
केंद्र सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रो के लाभार्थियो को फेस सत्यापन के बाद ही राशन दिये जाने के आदेश दिये गए है। साथ ही इस कार्य के लिए आंगनबाड़ी वर्करों की जवाबदेही तय की गयी है। लेकिन इसमे आंगनबाड़ी वर्करो को तकनीकी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है।
विभागीय आदेश के बाद अब जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा भी जिलो के बाल विकास परियोजना अधिकारी से जवाब मांगा जा रहा है। इस आदेश के अनुसार पोषण ट्रैकर एप पर फेस सत्यापन, ई-केवाईसी का काम शत-प्रतिशत पूर्ण करते हुए राशन का वितरण किया जाए।
लेकिन लाभार्थियो का करने मे आंगनवाड़ी वर्करो को सबसे ज्यादा तकनीकी समस्या आ रही है। पोषण ट्रेकर सत्यापन करते समय फेल हो रहा है या बार बार एरर शो करता है। कई जिलो मे नेटवर्क की समस्या से आंगनवाड़ी जूझ रही है या पोषण ट्रेकर सही तरीके से खुल नहीं रहा है। लेकिन विभाग द्वारा इन परेशानी को समझने या प्रशिक्षण देने की बजाय सत्यापन का दबाब बना रहा है।
अवगत हो कि उत्तरप्रदेश मे बाल विकास विभाग के आंगनवाड़ी केन्द्रो पर मिलने वाले राशन की चोरी रोकने के लिए शासन द्वारा नयी कवायद शुरू की जा रही है अब केंद्रीय बाल विकास विभाग द्वारा चलाये जा रहे पोषण ट्रेकर पोर्टल मे बदलाव किए गए है। इस बदलाव से लाभार्थियो का चेहरा और ओ टी पी के सत्यापन द्वारा राशन दिया जायेगा।
बाल विकास विभाग की पोषण ट्रेकर एप से पहले लाभार्थी का फेस ऑथेंटिकेशन होगा। इसके बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाएगा। चेहरे के मिलन के बाद ही राशन मिलेगा अगर कोई लाभार्थी केंद्र पर आने मे असमर्थ है तो उसके मोबाइल नंबर पर ओटीपी सत्यापन के बाद ही लाभार्थियों को पुष्टाहार मिलेगा।
शासन के निर्देश पर जिला स्तरीय अधिकारियों और कर्मियों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। जिससे परियोजना स्तर और आंगनवाड़ी केन्द्रो के साथ साथ फर्जी लाभार्थियो द्वारा की जारी राशन चोरी पर लगाम लग जायेगी। साथ ही राशन लेने के लिए लाभार्थी के अतिरिक्त किसी अन्य परिवार के सदस्यो को राशन नहीं मिलेगा।
बाल विकास विभाग के पोषण ट्रैकर एप पर लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों का शत-प्रतिशत आधार फीडिंग के आदेश दिये गए है। पोषण ट्रैकर एप पर पंजीकृत लाभार्थी के अतिरिक्त किसी अन्य को पोषाहार नहीं दिया जाएगा।