पोषण ट्रैकर एप का डाटा लीक कर आंगनवाड़ी और लाभार्थियो को बनाया जा रहा निशाना
आंगनवाड़ी खबर

देश मे अब सायबर ठगो ने सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने वाले विभागो के कर्मचारियो और लाभार्थियो को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। ये सायबर ठग सरकारी योजनाओ के नाम पर मिलने वाली राशि का बहाना बनाकर खाते में डालने के लिए ओटीपी मांगते हैं उसके बाद लाभार्थियो के बैंक खाते खाली कर देते है।
केंद्र सरकार ने बाल विकास विभाग मे पंजीकृत लाभार्थियो को योजना का लाभ दिलाने मे पारदर्शिता बरतने ,आंगनवाड़ी वर्करो की उपस्थिती और उनके कार्यो को ऑनलाइन करने आदि कार्यो के लिए पोषण ट्रेकर पोर्टल लौंच किया था लेकिन अब इस पोर्टल का डाटा लीक हो गया है। जिसकी वजह से सायबर ठगो ने पोर्टल पर दर्ज लाभार्थियो और आंगनवाड़ी वर्करो को फोन कर ठगने का काम शुरू कर दिया है।
इंदौर सायबर सेल दर्ज की गयी शिकायत के अनुसार महिला एवं बाल विकास से जुड़े अधिकारियों, आंगनबाड़ी वर्करो, सहायिकाओं के नाम से सायबर ठग पोषण ट्रेकर मे दर्ज महिलाओं और बच्चो को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर कॉल करके ठग रहे हैं।
आंगनबाड़ी वर्करो का कहना है कि कुछ लाभार्थी महिलाओं के फोन आ रहे है कि उन्हें किसी ने मेरे नाम से फोन किया है। फोन करने वाले ने कहा कि मेने आपका नंबर दिया है और आपको प्रधानमंत्री वंदना योजना द्वारा दी जाने योजना की सहायता राशि मिलने वाली है। इसके लिए आपके फोन में एक ओटीपी आएगा जो आप हमें बता देना। ओटीपी देने के बाद उनके अकाउंट से पैसे कट गए है ऐसी और भी कई महिलाओं से इस ठगी का शिकार हो गईं है।
आंगनवाड़ी वर्करो का कहना है कि इन सायबर ठगो के पास पूरा डाटा सटीक होता है। उन्हें पता होता है कि किस महिला के खाते में सरकारी योजनाओं की राशि आने वाली है। वह उसी महिला को फोन करते हैं। सहायता राशि की उम्मीद में और बाल विकास के अधिकारियों के परिचय के चलते ये महिला सायबर ठगो को ओटीपी बता देती है।
पोषण ट्रैकर एप में गर्भवती महिलाओं और महिला बाल विकास के अधिकारियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पूरी जानकारी रहती है। ये सायबर ठग महिलाओं से विभागीय अधिकारी बनकर ओटीपी और बैंक खाते की जानकारी मांगते है। ये महिलाए योजना की राशि मिलने के लालच और अज्ञानतावश मे जानकारी दे देती हैं जिसके कारण उनके साथ में फ्राड हो जाता है। यदि इसी तरह से डाटा लीक होता रहा तो हर रोज महिलाएं सायबर ठगो का शिकार होती रहेंगी।
जबकि इस सम्बंध मे पोषण ट्रैकर से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह जानकारी मिली है कि पोषण ट्रैकर में आंगबाड़ी कार्यकर्ता का आईडी पासवार्ड रहता है। यह एप पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को योजनाओ का लाभ दिलाने के नाम पर ठगने के लिए डाटा सायबर ठगो को कहां से मिलता है इसकी जानकारी किसी को नहीं है।