गाजियावाद उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को ग्राम मोरटी में देश की पहली एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित आंगनबाड़ी का शुभारंभ गाजियाबाद में किया है।
राज्यपाल का कहना है कि एआइ आधारित आंगनवाड़ी केन्द्रो से बच्चों को बेहतर शिक्षा व जानकारी प्राप्त होगी। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए कि बच्चे उसे समझ सकें, सिर्फ रटा रटाया ज्ञान न हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ साथ बच्चों में संस्कृति और सभ्यता का भी ज्ञान होना चाहिए।
वर्तमान समय में बच्चों के साथ- साथ महिलाएं भी कुपोषित हैं, जब हमारी माताएं सशक्त बनेंगी तो हमारे बच्चे और देश भी सशक्त बनेगा। आंगनबाड़ी सहित अन्य संस्थाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को पोषणयुक्त आहार प्रदान किया जाना चाहिए।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में बच्चों और आंगनबाड़ी वर्करो ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में पांच आंगनबाड़ी केन्द्रो की कार्यकत्री जिसमे नगला गाँव की मधु, अटौर की रुपवती, कल्लूगढ़ी की मुनाजारा, भिक्कनपुर की बबीता, अटौर की मंजू को प्री स्कूल किट का वितरण किया गया। इस प्री स्कूल किट में साबुन, डिटॉल, पट्टी, मरहम, कंघा, सीसा, सूई, धागा, कैंची, तेल सहित अन्य सामग्री थी।
राज्यपाल ने कहा कि जिले मे ऐसे 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को एआइ आधारित का निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ साथ आंगनवाड़ी केंद्रों के डिजाइन के समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि बच्चों के लिए पेयजल, शौचालय, टायलेट की सुविधा हो। साथ ही कोशिश यही होनी चाहिए कि बच्चे दूसरों पर निर्भर न होकर बचपन से ही आत्म निर्भर बन सकें।
जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि वर्तमान समय मे जनपद में कुल 1371 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। इसमें 866 केंद्र शहरी क्षेत्रो मे और 505 आंगनवाड़ी केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में है इन केन्द्रो पर तीन से छह वर्ष के कुल 41.318 बच्चे पंजीकृत हैं। जिसमे 20,795 लड़के और लड्किया हैं। जिले मे कई कंपनियों और संस्थाओं द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र का पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा हैं।
ए आइ आधारित आंगनबाड़ी केंद्र क्या है ?
एआइ आधारित आंगनबाड़ी केन्द्रो में डिजिटल बोर्ड लगाए गए हैं। जिससे ये पता चल सके कि इसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा बच्चों को पूरे दिन मे क्या क्या एक्टिवविटी कराई गई है। केंद्र बंद होने के बाद इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास जाएगी। प्रशासन को बच्चों की प्रगति के बारे में जानकारी मिलेगी। जबकि सामान्य आंगनबाड़ी केन्द्रो पर डिजिटल बोर्ड की कोई सुविधा नहीं होती है। और न ही प्रतिदिन आंगनवाड़ी द्वारा कराई गयी एक्टिवविटी की कोई रिपोर्ट बनती है।