आंगनवाड़ी वर्करो को कार्यो के सापेक्ष मिल रहा कम मानदेय ,मूलभूत सुविधाओ का अभाव और जिला स्तरीय अधिकारियों का दबाब
आंगनवाड़ी सेवाएं

बाल विकास विभाग मे आंगनवाड़ी केन्द्रो मे कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में गर्भवती, धात्री महिलाओं के विकास से लेकर बच्चों की स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य बुनियादी सेवाओं में प्राथमिकता के साथ जुटी रहती हैं।
इसमे बच्चों के टीकाकारण से लेकर गर्भवती महिलाओं की देखभाल, पोषण और स्वास्थ्य से जुड़ी शिक्षा को ग्रामीणों क्षेत्रों परिवार को जागरूक करने में सबसे आगे रहती हैं। जिला स्तरीय अधिकारी आंगनवाड़ी वर्करो की ड्यूटी किसी विभाग मे लगा भी देते हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियां कम मानदेय, बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति, पोषण कार्यक्रम अनियमितता और सुविधाओ के अभाव मे जूझ रही हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी तरीके से निभाने के बाद भी कम मानदेय के साथ कड़ी मेहनत के साथ काम करती रहती हैं। आंगनवाड़ी को मिलने वाले कम मानदेय के कारण महंगाई के दौर में परिवार का भरण-पोषण करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जिसमे कई बार समय से मानदेय नहीं मिलने की समस्या से भी जूझना पड़ता हैं। लेकिन फिर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां सेवा से पीछे नहीं हटती हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को अपने क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की देखभाल, सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन और सर्वेक्षण आदि के साथ अन्य कई जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं। इसके बावजूद उन्हें सीमित संसाधनों में काम करना पड़ रहा है। वर्तमान मे सरकारी योजनाओ का ऑनलाइन डाटा मोबाइल से देना पड़ता है, लेकिन सरकार द्वारा दिया गया पुरानी तकनीक वाला मोबाइल सबसे ज्यादा समस्याएं खड़ी करता हैं।
विभाग को ऑनलाइन डाटा भेजने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को बेहतर मोबाइल के साथ तेज डाटा वाले रिचार्ज की सुविधा मिलनी चाहिए, जिससे आंगनबाड़ी के कार्यो मे ज्यादा सुविधा मिल सके। आंगनवाड़ी को विभागीय कार्यो के अतिरिक्त अन्य विभागो के भी कई काम करने पड़ते हैं। लेकिन इन कार्यो के सापेक्ष मानदेय बहुत कम मिलता है। आंगनवाड़ी वर्करो द्वारा बरसो से मानदेय में वृद्धि की मांग उठाई जा रही है।