आंगनवाड़ी केंद्रों पर अधिकतर वज़न मशीन खराब,गोद लेकर अंदाजे से लिया जा रहा वजन
आंगनवाड़ी खबर
गजरौला जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का लाभ सिर्फ कागजो मे ही पूरा किया जा रहा है जिसके कारण बच्चो को मिलने वाली सुविधाएं की खानापूर्ति की जा रही है। वही आंगनबाड़ी केंद्रों पर अव्यवस्थाएं का बुरा हाल है।
आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बच्चो का हर माह वजन लेकर पोषण ट्रेकर पोर्टल पर फीड किया जाता है लेकिन जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रो मे वजन और लंबाई की माप करने वाली मशीनें खराब हालत में पड़ी हैं। चूंकि बच्चो का वजन तोलने की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की है इसीलिए मजबूरी में आंगनबाड़ी कार्यकत्री को बच्चों को गोद में लेकर वजन का अंदाजा लगाकर फीड करना पड़ रहा हैं।
मिली जानकारी के अनुसार जिले में 50 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन करने वाली मशीनें खराब पड़ी हैं। जिला स्तरीय अधिकारी आंगनवाड़ी की समस्याओ को लेकर गंभीर नहीं हैं। जिसकी वजह से आंगनवाड़ी कार्यकत्री को अंदाजा ही लगाना पड़ रहा है कि बच्चा कुपोषित है या सुपोषित।
जिले के हसनपुर ब्लॉक क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी के आंगनबाड़ी केंद्र पर वजन मशीन ही नहीं है। इस केंद्र की कार्यकत्री की मशीन चौपाल पर रखी रहती है। जबकि ग्राम करनपुर माफी के तीन आंगनवाड़ी केंद्रों मे सिर्फ दो केन्द्रो पर मशीन उपलब्ध है तीसरे पर मशीन ही नहीं है।
वही गजरौला ब्लाक के सलेमपुर व सिहाली समेत 14 आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन मशीन खराब पड़ी हैं। इस सम्बंध मे क्षेत्र के सीडीपीओ अमित कुमार का कहना है कि वजन व लंबाई मापने वाली खराब मशीनों की सूची बनाकर जिला कार्यालय को भेज दी गई है।
धनौरा ब्लाक के 200 आंगनबाड़ी केन्द्रो मे बच्चों का वजन मापने के लिए सिर्फ 190 मशीनें हैं जिनमे 11 मशीन खराब पड़ी हैं। यहा की सीडीपीओ विनीता सिंह के अनुसार कई केन्द्रो मे लंबाई नापने वाली मशीन भी खराब है वजन और लंबाई मापने की खराब मशीनों की सूची जिला कार्यालय को भेज दी गई है।
अमरोहा जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी संजीव कुमार की माने तो जिले के किसी भी केंद्र से वजन मशीन खराब की सूचना नहीं है। लेकिन बच्चों की लंबाई नापने वाली करीब 60 फीसदी मशीन खराब हैं। जिसकी सूचना निदेशालय को भेज दी गई है।