उरई जिले के परिषदीय स्कूलों में आंगनवाड़ी केंद्र बंद होने की स्थिति मे प्री प्राइमरी के बच्चे दूसरी कक्षा मे जाकर पढ़ाई कर रहे है। जबकि इस कक्षा मे पाँचवी की पढ़ाई चल रही है। लेकिन आंगनवाड़ी के न आने से बच्चे इन क्लास मे बेठने के लिए मजबूर है।
जिले के डकोर ब्लॉक मे रेवा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में आंगनवाड़ी केंद्र पर ताला लगा हुआ था। इस आंगनवाड़ी केंद्र के बोर्ड पर आंगनबाड़ी का कोड नंबर और मोबाइल नंबर के साथ कार्यकत्री का नाम रेणु देवी लिखा था लेकिन आंगनवाड़ी केंद्र पर मौजूद नहीं थीं।
इस स्कूल मे प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रियंका माहेश्वरी एक ही कमरे में कक्षा एक से पांचवी के बच्चों को पढ़ा रहीं थी। इस कक्षा मे आंगनवाड़ी केंद्र बंद होने से केंद्र के बच्चे भी वही बैठकर पढ़ने लगे। और दूसरे बच्चो की किताब लेकर पढ़ने लगे। लेकिन इन छोटे बच्चो के लिए इन किताबों का कोई महत्व नहीं था।
इस सम्बंध मे जालौन के जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तिखार अहमद का कहना है कि डकोर ब्लॉक के रेवा में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र पर ताला लगा होने की उन्हे कोई जानकारी नहीं है और न ही आंगनवाड़ी कार्यकत्री के केंद्र से अनुपस्थित होने की कोई सूचना मिली है। अगर आंगनबाड़ी कार्यकत्री बिना सूचना के अनुपस्थित है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
नयी शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र पर प्री प्राइमरी के बच्चों को अक्षरों की पहचान, अंकों की पहचान, अंक को जोड़ना, शब्द मिलाकर पढ़ना आदि सिखाया जाता है।
पढ़ाई के साथ साथ बच्चो को कुपोषण से बचाने के लिए सूखा राशन भी दिया जाता हैं। अगर किसी आंगनवाड़ी कार्यकत्री की विभाग की योजनाओ मे लापरवाही की वजह से बच्चो को लाभ नहीं मिलता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाती है।