एजुकेटर को मिला आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा,कार्यकत्री हुई मायूस
आंगनवाड़ी न्यूज

राज्य परियोजना महानिदेशक के आदेश अनुसार राज्य के परिषदीय स्कूलों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से 6 वर्ष तक के बच्चों को औपचारिक शिक्षा देने के लिए एजुकेटर नियुक्त किये जा रहे है। इसके लिए शासन से अधिसूचना जारी हो चुकी है।
आंगनवाड़ी केन्द्रो को प्ले वे स्कूलों की तर्ज पर चलाने के लिए शासन एजुकेटर की भर्ती निकाल रहा है। इससे पहले नयी शिक्षा नीति के तहत आंगनवाड़ी वर्करो को प्री प्राइमरी के तहत पढ़ाने की ज़िम्मेदारी दी गयी थी इसके लिए आंगनवाड़ी वर्करो को प्रशिक्षण दिया गया था लेकिन अब इन केन्द्रो पर बच्चो को पढ़ाने के लिए स्पेशल एजुकेटर की भर्ती की जा रही है।
बस्ती जिले मे परिषदीय स्कूल के परिसर मे संचालित 769 को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों पर औपचारिक शिक्षा देने के लिए एजुकेटर नियुक्त किए जाएंगे। पहले चरण में 179 केंद्रों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से एजुकेटर रखे जाएंगे। उसके बाद सभी को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति होगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश देने पर पाबंदी लगा दी गयी है जबकि आंगनवाड़ी केन्द्रो पर 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चो को पढ़ाया जाएगा। इन केन्द्रो पर शिक्षा को सरकार मान्यता दे चुकी है।
जो बच्चे 3 से 6 वर्ष तक की आयु के है उन बच्चो को को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाया जाएगा। इन बच्चो को स्पेशल एजुकेटर के माध्यम से प्री-प्राइमरी की शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिल जाएगी। छह वर्ष की आयु पूर्ण होने पर उसी प्राथमिक स्कूल में कक्षा एक में प्रवेश कर दिया जाएगा। इसके लिए उन बच्चो को दूर स्कूल जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
वर्तमान समय आंगनवाड़ी केन्द्रो पर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका ही इन बच्चों को शिक्षा देने का कार्य करती है। 2020 शिक्षा नीति मे भी आंगनवाड़ी कार्यकत्री को ही प्ले स्कूल की शिक्षा देने का प्रावधान किया गया था। लेकिन प्रदेश सरकार अब इस कार्य के लिए एजुकेटर की भर्ती शुरू कर रही है।
इन एजुकेटर द्वारा बच्चों को बच्चों के विकास के लिए रंग, आकार, ध्वनि, वास्तु, वातावरण, पेड़ पौधे, पक्षी, जानवरों आदि से संबंधित गतिविधियां सिखाते हुए पढ़ाना है। साथ ही खेल , नाटक, पिकनिक, क्षेत्र भ्रमण, संगीत, हाथ के कार्य कराएंगे।
अब देखना है कि इस भर्ती से आंगनवाड़ी के बच्चे कितना सीख लेते है क्योंकि अभी तक आंगनवाड़ी द्वारा सिखाये और पढ़ाये जाने मे बच्चे ज्यादा उत्साह दिखाते है।