आंगनवाड़ी न्यूज़आदेश निदेशालय PDF

आंगनवाड़ी केंद्रों के संबंध मे विभागीय सचिव का महत्वपूर्ण आदेश जारी

आंगनवाड़ी आदेश

बाल विकास विभाग की सचिव अनामिका सिंह द्वारा प्रदेश के सभी जिला अधिकारी को पत्र जारी किया है जिसमे विभागीय गतिविधि और आंगनवाड़ी वर्कर और केंद्र के संबंध मे दिशा निर्देश जारी किए है सचिव ने जारी आदेश मे कहा कि उ0प्र0 शासन के मुख्य सचिव द्वारा वर्ष 2015 मे जारी शासनादेश के अनुसार मण्डलीय पोषण समिति गठित करते हुए विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा / अनुश्रवण करने की अपेक्षा की गयी है।

इस आदेश के अनुसार बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा पोषण, स्वास्थ्य एवं शालापूर्व शिक्षा सम्बंधी सेवाएं प्रदान किये जाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र एक महत्वपूर्ण इकाई है। इन केन्द्रों के माध्यम से 06 माह से 06 वर्ष आयु वर्ग तक के बच्चों, गर्भवती, धात्री माताओं तथा किशोरियों को समुचित पोषण, स्वास्थ्य एवं समग्र विकास के लिए विभाग द्वारा अनुपूरक पोषाहार, टीकाकरण, स्वास्थ्य जाँच, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, स्कूल पूर्व शिक्षा एवं संदर्भन सेवायें प्रदान की जा रही हैं।

वर्तमान में बाल विकास विभाग में कुछ नए प्रयास भी जोड़े गए हैं जैसे- आँगनबाड़ी कायाकल्प, आँगनबाड़ी केन्द्रों में हॉट कुक्ड मील का संचालन, आंगनबाड़ी भर्ती इत्यादि। उक्त कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मण्डल स्तर पर कन्वर्जेन्स विभाग के अधिकारियों के साथ एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है।

ये भी पढे ….मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी कर्मचारी यूनियनों से माह मे एक बार वार्ता करने का जारी किया आदेश

आंगनवाड़ी कायाकल्प आँगनबाडी केन्द्रों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढीकरण के सम्बन्ध में प्रदेश के समस्त ऑगनबाड़ी केन्द्रों को प्राथमिकता के आधार पर 18 मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं यथा स्वच्छ पेयजल, शौचालय, विद्युतीकरण आदि से संतृप्त किये जाने हेतु मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 16 फरवरी 2023 को शासनादेश जारी किया गया है जिसके अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों की वॉश सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को नवीनीकृत एवं विस्तार प्रदान करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उपलब्ध 18 आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं को ऐप के माध्यम से सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर डाटाबेस तैयार किया गया है।

आंगनबाड़ी केन्द्रों के कायाकल्प की अवधारणा को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से प्रथम चरण में प्रदेश के प्रत्येक बाल विकास परियोजना में एक आंगनबाड़ी केन्द्र को लर्निंग लैब के रूप में विकसित किये जाने हेतु चयनित किया गया है, जिनकी संख्या 832 है। तत्पश्चात प्रदेश में वर्तमान में संचालित सभी 1,89,021 आंगनबाड़ी केन्द्रों को चरणबद्ध रूप से आधारभूत सुविधाओं से संतृप्त करते हुये कायाकल्पित किया जाना है। आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प विभिन्न विभागों के साथ कन्वर्जेन्स के माध्यम से जनपद स्तर पर उपलब्ध विभिन्न स्रोतों यथा विभिन्न ग्रामनिधियों, सी०एस०आर०, मिनरल फण्ड, विधायक निधि एवं सांसद निधि आदि द्वारा कराया जाना है।

आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण एवं अपग्रेडेशन आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए लाभार्थियों हेतु संसाधनों की उपलब्धता के साथ बाल मैत्री भवन एवं आधारभूत संरचनाओं के निरन्तर सुदढीकरण की आवश्यकता होती है। प्रदेश में कुल संचालित 1,89,021 आंगनबाड़ी केन्द्रों के सापेक्ष 44,557 केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित हैं।

प्रत्येक वर्ष उपलब्ध बजट एवं जनपदों से भूमि सम्बन्धी प्रस्ताव की उपलब्धता के आधार पर आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण कन्वर्जेन्स (ग्राम्य विकास, पंचायती राज, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार ) के माध्यम से नियमित रूप से कराया जा रहा है। विभागीय भवनों के सुदृढ़ीकरण बिजली, पेयजल एवं शौचालय हेतु भी जनपदों को समय-समय पर मांग के अनुरूप बजट आवंटन किया गया है। उक्त के अतिरिक्त भवनों में अन्य अपग्रेडेशन कार्य छत, फर्श, दीवारों की मरम्मत आदि जैसे अपग्रेडेशन के कार्यों हेतु विभाग द्वारा जनपदों की मांग के अनुरूप प्रति भवन रु० 02.00 लाख की अधिकतम धनराशि आवंटित की गयी है।

शाला पूर्व शिक्षा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत 03 से 06 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को खेल एवं गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान की जाती है। 16 दिसम्बर 2022 मे जारी शासनादेश के अनुसार बच्चों के लिये ई०सी०सी०ई० हेतु समय-सारणी निर्धारित है। शाला पूर्व शिक्षा के लिए अप्रैल से मार्च का शैक्षणिक सत्र निर्धारित किया गया है।

