आंगनवाड़ी भर्ती के संबंध मे हाईकोर्ट ने मांगा जवाब,25 मार्च तक कमेटी देगी रिपोर्ट
आंगनवाड़ी न्यूज

उत्तरप्रदेश के बाल विकास विभाग मे चल रही आंगनवाड़ी भर्ती प्रक्रिया बहुत धीमी गति से चल रही है जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर नाराजगी जताई है। हाईकौर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन करने वाली आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायकों की कमी को पूरा करने के लिए क्या किया जा रहा है?
हाई कोर्ट मे शिप्रा देवी व प्रत्युष रावत द्वारा दायर की गयी याचिका मे जस्टिस एआर मसूदी व जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने आदेश जारी करते हुए अगली सुनवाई 25 मार्च तय गयी है। ये आदेश अलग अलग दाखिल दो जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया है।
हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बच्चो व गर्भवती महिलाओं के कुपोषण व स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए बाल विकास विभाग द्वारा चलायी जा रही योजना के क्रियान्वयन पर भी असंतोष व्यक्त किया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश के बाल विकास विभाग मे दो करोड़ से अधिक पंजीकृत लाभार्थी हैं।
लेकिन इसके बाबजूद भी प्रतिदिन एक हजार से अधिक बच्चो की म्रत्यु कुपोषण से हो रही है। इसका कारण है कि विभाग द्वारा योजना का संचालन सही से नहीं हो रहा है। कोर्ट ने बाल विकास द्वारा चलायी जा रही योजना का ठीक से क्रियान्वयन करने के लिए सुझाव देने हेतु तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है अब ये कमेटी 25 मार्च तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट को भेजेगी है।
हाई कोर्ट मे दायर की गयी याचिका मे याचिककर्ता का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा आईसीडीएस की योजनाओ का क्रियान्वयन सही से नहीं हो रहा है। जिसके कारण प्रदेश में छह साल तक के बच्चो व गर्भवती महिलाओ में कुपोषण व स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं गंभीर हो रही हैं।