आंगनवाडी यूनियन नियमवाली
संस्था का कार्यक्षेत्रः- सम्पूर्ण प्रदेश
संस्था की सदस्यता तथा सदस्यों के वर्ग:-
- आजीवन सदस्य- जो व्यक्ति इस संस्था को अपनी स्वैच्छा 1001 / रूपया अथवा इतने ही मूल्य की कोई चल या अचल सम्पत्ति देगा वह संस्था का आजीवन सदस्य माना जायेगा।
- विशिष्ट सदस्य:- संस्था के प्रति हितैषी भाव रखने वाला सम्मानित व्यक्ति आवश्यकता पड़ने पर संस्था को वार्षिक सहायता देने वाला व्यक्ति संस्था का विशिष्ट सदस्य माना जायेगा ।
- साधारण सदस्य:- जो व्यक्ति संस्था को वार्षिक 101.00 नगद या उतने मूल्य की चल या अचल सम्पत्ति संस्था देगा वो संस्था का साधारण सदस्य माना जायेगा ।
सदस्यता की समाप्ति निम्न परिस्थितियों में किसी भी सदस्य की सदस्यता समाप्त की जा सकती हैं ।
- मृत्यु होने पर
- पागल अथवा दिवालिया होने पर।
- संस्था के प्रति हानिकारक कार्य करने पर।
- त्याग पत्र या अविश्वास प्रस्ताव रखने पर पारित होने पर
- संस्था के सम्पति का अपव्यय करने पर
- किसी न्यायलय में दण्डित होने पर।
- सदस्यता शुल्क न देने पर
- लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने पर।
- पद का दुरूपयोग एवं वित्तिय अनियमितता करने पर।
संस्था के अंग
अ साधारण सभा ब- प्रबन्धकारिणी समिति।
साधारण सभा–
गठन- सभी प्रकार के सदस्यों को मिलाकर साधारण सभा का गठन किया जायेगा ।
बैठक- साधारण सभा की बैठक वर्ष में कम से कम एक बार अवश्य होगी आवश्यकता पड़ने पर कभी भी बुलाई जा सकती हैं ।
सूचना-अवधि- साधारण सभा की सामान्य बैठक की सूचना १० दिन पूर्व तथा विशेष बैठक की सूचना २ दिन पूर्व सभी सदस्यों को दे दी जायेगी।
गणपूति-साधारण सभा की गणपूति कुल सदस्यों में से 2/3 होगा।
वार्षिक अधिवेशन की तिथि -संस्था का वार्षिक अधिवेशन प्रत्येक वर्ष में एक बार होगा।
साधारण सभा के कर्तव्य
- प्रबन्ध समिति का गठन करना।
- प्रबन्ध समिति द्वारा किया गया गत वर्षों का आय-व्यय स्वीकृत करना तथा आगामी वर्ष के लिए व्यय की संस्तुति प्रदान करना,
- आय-व्यय निरीक्षण के लिए निरीक्षक की नियुक्ति करना ।
- संस्था के पूर्ण अभिलेखों पर अधिकार रखना।
- सदस्यों के त्याग-पत्र स्वीकृत करना तथा रिक्त स्थानों की पूर्ति करना ।
प्रबन्धकारिणी समिति-
- गठन – प्रबन्धकारिणी समिति का गठन साधारण सभा द्वारा निर्वाचित सदस्यों के आधार पर होगा जिसमें 4 पदाधिकारी व 9 सदस्य होगें कुल संख्या 13 की होगी।
- बैठक– प्रबन्धकारिणी समिति के सामन्य बैठक वर्ष में एक बार अवश्य होगी आवश्यकता पड़ने पर विशेष बैठक 24 घंटे पूर्व बुलाई जा सकती है।
- सूचना अवधि– प्रबन्धकारिणी समिति के सामान्य बैठक की सूचना सभी पदाधिकारियों को कम से कम 3 दिन पूर्व देनी होगी विशेष बैठक की सूचना 2 दिन पूर्व देना आवश्यक होगा।
- गणपूर्ति प्रबन्धकारिणी समिति की गणपूर्ति कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत के आधार पर होगा।
- रिक्त स्थानों की पूर्ति किसी भी रिक्त स्थानों की साधारण सभा के सदस्यों के 2/3 बहुमत के आधार पर की जायेगी ।
प्रबन्धकारिणी समिति के कर्तव्य-
- संस्था के हित में सभी प्रकार के प्रयत्न करना ।
- संस्था की वार्षिक बजट तैयार करना ।
- संस्था का वार्षिक रिपोट पास करना ।
- उद्देश्यों की पूर्ति हेतु राष्ट्रीय / अन्तराष्ट्रीय सरकारी, गैरसरकारी संस्थाओं, खादी ग्रामोद्योग / राष्ट्रीयकृत बैंक / वित्तीय संस्था, व्यक्ति / व्यक्तियों से चन्दा, दान, उपहार ऋण व अनुदान प्राप्त करना ।
