यूपी मे आंगनवाड़ी भर्ती का भविष्य अंधकार मे,आवेदक हो रहे परेशान
आंगनवाड़ी भर्ती
बाल विकास विभाग मे पिछले दो साल से चल रही आंगनवाड़ी भर्ती प्रक्रिया बंद हो चुकी है। आवेदन करने वाली महिलाओ ने अब आंगनवाड़ी बनने की आस भी छोड़ दी है। क्योंकि विभाग द्वारा अब तक न तो यह बताया जा रहा है कि कब तक नियुक्तियां होंगी। न ही भर्ती मे देरी की वजह क्लियर हो रही है। प्रदेश मे लगभग 48 जिलो मे आवेदन लेने के बाद अब नियुक्तियों का पोर्टल बंद है।
बरेली जिले में आंगनवाड़ी पदो पर आवेदन करने वाली महिलाएं इंतजार में परेशान हो रही हैं। चुनाव पूर्व शुरू की गयी आवेदन प्रक्रिया को देखकर लगा कि वो जल्द आंगनवाड़ी के पदो पर कार्य करने का मौका मिलेगा लेकिन अब सभी महिलाए उम्मीद छोड़ चुकी है।
जिले में बाल विकास विभाग द्वारा 2857 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। जिसमे सबसे अधिक 55 पद शहर में खाली पड़े हैं। मार्च में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के 311 रिक्त पदो पर करीब 1500 महिलाओं ने आवेदन किए थे। अप्रैल में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने पर आंगनवाड़ी नियुक्ति प्रक्रिया अटक गईं थीं।
आवेदको को उम्मीद थी कि आचार संहिता खत्म होने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। लेकिन अभी तक शासन ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की है। चुनाव खत्म हुए भी महीनों बीत चुके है लेकिन विभाग द्वारा अभी तक स्पष्ट नहीं है कि आंगनवाड़ी भर्ती होगी या नहीं। अगर प्रक्रिया शुरू होगी तो कब तक। खाली पदो की वजह से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन काफी समय से प्रभावित हो रहे है।
भर्ती न होने से एक आंगनबाडी कार्यकर्ता एक से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रो का चार्ज संभाल रही है जिसकी वजह से अलग अलग केन्द्रो पर जाने से हर रोज केंद्र का संचालन नहीं हो पाता है। जबकि विभागीय अधिकारियों ने आंगनवाड़ी वर्करो को केंद्र का अतिरिक्त कार्यभार सौंपकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। इस स्थिति मे आंगनवाड़ी वर्करो पर काम का बोझ बढ़ चुका है। जबकि अन्य केन्द्रो का कोई अतिरिक्त मानदेय भी नहीं दिया जाता है।
एक पूर्ण आंगनवाड़ी पर आंगनबाडी कार्यकर्ता और सहायिका द्वारा केंद्र का संचालन किया जाता हैं। लेकिन रिक्त पदो की संख्या बढ्ने से कुछ आंगनवाड़ी केन्द्रो पर सहायिका भी नियुक्त नहीं है। जिसके कारण आंगनवाड़ी केंद्र बंद पड़ा रहता है। ऐसे आंगनवाड़ी केन्द्रो को सिर्फ पोषाहार वितरण,टिकाकरण या अन्य गतिविधिया करने के लिए खोला जाता हैं।
Pta nhi kya ho rha h