आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को मिलेंगी अलमारी
आंगनवाड़ी केंद्रों की कायापलट व इनको मॉडल बनाने की कवायद जारी है अब बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों पर कार्यकत्रियों के अभिलेख(रजिस्टर) प्लेकिट खेल खिलोने व अन्य सामान को सुसज्जित रखने हेतु विभाग द्वारा अलमारियां देने की योजना है
गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति के तहत अब आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल में विकसित किया जा रहा है इन आंगनवाड़ी केंद्रों पर रिकॉर्ड रखने के लिए अलमारी दी जाएंगी और बच्चो की सुविधा के लिए प्ले किट झूला व अन्य सामान दिए जाएंगे
अलीगढ़ के जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) श्रेयस कुमार के अनुसार पहले चरण में शुक्रवार को बिजौली और गंगीरी ब्लॉक में इन सामानों का वितरण किया जा सकता है आंगनवाड़ी केंद्रों में प्ले स्कूल की तर्ज पर शिक्षा का माहौल बनाने के लिए भरसक प्रयास किये जा रहे है जिसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों की दीवारों पर शिक्षा से जुड़े शब्दो की पेंटिंग की जा रही है बच्चो को बैठने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों पर रंगीली कुर्सियां दी जा रही है
शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला अधिकारी (DM) चंद्रभूषण सिंह व विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी ( CDO) अनुनय झा द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों पर अलमारी वितरित की जायेंगी व बच्चो के लिए खेल खिलोने ,प्ले किट, रोस्टर ,झूले भी दिए जाएंगे
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अमरोहा : जनपद में अफसरों के ढुलमुल रवैये के चलते कुपोषण खत्म का नाम नही ले रहा है जनपद में 12 हजार कुपोषित बच्चे है जिसमे 2804 अति कुपोषित की श्रेणी में है जबकि इस श्रेणी के बच्चे उन गाँव से है जो गांव अधिकारियों द्वारा गोद लिए गए थे फिर भी इन अधिकारियों द्वारा गोद लिए गए गांव से कुपोषण खत्म नही हो सका
बाल विकास विभाग द्वारा जनपद में कुपोषित बच्चो का आंकड़ा जुटाने के लिए सर्वे किया गया था जिसमे लाखो बच्चो का वजन कराया गया इन आंकड़ों की रिपोर्ट चौकाने वाली रही कि जिसमे लगभग दस हजार बच्चो का वजन औसतन बहुत कम था जबकि 2800 बच्चे का वजन अतिकुपोषित बच्चो की श्रेणी में था
अवगत हो कि एक वर्ष से पांच वर्ष तक के बच्चो को दो श्रेणी में रखा जाता है जिन बच्चो का वजन औसत से कम होता है उन्हें पीली (yellow) श्रेणी में और जिन बच्चो का वजन बहुत कम होता है उन्हें लाल (red) श्रेणी में रखा जाता है
अब इन बच्चो की मुख्यमंत्री द्वारा रविवार को आयोजित होने वाले आरोग्य मेले में स्वास्थ्य की जांच की जाएगी चूंकि सरकार कुपोषण मुक्त रखने के लिए निरंतर अभियान (सुपोषण मेला,पोषण पखवारा) नियमित आंगनवाड़ी केंद्रों पर वजन दिवस व आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोष्टिहार वितरित आदि कार्यक्रम के तहत करोड़ो रुपए खर्च कर रही है