- प्रबन्ध समिति द्वारा प्रस्ताव करके उद्देश्यों में परिवर्तन व संशोधन किया जा सकता हैं ।
- ऑगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका के हित में व सामाजिक कार्यों का संचालन करना ।
कार्यकाल– प्रबन्धकारिणी समिति का कार्यकाल चुनाव तिथि से लेकर 5 वर्ष का होगा।
प्रबन्ध समिति के पदाधिकारियों के अधिकार और कर्तव्य-
- सभी बैठकों की अध्यक्षता करना ।
- बैठकों को बुलाना व अनुमोदन करना ।
- बैठकों में शान्ति व्यवस्था कायम करना ।
- बैठकों की कार्यवाही को कार्यवाही रजिस्टर पर नोट करना ।
- बैठकों की स्थान दिनांक व समय निर्धारित करना ।
- संस्था के संगठन को मजबूत करना ।
- संस्था में किसी प्रकार का मतभेद उत्पन्न होने पर उसे सुलझाने का प्रयास करना ।
- सचिव के कार्यों में सहयोग करना ।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाना ।
- संस्था के होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करना ।
प्रबन्ध समिति के पदाधिकारियों के अधिकार और कर्तव्य-
अध्यक्ष के कार्य
- सभी बैठकों की अध्यक्षता करना ।
- बैठकों को बुलाना व अनुमोदन करना ।
- बैठकों में शान्ति व्यवस्था कायम करना ।
- बैठकों की कार्यवाही को कार्यवाही रजिस्टर पर नोट करना ।
- बैठकों की स्थान दिनांक व समय निर्धारित करना ।
- संस्था के संगठन को मजबूत करना ।
- संस्था में किसी प्रकार का मतभेद उत्पन्न होने पर उसे सुलझाने का प्रयास करना ।
- सचिव के कार्यों में सहयोग करना ।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाना ।
- संस्था के होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करना ।
सचिव के कार्य
- संस्था के मुख्य कार्यपालक के रूप में कार्य करना ।
- उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं से चन्दा, दान, अनुदान, ॠण प्राप्त करना ।
- आवश्यकता पड़ने पर संस्था के कार्यों/लेखों की जाँच करना ।
- संस्था की ओर से अदालती कार्यवाही करना ।
- वार्षिक बजट तैयार करना ।
- संस्था से चन्दा लेना व उसकी रसीद काटकर देने का अधिकार सचिव को होगा ।सचिव द्वारा जारी की गई रसीद ही मान्य होगी।
- आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका के हित में व सामाजिक कार्यों की देखरेख व संचालन करना ।
- समस्त अभिलेखों व प्रपत्रों को सुरक्षित रखना ।
- समस्त अभिलेखों एवं प्रपत्रो को चेक करना ।
- कार्यवाहियों को चेक करना ।
- संस्था की तरक्की का हर सम्भव प्रयास करना ।
- संस्था की ओर से समस्त पत्र व्यवहार करना व ऋण, अनुदान तथा क्रय के समस्त कागजातों पर हस्ताक्षर करना ।.
- संस्था के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति, निष्कासन व निलम्बन करना ।
- संस्था की ओर से पत्र व्यवहार करना ।
- संस्था की चल-अचल सम्पत्ति की देखभाल करना ।
- संस्था से प्राप्त धन को संस्था के हित में खर्च करने का अधिकार सचिव को होगा ।
- सदस्यों के नामाकूंन पत्र पर विचार करना ।
कोषाध्यक्ष के कार्य
- संस्था के लिए धन एकत्रित करना ।
- संस्था के कोष को किसी मान्यता प्राप्त बैंक या पो०आ० में संस्था के नाम से जमा करवाना ।
- आय व्यय का लेखा जोखा रखना ।
- सचिव के लेखा-जोखा कार्यों में सहयोग करना ।
- आय व्यय का लेखा जोखा तैयार कर सचिव से प्रमाणित करवाना ।
- आय व्यय का लेखा जोखा साधारण सभा में प्रस्तुत करना ।