102 आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ रहे बच्चों और महिलाओं की जान खतरे मे
आंगनवाड़ी न्यूज

सहारनपुर जिले में बाल विकास विभाग द्वारा संचालित कुल 3410 आंगनबाड़ी केन्द्रो मे 407 केंद्र दूसरे विभागो के भवनो मे संचालित किये जा रहे है साथ ही 102 आंगनवाड़ी भवन पूरी तरह जर्जर होने के कारण बंद पड़े हैं। जिसकी वजह से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को खुले में या फिर अपने घरों से केंद्रों का संचालन करना पड़ रहा है।
जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा एक वर्ष पूर्व जर्जर केंद्रों के नए निर्माण करने और आंगनबाड़ी केंद्रों के सुंदरीकरण को लेकर खाका तैयार किया था। जिन आंगनवाड़ी केंद्रों के पास अपनी जमीन नहीं है उन केन्द्रो को प्राथमिक विद्यालयों में शिफ्ट किया जायेगा।
शासन द्वारा जिले के कई आंगनवाड़ी केंद्रों को मॉडल केंद्र बनाने की मुहिम शुरू की गयी थी लेकिन ये मुहिम सिर्फ कागजो तक सीमित रह गयी। जिले के 102 आंगनवाड़ी केंद्रों की हालत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है जिसके कारण इन केन्द्रो मे पढ़ाना आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और बच्चों की जान खतरे से खाली नहीं है।
विभाग द्वारा जो आंगनवाड़ी भवन जर्जर हो चुके है उन केन्द्रो को पूरी तरह ध्वस्त कर नए निर्माण के लिए मनरेगा योजना में शामिल किया गया था लेकिन एक वर्ष के बाद भी इन केंद्रों का निर्माण नहीं किया जा सका जबकि जिले के 102 केंद्रों की हालत मरम्मत के लायक भी नहीं है। जिसमे केवल 75 आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत का कार्य हुआ है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी नंदलाल प्रसाद कहना है कि जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों का सुंदरीकरण का कार्य कायाकल्प अभियान के तहत किया जायेगा इसको लेकर जल्द कार्य शुरू करा दिया जाएगा। आंगनवाड़ी भवनो की समस्या से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आंगनबाड़ी केन्द्रो के बच्चों और महिलाओ की समस्याओ को देखते हुए जिन केंद्रों के पास अपनी जमीन नहीं है उन केन्द्रो को प्राथमिक विद्यालयों में शिफ्ट किया जायेगा। आंगनवाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों के लिए खिलौने और स्कूल जैसा माहौल दिए जाने की योजना भी बनाई गई है।