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स्थायी करते हुए मानदेय बढ़ाने का दिया आश्वासन , सेवा शर्त नियमावली भी लागू होगी,कब मिलेगा मानदेय ?

आंगनवाडी मानदेय न्यूज़

झारखंड सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी,और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका को स्थायी करते हुए मानदेय बढ़ाने आश्वासन दिया है। और इनकी सेवा शर्त नियमावली भी लागू होगी। बोकारो एवं अन्य जिलों से बड़ी संख्या में आन्दोलन करने पहुंचीं आंगनवाडी सेविका, सहायिका को संबोधित करते हुए मंत्रियों ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनकी मांगों को पूरी करने को लेकर गंभीर हैं आंगनवाडी की समस्याओ को लेकर कैबिनेट में चर्चा करने का भी आश्वासन दिया।

सेविका व सहायिकाओं को संबोधित करती हुई मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि पारा शिक्षकों की तरह उनकी समस्याओं का भी समाधान होगा। पिछली सरकार में उनपर लाठियां चली थीं, लेकिन वर्तमान सरकार में एक बार में तो नहीं, लेकिन बारी-बारी से उनकी सभी मांगें पूरी होंगी।

वर्तमान सरकार ने बिना कोई नोटिस दिए वार्ता में मिलने के लिए बुलाने का काम किया है जबकि पिछली सरकार में उनपर लाठियां चलाई गई थीं। मंत्री बादल पत्रलेख ने भी कहा कि तमाम तकनीकी बातों को देखते हुए उनकी मांगें पूरी करने के लिए सरकार हर संभव कोशिश करेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका के उज्जवल भविष्य के लिए निर्णय ले लिया है । अब आंगनवाडी वर्करो को आंदोलन करने की कोई जरूरत नहीं है।

आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका की मांगें

  • सेविका को तृतीय वर्ग तथा सहायिका को चतुर्थ वर्ग की श्रेणी के कर्मचारियों के समान वेतनमान लागू किया जाए।
  • पारा शिक्षकों की तरह सेवा शर्त नियमावली बनाई जाए।
  • संविदा कर्मियों के समान महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, यात्रा भत्ता मिले।
  • उम्र सीमा की बाध्यता को खत्म कर शत-प्रतिशत पदों पर वरीयता के आधार पर महिला पर्यवेक्षिका के पदों पर प्रोन्नति दी जाए।
  • आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी का लाभ दिया जाए।
  • सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन, जीवन यापन हेतु एकमुश्त पांच से दस लाख की स्वीकृति दी जाए।
  • वर्ष 2018-19 के बकाया मानदेय का भुगतान हो।
  • पोषण ट्रेकर ऐप के तहत कार्य करने के लिए स्मार्ट फोन दिया जाए

देश के कुछ राज्यो में आंगनवाडी के मानदेय की स्थिति

दिल्ली वर्तमान समय में आंगनबाड़ी वर्करो का मानदेय वृधि और अन्य समस्याओ को लेकर धरना चल रहा है लेकिन देश में भाजपा और कांग्रेस शासित राज्यों से तुलना करें तो सबसे ज्यादा मानदेय दिल्ली में सबसे ज्यादा मानदेय आंगनबाड़ी वर्करो को दिया रहा है। कुछ दिन पूर्व की गयी मानदेय वृधि के अनुसार दिल्ली सरकार ने आंगनबाड़ी वर्करो का मानदेय 12720 रुपये और आंगनबाड़ी सहायिका का मानदेय 6810 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। चूँकि दिल्ली सरकार की तरफ से मानदेय में वृधि के बाद भी आंगनबाड़ी वर्करो का धरना अभी भी जारी है

दिल्ली सरकार के अनुसार देश के कई राज्यों में आंगनबाड़ी वर्करो को 5500 से 7000 तक मानदेय दिया जा रहा है। दिल्ली में आंगनबाड़ी सहायकों का वेतन भी दूसरे राज्यों के मुकाबले दिल्ली में ज्यादा है। दूसरे राज्यों में सहायिकाओ को मानदेय 3250 से 4000 रुपये दिए जाते है। लेकिन दिल्ली में सहायिकाओ को मानदेय को 6810 रुपये दिए जाते हैं

महीने भर से ज्यादा समय तक दिल्ली की आंगनवाडी वर्करो के धरने को देखते हुए दिल्ली सरकार ने मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया है। मानदेय वृधि मार्च से लागू हो जाएगी अब आंगनवाडी कार्यकत्रियो का मानदेय जो 9678 से बढ़ाकर 12720 कर दिया गया है

देश में आंगनवाडी वर्करो को दिए जाने वाले मानदेय की स्थिति

राज्यमानदेय (प्रोत्साहन राशि समेत )राजनेतिक पार्टी
दिल्ली   12,720  आप
तमिलनाडु   12,200डीएमके
हरियाणा   11,811बीजेपी
तेलंगाना    10,500 टी आर एस
मध्यप्रदेश   10,000बीजेपी
केरल  10,000कम्युनिस्ट पार्टी
पंजाब    9,500 कांग्रेस
महाराष्ट्र    8,666 शिवसेना
पश्चिमी बंगाल 8,250तृणमूल
कर्नाटक    8,000बीजेपी
उत्तर प्रदेश   8,000बीजेपी
गुजरात   7,800बीजेपी

तीन माह से मानदेय न मिलने के कारण आंगनवाडी हुई परेशान

लखनऊ उत्तरप्रदेश में कार्यरत पौने चार लाख से अधिक आंगनबाड़ी वर्करो के मानदेय का भुगतान पिछले तीन माह से नहीं किया गया है। जिसके कारण आंगनबाड़ी महिलाओं को मानदेय न मिलने के कारण परिवार का जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है।
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन के लिए प्रदेशभर में पौने चार लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्री , मिनी आंगनवाड़ी व सहायिका अल्प मानदेय पर कार्यरत है। इन वर्करो का दिसम्बर माह से आंगनबाड़ी वर्करो को मानदेय नहीं मिला है। आंगनवाड़ी वर्कर का कहना है कि अब आंगनवाडी केन्द्रों का संचालन भी शुरू हो गया है और विभागीय अफसर लगातार उत्पीड़न कर रहे है। सरकार की तरफ से आंगनबाड़ी वर्करो को स्मार्ट बनाने के लिए मोबाइल स्मार्ट फोन तो उपलब्ध करा दिये गये लेकिन उनके रिचार्ज की धनराशि भी नहीं दी गयी जिससे मोबाइल फोन भी एक खिलौना बन कर रह गये है

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से आंगनबाड़ी वर्करो को काफी उम्मीदें थी कि सरकार आंगनवाडी के लिए अहम फेसले लेगी लेकिन पांच साल बीतने के बावजूद अब आंगनवाडी वर्करो की उम्मीद खत्म हो चुकी है और आंगनवाड़ी वर्करो को मानदेय के लिए तरसना पड़ रहा है

लगभग तीन माह बीत चुके है लेकिन अभी भी मानदेय आने की कोई संभावना नही लग रही है वर्तमान समय में सभी विभागीय कर्मचारी विधानसभा चुनाव में व्यस्त है चुनाव की वजह से अधिकतर विभागों के संविदाकर्मियो का मानदेय लंबित है आंगनवाडी वर्करो के मानदेय के भुगतान के लिए वित्त विभाग बजट जारी कर चूका है लेकिन कराम्चारियो की व्यवस्ता के कारण कर्मियों का भुगतान नही हो रहा है जिससे सभी वर्गों के कर्मचारी मानदेय न मिलने के कारण परेशान है

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