आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बच्चो की संख्या बढ़ाने के लिए लगेंगे टीवी और वाटर प्युरिफायर
आंगनवाड़ी न्यूज़
बिजनौर आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बच्चो की संख्या बढ़ाने व शिक्षित करने के उद्देश्य से शासन लगातार प्रयास कर रहा है इन केन्द्रो पर बच्चो की रुचि ज्यादा बढ़े साथ ही प्राथमिक शिक्षा के लिए बच्चे ज्यादा से ज्यादा आए इसके लिए जनपद के आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प किया जा रहा है शिक्षा के साथ साथ अब आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चे शुद्ध पानी भी पियेंगे।
जिले के 3236 आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडर्न स्कूल की तर्ज पर बच्चों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए वाटर प्यूरीफायर लगाए जाएंगे। साथ ही जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प बदलने के लिए टीवी की व्यवस्था भी की जाएगी जिससे बच्चो को ज्ञान और खेल कूद की उचित शिक्षा दी जा सके इन आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बच्चो को बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था होगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो शासन से बहुत जल्द ही बजट जारी किया जा सकता है।
जिले के अधिकांश स्कूलो और आंगनवाड़ी केन्द्रो पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है इसके लिए शासन द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को शुद्ध पानी देने के लिए वाटर प्यूरीफायर लगाए जाने के प्रयास किए जा रहे है पेयजल की उचित व्यवस्था न होने के कारण अक्सर बच्चो को ज्यादा बीमारिया लगने का डर लगा रहता है इसीलिए जिला स्तर के अधिकारियों का प्रयास है कि जिले के 3236 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए पंजीकृत करीब 1 लाख 60 हजार बच्चों को वाटर प्यूरीफायर का शुद्ध पानी दिया जाये जिससे कि कोई बच्चा कुपोषित न हो
जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों को सक्षम बनाए जाने व आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बच्चो की संख्या बढ़ाने के लिए बहुत जल्द आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प शुरु होगा इसके लिए जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के लिए टीवी और फर्नीचर की व्यवस्था होगी।जिससे केन्द्रो पर शिक्षा को रुचिकर बनाया जा सके और बच्चो का केन्द्रो पर आकर्षण बना रहे। जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प करने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है।
इस संबंध मे जिला कार्यक्रम अधिकारी नागेन्द्र मिश्रा कहना है कि शासन के आदेश पर आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प करने का प्रयास जारी है जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वाटर प्यूरीफायर और टीवी लगेंगे। साथ ही बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था होगी। जिससे बच्चो को शुद्ध पेयजल मिल सके और साथ ही बच्चो की रुचि आंगनवाड़ी केन्द्रो पर ज्यादा हो