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सीडीपीओ ऑफिस बना पोषाहार रखने का गोदाम,आंगनवाड़ी टीचर ट्रेनिंग के लिए शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

आंगनवाडी न्यूज़

कुशीनगर जनपद में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर महीने के 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच होता है। अप्रैल से सितंबर महीने तक 5365 महिलाओं की जांच हुई है। इसमें से 515 महिलाएं हाईरिस्क में चिह्नित हुई है। इन महिलाओं की स्वास्थ्य विभाग नियमित देखरेख कर इलाज करना शुरू कर दिया है। इन महिलाओं में खून की कमी, हाई व लो शुगर, हर्ट व पहली बार सर्जरी से हुई बच्चों की पैदाइशी कराने वाली महिलाएं हाईरिस्क श्रेणी में है।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत 9 महीने में कम से कम एक बार गर्भवती महिलाओं की जांच एमबीबीएस डॉक्टर से कराना है। इसके तहत हर महीने के 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की सेहत की जांच सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर होती है। अगर इस तिथि को सार्वजनिक अवकाश रहता तो इसके अगले दिन गर्भवती महिलाओं के सेहत की जांच होती है। सितंबर महीने में 1111 गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच हुई थी इसमें से 91 महिलाएं हाईरिस्क में चिह्नत हुई है। इनमें से अधिकांश महिलाओं में खून की कमी, शुगर व बीपी की समस्याएं है। एक दर्जन महिलाओं में हर्ट की भी समस्या सामने आयी है।

इन महिलाओं को स्वस्थ्य रखने के लिये उस गांव की आशा, संगनी व एएनएम को नियमित जांच करने के साथ ही किसी प्रकार की दिक्कत आने पर उनको नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर भर्ती कराते हुए इलाज कराने की जिम्मेदारी दी गयी है।

1 छह महीने में 5365 गर्भवती महिलाओं की हुई जांच में 515 की स्थिति पाई गई हैं गंभीर

2  जांच में खून की कमी, हाई शुगर, लो शुगर, हर्ट आदि के मिल रहे हैं रोगी

3  हर महीने की 9 तारीख को सभी सीएचसी पर गर्भवती महिलाओं की होती है जांच

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फिरोजाबाद में प्री प्रायमरी के लिए प्रशिक्षण शुरू

फिरोजाबाद जनपद में नयी शिक्षा नीति के तहत आंगनवाडी केन्द्रों के बच्चो को प्री प्रायमरी में शिक्षा हेतु परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो स्कूलों में जाकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षित करेंगे। इसके लिए गुरूवार से तीन ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर प्रशिक्षण शुरू हो गया है

अवगत हो कि आंगनबाड़ी में तीन से पांच वर्ष के बच्चे पढ़ते हैं। यही बच्चे सरकारी स्कूलों में कक्षा एक में दाखिला लेते हैं। इन बच्चों को भी गतिविधि के माध्यम से पढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए लखनऊ में बीते दिनों प्रशिक्षण हुआ था। गुरुवार को जिले में दो दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। फिरोजाबाद ब्लॉक पर मनीषा रानी एवं सविता अग्रवाल ने प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया बच्चों को पढ़ाई से जोड़ें। गतिविधि आधारित शिक्षा के संबंध में समझाते हुए कहा कि उन्हें रंग सिखाने हैं तो आसपास दिखाई देने वाले जानवरों का प्रयोग करें। इससे बच्चों की उत्सुकता बढ़ती है तथा वह सीखेंगे। दोनों ब्लॉक पर चल रहे प्रशिक्षण का एसआरजी जया शर्मा ने ने पर्यवेक्षण करते हुए समझाया कि छोटे बच्चों को किस तरह से पढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण पाने वाले शिक्षकों को अपने स्कूलों में इसे लागू करना है।

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रसोइये बनवाते है बच्चो से मिड डे मिल का खाना

चंदोली जनपद के शहाबगंज विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय भुड़कुड़ा में बच्चों से पढ़ाई की जगह मिड-डे मील का भोजन बनवाया जा रहा है। बच्चों से भोजन बनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है। वायरल वीडियो में स्कूल की बच्चियां यूनिफार्म में आलू और टमाटर काटती नजर आ रही हैं। साथ ही मैडम के कहने पर सब्जी काटने की बात भी बच्चियां कह रही हैं।

