मैनपुरी जिले के जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने जिला पोषण समिति की बैठक में विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। इस समीक्षा मे आंगनवाड़ी द्वारा पोषण ट्रैकर एप में फीड किए गए माह नवंबर में प्रदर्शित आंकड़ों के अनुसार में लाभार्थियों का आधार सत्यापन शत-प्रतिशत पाया गया है।
वही जिले के किशनी और बेवर के सीडीपीओ को छूटे हुए 17837 लाभार्थियों के मोबाइल नंबर अपडेट करने के निर्देश दिये है। डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी सीडीपीओ को प्रत्येक माह 2-2 बच्चे अपने-अपने परियोजना से एऩआरसी भेजने के निर्देश दिये है। क्योंकि समीक्षा मे किशनी, कुरावली एवं जागीर के सीडीपीओ द्वारा नियमित रूप से स्वयं बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र नहीं भेजने की पुष्टि हुई थी।
जिले की बरनाहल एवं जागीर परियोजना मे नवंबर में आंगनवाड़ी कार्यकत्री द्वारा केंद्र संचालन के बाद गृह भ्रमण कम हुआ है इसको देखते हुए डीएम ने संबन्धित परियोजना के सीडीपीओ को कार्यवाही करने के निर्देश दिये है।
जिले के 662 आंगनबाड़ी केंद्रों पर अभी भी बच्चों के बैठने के लिए कुर्सी-मेज उपलब्ध नहीं है जबकि बाल विकास निदेशालय द्वारा विभागीय बजट से खिलौने एवं अन्य सामग्रियां उपलब्ध करा दी गई हैं। लेकिन केंद्र मे पढ़ने वाले बच्चे कुर्सी-मेज से वंचित है।
बाल विकास निदेशालय द्वारा जिले मे 75 आंगनबाड़ी केंद्रों को कायाकल्प द्वारा लर्निंग लैब के रूप में बनाया जाना था, जिसमे 66 आंगनवाड़ी केन्द्रो का स्वरूप बदल दिया गया है जबकि 9 आंगनवाड़ी केंद्रों का कार्य अभी शुरू भी नहीं हुआ है। डीएम ने बीडीओ को 2 दिन के अंदर कार्य शुरू करने और एक माह के अंदर कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए है।
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