हॉटकुक्ड योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बर्तनो की व्यवस्था,निगरानी के लिए सख्त टीम का गठन
हॉटकूक्ड योजना
आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 1.44 लाख बच्चों को मिड-डे- मील की तर्ज पर पका पकाया भोजन दिया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत प्राथमिक विद्यालयों में बनने वाले मिड- मील के किचन में ही स्कूल की रसोइया आंगनबाड़ी के बच्चों का भी खाना बनाएंगी। इसके लिए प्रति बच्चा उन्हें अलग से पैसा दिया जाएगा। जहां पर आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालय में नहीं चल रहे हैं, वहां सबसे नजदीकी स्कूल से खाना बनकर आएगा। स्कूल का निर्धारण जिला कार्यक्रम अधिकारी करेंगे। प्राथमिक विद्यालय में तैयार भोजन को आंगनवाड़ी केंद्र तक ले जाने का कार्य सहायिका का होगा।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा संचालित होने वाली हॉटकुक्ड योजना के तहत साल में कम से कम 300 दिन लाभार्थियों को गरम भोजन खिलाया जाएगा। जिसके लिए एक दिन में एक बच्चे को प्रतिदिन कम से कम 300 कैलोरी व 7 से 8 ग्राम प्रोटीन देना अनिवार्य होगा।
इस योजना के तहत प्राथमिक विद्यालयों मे स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले 3 से 6 साल की उम्र वाले बच्चों को भी गरम भोजन खिलाया जाएगा इस योजना पर होने वाले खर्च की धनराशि 50-50 प्रतिशत केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर खर्च किया जाएगा ।
हॉटकुक्ड योजना के अंतर्गत आंगनवाड़ी वर्करों के बैंक खाते खुलवाने के संबंध मे जारी आदेश
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स करेगी निगरानी
हॉटकुक्ड योजना के तहत बच्चों को खिलाया जाने वाले गर्म भोजन की गुणवत्ता, मेन्यू और मात्रा आदि पर नजर रखने के लिए राज्य व जिला स्तर पर टास्क फोर्स का भी गठन किया जाएगा।
ये टास्क फोर्स योजना के लाभार्थी बच्चों के पोषण में हो रहे सुधार की प्रगति की रिपोर्ट तैयार करने का काम भी करेगी। इस व्यवस्था की निगरानी के लिए डीएम की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय टास्क फोर्स बनेगी। टास्क फोर्स के अन्य सदस्यों को डीएम नामित करेंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी टास्क फोर्स के सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे। इसकी बैठक प्रतिमाह कराने का दायित्व जिला कार्यक्रम अधिकारी का होगा। निदेशालय स्तर से नामित नोडल अधिकारी हर माह जिलों में इस व्यवस्था का निरीक्षण करेंगे।
भोजन तैयार करते समय उसकी स्वच्छता एवं पौष्टिकता का पूरा ध्यान रखा जायेगा। ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य, मातृ समिति की अध्यक्ष या सदस्य या ग्राम सभा के अन्य कोई से गणमान्य व्यक्ति भोजन वितरण के समय उपस्थित रहेंगे। इसमें डीएम की ओर से एक नामित सदस्य भी रहेगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, क्षेत्रीय सुपरवाईजर आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर इस व्यवस्था की पड़ताल करेंगे ।
को लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बर्तनो की व्यवस्था
हॉटकुक्ड योजना के तहत को लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भोजन परोसने तथा बच्चों के खाना खाने (प्लेट, कटोरी, ग्लास, चम्मच आदि) बर्तनों की अनुपलब्धता की स्थिति में संबंधित ग्राम सभा/नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद/नगर निगम को लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में आवश्यक बर्तनों की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराने का उत्तरदायित्व संबंधित जिले के जिलाधिकारी का होगा। यदि पूर्व की किसी योजना के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बर्तन आदि उपलब्ध कराये गये हैं, तो ऐसी स्थिति में आवश्यकता को सुनिश्चित करते हुए ही नये बर्तनों के क्रय की कार्यवाही क्रय/वित्तीय नियमों का पालन करते हुए की जायेगी । किसी भी स्थिति में अनावश्यक क्रय की कार्यवाही नहीं की जायेगी ।
ग्राम प्रधान/सभासद/आंगनबाड़ी कार्यकत्री तीनों संयुक्त रूप से कोटेदार से उठाएंगे राशन
कोटेदारों के माध्यम से ग्राम प्रधान/सभासद/आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा खाद्यान्न संयुक्त रूप से प्राप्त कर आंगनबाड़ी केन्द्र पर उपलब्ध कराया जायेगा।
खाद्यान्न की आवश्यकता का निर्धारण जिला कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग को भेजा जाएगा । भारत सरकार से प्राप्त होने वाले रियायती दर के खाद्यान्न व परिवहन का भुगतान खाद्य तथा रसद विभाग को त्रैमासिक रूप से अग्रिम के रूप में किया जायेगा ।
खाद्यान्न का उठान व परिवहन खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा
हॉट कुक्ड मील योजना के लिए भारत सरकार से रियायती दर पर प्राप्त होने वाले खाद्यान्न का उठान व परिवहन खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा किया जायेगा।
पी0एम0 पोषण योजना की भाँति रियायती दरों (कोटेदार का मार्जिन सहित कुल रु0 75.00 प्रति कुन्तल) पर खाद्यान्न का परिवहन व हैण्डलिंग कराने की व्यवस्था तथा परिवहन व हैण्डलिंग पर आने वाले व्यय का भुगतान बिल के आधार पर खाद्य एवं रसद विभाग को किया जायेगा।
03 से 06 वर्ष की आयु के बच्चों पर आने वाला खर्च
भारत सरकार द्वारा 03 से 06 वर्ष की आयु के बच्चों को अनुपूरक पोषाहार प्रदान किये जाने हेतु रु0 8.00 प्रति लाभार्थी प्रतिदिन (माह में 25 दिन) ही अनुमन्य है। इस रु0 8.00 में से रु0 3.50 प्रति लाभार्थी मॉर्निंग स्नेक के रुप में टी0एच0आर0 पर खर्च होता है और शेष रू0 4.50 प्रति लाभार्थी हॉटकुक्ड पर खर्च किया जाना है। हर बच्चे पर 4.50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से सरकार प्रतिदिन करीब 6.51 लाख रुपये खर्च करेगी।
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