इसके लिए विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को सहायक शिक्षण सामग्री के रूप में पहल पुस्तिका, वार्षिक गतिविधि कलेण्डर, विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों के लिये गतिविधि पुस्तिका, प्री स्कूल किट एवं एन०बी०टी० द्वारा प्रकाशित 6 कहानी की किताबों के सेट के साथ ही टी०एल०एम० पुस्तिका भी उपलब्ध करायी गयी है। साथ ही शाला पूर्व शिक्षा को सुदृढ़ बनाये जाने के उद्देश्य से विभिन्न ई-संसाधन यथा यू-ट्यूब चैनल (आई०सी०डी०एस० ), बाल पिटारा एप तथा एक संग एप भी विकसित किये गये हैं।

लर्निंग आउटकम्स बच्चों के आयु अनुसार लर्निंग आउटकम्स के आंकलन हेतु आंगनबाड़ी केन्द्रों पर किए जाने वाले मूल्यांकन को त्रैमासिक रूप से रिकार्ड करने की शुरूआत बाल पिटारा एप के माध्यम से की गयी है। मूल्यांकन से प्राप्त जानकारी को शिक्षक-अभिभावक बैठक (पी०टी०एम०) के अवसर (प्रत्येक माह के तीसरे मंगलवार) पर बच्चे के माता-पिता से साझा करते हुये आवश्यकतानुसार ध्यान केन्द्रित किया जाता है, जिससे समय से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास होने के साथ ही ‘निपुण लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।

निपुण लक्ष्य – शाला पूर्व शिक्षा के क्षेत्र में लक्ष्य प्राप्त करने के लिये 5 से 6 वर्ष के बच्चों के प्रारम्भिक साक्षरता एवं संख्या कौशल के लिए निपुण लक्ष्य निर्धारित है।

अनुपूरक पुष्टाहार कार्यक्रम बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में लाभार्थियों हेतु अनुपूरक पुष्टाहार का उत्पादन व आपूर्ति उ०प्र० राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कराया गया है जिसके अन्तर्गत ग्राम्य विकास विभाग के उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की स्वयं सहायता समूहों द्वारा विकास खण्ड स्तर पर स्थापित पुष्टाहार उत्पादन इकाईयों के माध्यम से पोषक तत्वों से युक्त रेसिपी बेस्ड अनुपूरक पुष्टाहार की आपूर्ति आंगनबाड़ी केन्द्र पर की जा रही है।

वर्तमान में प्रदेश के 43 जनपदों में 159 उत्पादन इकाईयों संचालित हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा जनपदों में रेसिपी आधारित अनुपूरक पुष्टाहार का उत्पादन एवं आपूर्ति प्रारम्भ किये जाने तक वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में फोर्टिफाइड गेहूं दलिया, फोर्टिफाइड चावल, चना दाल एवं फोर्टिफाइड खाद्य तेल ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना कार्यालय व शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आपूर्ति किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये हैं।

इसी क्रम में फोर्टिफाइड गेहूं दलिया, चना दाल एवं फोर्टिफाइड खाद्य तेल की आपूर्ति नैफेड व फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति / वितरण खाद्य एवं रसद विभाग के द्वारा की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में नैफेड द्वारा परियोजना कार्यालय पर आपूर्ति प्राप्त होने के पश्चात मैप्ड किए गए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा पुष्टाहार का उठान परियोजना कार्यालय से करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्राप्त कराया जाता है, जहाँ से आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा लाभार्थियों को निर्धारित मात्रा में पुष्टाहार वितरित किया जाता है। नैफेड द्वारा आपूर्तित अनुपूरक पुष्टाहार की रियल टाइम ट्रैकिंग आई०टी० पोर्टल के माध्यम से किये जाने की व्यवस्था है।

सहयोग ऐप आंगनबाड़ी केन्द्रों के सतत् निरीक्षण हेतु सहयोग ऐप के द्वारा पोषण और स्वास्थ्य कार्यक्रमों में जुडी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं के कार्यों में गुणवत्ता वृद्धि सुनिश्चित करने, सलाह देने, कोचिंग प्रदान करने और प्रेरित करने में सहायक है इस मोबाइल ऐप का उपयोग वर्तमान में बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं मुख्य सेविका द्वारा किया जा रहा है। इस ऐप का उपयोग करते हुये अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों (जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी तथा बेसिक शिक्षा अधिकारी) एवं विकास खण्ड स्तरीय अधिकारियों ( खण्ड विकास अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी) द्वारा भी विभागीय योजनाओं का निरीक्षण किये जाने का प्राविधान है।

आदेश देखने के लिए क्लिक करे

आंगनवाड़ी सुपरवाईजर का प्रशिक्षण भारत सरकार के सहयोग से लखनऊ में मुख्य सेविकाओं का मण्डलवार प्रशिक्षण कराया जा रहा है। मुख्य सेविकाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प, स्वास्थ्य सेवाओं, सहयोग एप, शाला पूर्व शिक्षा के साथ ही अन्य समस्त विभागीय योजनाओं के सम्बन्ध में उन्मुखीकरण कराया जा रहा है।

Aanganwadi Uttarpradesh

आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश एक गैर सरकारी न्यूज वेबसाइट हैं जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा संचालित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की गतिविधियों ,सेवाओ एवं निदेशालय द्वारा जारी आदेश की सूचना प्रदान करना है यह एक गैर सरकारी वेबसाइट है और आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश द्वारा डाली गई सूचना एवं न्यूज़ विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों पर निर्भर होती है वेबसाइट पर डाली गई सूचना के लिए कई लोगो द्वारा गठित टीम कार्य करती है

Related Articles