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मिनी आंगनवाड़ी की बल्ले बल्ले ,पूर्ण कार्यकत्री का दर्जा मिलने के साथ साथ मानदेय भी बढ़ेगा

मिनी आंगनवाड़ी होंगे अपग्रेड

उत्तरप्रदेश के बाल विकास विभाग निदेशालय द्वारा मिनी आंगनवाडी केन्द्रों को पूर्ण केन्द्रों मे अपग्रेड करने के सम्बन्ध मे आदेश जारी किया गया है। जो मिनी केंद्र सामान्य केंद्र के मानक को पूरा करेगा उन सभी केंद्रों को अपग्रेड किया जाएगा। इस आदेश से इन मिनी केन्द्रो का संचालन करने वाली मिनी कार्यकत्री को अतिरिक्त लाभ मिलने शुरू हो जाएंगे।

इस आदेश के बाद बाल विकास परियोजना अधिकारी को ग्राम पंचायत या शहरी क्षेत्रो मे चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की आवश्यकता की संख्या को निर्धारित फॉर्मेट पर देनी होगी। मानक पूरा करने वाले मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को आंगनबाड़ी केंद्र में तब्दील कर दिया जाएगा। शासन द्वारा आदेश जारी होने के बाद जिन क्षेत्रो मे मिनी आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे है वंहा की जनसंख्या का आकलन शुरू कर दिया गया है।

बाल विकास विभाग निदेशालय ने जारी आदेश पत्र में कहा है कि राज्य के सभी जिलो मे जनसंख्या में हुई वृद्धि के कारण इन मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को शत-प्रतिशत लाभ नहीं मिल रहा है। अब मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को सामान्य आंगनबाड़ी केंद्रों में परिवर्तित करना चाहिए।

मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन 150 से 400 की जनसंख्या पर किया जाता है जबकि सामान्य आंगनबाड़ी 800 से 1000 की जनसंख्या पर स्थित होता है। इन मिनी आंगनबाड़ियों केन्द्रो के सामान्य आंगनबाड़ी के रूप में अपग्रेड करने से केंद्र को पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्र का दर्जा मिल जाएगा साथ ही उस केंद्र पर एक सहायिका की भी नियुक्ति की जाएगी। मिनी केंद्र के अपग्रेड होने से इन मिनी आंगनवाड़ी वर्करो को सामान्य कार्यकत्री का दर्जा मिलने के साथ साथ इनको सामान्य कार्यकत्री के समान मानदेय भी मिलेगा

वर्तमान समय मे उत्तर प्रदेश के बाल विकास विभाग द्वारा 22290 मिनी ऑगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। विभाग की निदेशक संदीप कौर ने प्रदेश के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी को आदेश जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश मे संचालित होने वाले सभी मिनी ऑगनबाड़ी केन्द्रों को मुख्य ऑगनबाड़ी केन्द्र के रूप में अपग्रेड किया जाये।

शासन के अनुसचिव अवनीश कुमार सिंह ने 6 मार्च 2025 को जारी अपने आदेश मे बाल विकास की निदेशक को पत्र लिखा था कि मिनी ऑगनबाड़ी केन्द्रों को मुख्य ऑगनबाड़ी केन्द्र के रूप में अपग्रेड करने के सम्बंध मे केंद्रीय बाल विकास विभाग पहले ही निर्देश जारी कर चुका है जबकि उत्तरप्रदेश शासन भी दो बार आदेश जारी कर चुका है लेकिन अभी भी इस सम्बंध मे कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।

मिनी ऑगनबाड़ी केन्द्रों को मुख्य ऑगनबाड़ी केन्द्र के रूप में अपग्रेड करने के लिए करते हुए सम्बन्धित ऑगनबाड़ी केन्द्रों का सर्वे कराया जाएगा। इसके बाद इन क्षेत्रो के लाभार्थियो की संख्या और इन लाभार्थियों के अनुरूप पुष्टाहार का मांग पत्र के अनुसार तय किया जायेगा।

अगर हम मिनी आंगनबाड़ी और सामान्य आंगनवाडी की तुलना करे तो मिनी आंगनवाडी केंद्रों पर सिर्फ कार्यकत्री को ही नियुक्त किया जाता है लाभार्थियों की संख्या सामान्य से आधी होने के कारण इन मिनी आंगनवाडी केंद्रों पर कार्यरत कार्यकत्री का मानदेय भी कम होता है। साथ ही मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्री को कोई सहायिका नहीं दी जाती है। वर्तमान समय मे केंद्र सरकार द्वारा मिनी आंगनवाडी कार्यकत्री को 3500 रुपए दिया जा रहा है साथ ही राज्य सरकार द्वारा 1250 रुपए दिया जाता है।

बाल विकास विभाग द्वारा जारी आदेश

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