सरकार प्राथमिक स्कूलों की हालत को सुधारने के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की तरह सभी सुविधाएं बच्चों को उपलब्ध कराने व शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है। लेकिन अधिकारी और शिक्षण कार्य में लगे अध्यापक सरकार के मंशा को पलीता लगा रहे हैं। इसका नजीर प्राथमिक विद्यालय भुड़कुड़ा में दिखा। विद्यालय शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने वाले बच्चियों से भोजन पकाने का कार्य कराया जा रहा है। यहां बाल श्रम कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। वहीं शासन के शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की सारी कवायद फ्लाप नजर आ रही है। क्षेत्रीय जनों का कहना है कि वायरल वीडियो मात्र एक विद्यालय की दास्तां को बयां कर रही है। जबकि ऐसे कई स्कूल है जहां बच्चों से झाड़ू लगाने, बर्तन साफ कराने तक का कार्य कराया जाता है। यह सब कुछ जानने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए हैं।

खंड शिक्षा अधिकारी अरविंद यादव ने कहा कि बच्चियों से भोजन पकाने का मामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो मामले की निष्पक्ष जांच कराने के बाद दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। लेकिन क्या सिर्फ अधिकारियों के बयान देने से हकीकत बदल जायेगी?

जिला कार्यक्रम अधिकारी के निरीक्षण में तीन कार्यकत्री केंद्र से गायब ,सेवा समाप्ति की तैयारी

फर्रुखाबाद के जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद ने गुरुवार को अचानक सोता बहादुरपुर और अमेठी कोहना के आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर लिया। इसमें दोनों केंद्रों पर ताले लटके मिले। पूर्व में डीएम के निरीक्षण मे भी सोता बहादुरपुर में आंगनवाडी कार्यकत्री नहीं मिली थीं। इस लापरवाही पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और सहायिकाओं की सेवा समाप्ति की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी दोपहर में अचानक सोता बहादुरपुर के आंगनबाड़ी केंद्र में पहुंचे तो यह बंद था। यहां पर कार्यकर्त्री रिचा के अलावा एक सहायिका की तैनाती है। ग्रामीणों से भी डीपीओ ने केंद्र के संचालन को लेकर जानकारी की। अमेठी कोहना गांव में पहुंचे डीपीओ को केंद्र बंद मिला। यहां पर सोमेश लता और मीरा की तैनाती है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि पूर्व में इस केंद्र पर लापरवाही पाई गई है। केंद्र का संचालन निर्धारित तिथि पर नहीं पाया गया है। इस पर तीनो कार्यक्त्रिस्रयों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि कोविड के चलते सप्ताह में दो दिन सोमवार और गुरुवार को आंगनबाड़ी केंद्र संचालन के आदेश हैं। उन्होंने सभी सीडीपीओ को निर्देशित किया कि वह केंद्रों पर नजर रखें।

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लाभार्थियों के राशन रखने की जगह नही ,सीडीपीओ ऑफिस बना गोदाम

गाजीपुर के बाल विकास परियोजना कार्यालय भदौरा में पुष्टहार रखने के लिए जगह तक नहीं है। वितरण के लिए यहां लाये जाने वाला पुष्टाहार सीडीपीओ कार्यालय में रखा जा रहा है। इसके चलते कार्यालय का कामकाज भी बाधित होने लगता है। यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है। वहीं इस कार्यालय परिसर में शौचालय तक नहीं बना है। इसके अभाव में कर्मचारियों को आस-पास के क्षेत्रों में जाना पड़ता है।

तहसील के सेट भदौरा ब्लाक परिसर में बाल विकास परियोजना कार्यालय का गोदाम पूरी तरह से जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। इसमें बच्चों के लिए लाये जा रहे पुष्टाहा रखने तक की जगह नहीं है। इसके चलते पुष्टाहार सीडीपीओ कार्यालय में रखा जा रहा है। बाल विकास परियोजना कार्यालय का गोदाम पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। सरकार की ओर से चलायी जा रही योजना बच्चों के लिए पुष्टाहार रखने की जगह नहीं होने की वजह से मजबूरी में सीडीपीओ कार्यालय में रखा जा रहा है। कार्यालय में काम करने में अधिकारियों व कर्मचारियों सहित आंगनबाड़ियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। कार्यालय का मुख्य गेट टूटा हुआ है। इससे पुष्टाहार चोरी होने का भय अधिकारियों व कर्मचारियों में बना रहता है। सीडीपीओ भदौरा एजाज अहमद ने बताया कि कई बार उच्चधिकारियों को गोदाम जर्जर व शौचालय सहित मुख्य गेट में शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

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