दो विभागो के चलते जिलों मे बढ़ रही पेंडिंग फॉर्म की संख्या
भारत सरकार की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना दो विभागों के बीच फँसकर रह गयी है जिसके कारण योजना के ऑनलाइन आवेदनो की पेंडिंग संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पहले यह योजना स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित की जा रही थी। लेकिन जून 2024 से इस योजना के संचालन की ज़िम्मेदारी बाल विकास विभाग एवं पुष्टाहार विभाग को दे दी गई है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है। लेकिन पोर्टल नहीं चलने से बाल विकास विभाग में रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। इस योजना को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाल विकास विभाग को हैंडओवर हुए दो माह से अधिक समय बीत चुका है लेकिन अभी तक एक भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।
शासन ने पीएमएमवीवाई कार्यक्रम को आईसीडीएस विभाग को स्थानांतरित करने के बाद इस विभाग के कार्यरत कर्मियों का समायोजन किया गया है। जिला कार्यक्रम समन्वयक को फाइनेंसियल लिट्रेसी व कार्यक्रम सहायक को डाटा इंट्री ऑपरेटर पद पर समायोजन किया है।
यह समायोजन 17 अक्टूबर 2023 को किया गया था लेकिन अभी तक ये प्रक्रिया भी पेंडिंग पड़ी है। विभाग द्वारा अभी इसकी कोई व्यवस्था नहीं कर सका है कि इन विभाग के कर्मियों को कहां बैठकर कार्य करना है जिसके कारण आवेदन फॉर्म लंबित पड़े है।
देवरिया के जिला कार्यक्रम अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा का कहना है कि पीएमएमवीवाई योजना बाल विकास विभाग को हस्तांतरित हो चुकी है। लेकिन आईडी-पासवर्ड, पोर्टल की बहुत सारी समस्याए हैं। साथ ही फील्ड में कार्य करने वाली कर्मियों को प्रशिक्षण तक नहीं दिया गया है। शासन से निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
बस्ती जिले में भी लगभग नौ हजार धात्री महिलाओ को पांच माह से प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ नहीं मिला है। जिले मे हर माह डेढ़ हजार महिलाओ के आवेदन विभाग के पास पहुंच रहे है। मार्च 2024 से प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का पोर्टल नहीं चलने से लाभार्थी महिलाए इस योजना से वंचित है। जिले के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र की कुल लगभग नौ हजार लाभार्थी महिलाओ के फॉर्म लंबित पड़े है।