ग्राम प्रधान और कार्यकत्रियों के बीच हुई खींचतान, अधिकांश केंद्रों पर हाटकुक्ड योजना ठप्प
हाटकुक्ड योजना
हरदोई जिले में प्रधान व आंगनवाड़ी कार्यकत्री के बीच खींचतान की वजह से 400 से ज्यादा आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चे होट्कूक्ड योजना से वंचित हो रहे है। जिसके कारण इन बच्चो को गर्म भोजन का लाभ नहीं मिल रहा है। इसका मुख्य कारण आंगनवाड़ी और प्रधान के बीच संयुक्त बैंक खाते का संचालन नहीं होना है साथ ही बहुत से आंगनवाड़ी केंद्र पर भोजन सामाग्री भी नहीं पहुच रही हैं। शासन के कड़े निर्देश के बाद विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों ने इस योजना पर सख्त रुख बनाया है।
बाल विकास विभाग द्वारा जिले के 19 विकास खंड मे लगभग 2100 आंगनबाड़ी केंद्र परिषदीय स्कूल भवनों में संचालित हो रहे हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 1700 आंगनवाड़ी केंद्रों पर हाटकुक्ड योजना शुरू कर दी गयी है। लेकिन अभी भी 400 स्कूलों मे चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चो को हाटकुक्ड योजना के अंतर्गत गर्म भोजन नहीं मिला हैं। इस गर्म भोजन को बनाने के लिए चावल व गेंहू को सभी आंगनवाड़ी केन्द्रो पर भेज दिया गया है। इस भोजन सामाग्री को कोटेदार को दिया गया था जिसका आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने उठान कर लिया है साथ ही इसके लिए शासन द्वारा कनवर्जन कास्ट का पैसा भी बैंक खातों में भेजा जा रहा है।
जिन आंगनवाड़ी केन्द्रो का संचालन स्कूल के भवनो मे किया जाता है वहा के केन्द्रो पर आने वाले बच्चे इस योजना का लाभ उठा रहे है लेकिन जिले के लगभग 400 आंगनबाड़ी केंद्र स्कूल भवन से 200 मीटर की दूरी पर हैं। सबसे ज्यादा समस्या यही आ रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग के रसोइयों द्वारा खाना बनाने मे समस्या आने की वजह से इन केंद्रों पर अभी हाटकुक्ड योजना को लागू नहीं किया गया है। इन आंगनवाड़ी केंद्रों मे लगभग 80 केंद्र ऐसे भी हैं जहां आंगनवाड़ी कार्यकत्री व सहायिका दोनों के पद रिक्त पड़े हैं।अब वर्करो के न होने भोजन सामाग्री को बनाने व परोसने के लिए बर्तन की व्यवस्था नहीं है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि जो आंगनवाड़ी केंद्र विद्यालय को छोड़कर अन्य भवनो मे संचालित होते है वहा पर वर्कर व अन्य संसाधन की समस्या होगी इसके लिए निदेशालय को सूचित कर मुख्यालय से निर्देश मांगें गए हैं। जबकि जिले के जिलाधिकारी ने ग्राम सभा क्षेत्र के बीडीओ व नगर क्षेत्र के ईओ को इस बारे मे निर्देशित किया है कि ग्राम निधि व अन्य सहयोग से संभव हो तो आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बर्तन व अन्य सामग्री उपलब्ध कराये।
वही जिले के डीपीओ ने सभी परियोजनाओ के सीडीपीओ को निर्देश दिए हैं कि बीडीओ व बीईओ के संपर्क में रहते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों पर जाकर खाना बन रहा है या नहीं का निरीक्षण करते रहे ? साथ ही भोजन की गुणवत्ता और भोजन की फोटो को भेजने के निर्देश दिये गए है।