेखों की जाँच करना ।
  4. संस्था की ओर से अदालती कार्यवाही करना ।
  5. वार्षिक बजट तैयार करना ।
  6. संस्था से चन्दा लेना व उसकी रसीद काटकर देने का अधिकार सचिव को होगा ।सचिव द्वारा जारी की गई रसीद ही मान्य होगी।
  7. आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका के हित में व सामाजिक कार्यों की देखरेख व संचालन करना ।
  8. समस्त अभिलेखों व प्रपत्रों को सुरक्षित रखना ।
  9. समस्त अभिलेखों एवं प्रपत्रो को चेक करना ।
  10. कार्यवाहियों को चेक करना ।
  11. संस्था की तरक्की का हर सम्भव प्रयास करना ।
  12. संस्था की ओर से समस्त पत्र व्यवहार करना व ऋण, अनुदान तथा क्रय के समस्त कागजातों पर हस्ताक्षर करना ।.
  13. संस्था के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति, निष्कासन व निलम्बन करना ।
  14. संस्था की ओर से पत्र व्यवहार करना ।
  15. संस्था की चल-अचल सम्पत्ति की देखभाल करना ।
  16. संस्था से प्राप्त धन को संस्था के हित में खर्च करने का अधिकार सचिव को होगा ।
  17. सदस्यों के नामाकूंन पत्र पर विचार करना ।

कोषाध्यक्ष के कार्य

  1. संस्था के लिए धन एकत्रित करना ।
  2. संस्था के कोष को किसी मान्यता प्राप्त बैंक या पो०आ० में संस्था के नाम से जमा करवाना ।
  3. आय व्यय का लेखा जोखा रखना ।
  4. सचिव के लेखा-जोखा कार्यों में सहयोग करना ।
  5. आय व्यय का लेखा जोखा तैयार कर सचिव से प्रमाणित करवाना ।
  6. आय व्यय का लेखा जोखा साधारण सभा में प्रस्तुत करना ।

Aanganwadi Uttarpradesh

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