फर्जी आय और निवास प्रमाण पत्र लगाने वाली 14 महिलाओं की नियुक्ति रोकी,लेखपाल के खिलाफ होगी जांच
आंगनवाड़ी न्यूज

गाजीपुर जिले में चल रही आंगनबाड़ी भर्ती मे फर्जीवाड़ा की शिकायतों के बाद जांच में पता चला है कि 14 महिला अभ्यर्थियों ने फर्जी आय और निवास प्रमाणपत्र के आधार पर नियुक्ति पायी है। जिसमे सीडीओ के स्टेनो की बेटी ने भी फर्जी आय का प्रमाण पत्र लगाया है। इन सभी अभ्यर्थियों ने बीपीएल श्रेणी में नौकरी पाने के लिए अपनी आय कम दिखाकर नियुक्ति ली है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी संतोष वैश्य ने दोषी 14 लेखपालों के खिलाफ कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा था। इस पत्र के आधार पर जिले के डीएम ने सात लेखपाल को सस्पेंड और पांच संविदा कर्मी पर मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही सीडीओ के स्टेनो का तबादला करते हुए पांच तहसीलदार को नोटिस जारी किया गया।
सीडीओ संतोष वैश्य के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती में फर्जी आय और निवास प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति की जा रही है। शिकायत के आधार पर की गयी जांच मे पता चला है कि लेखपालों ने मनमाने तरीके से फर्जी आय प्रमाण पत्र बनाया है। इसको लेकर दो लेखपालों को निलंबित कर दिया गया है साथ ही 12 महिलाओ की नियुक्ति को रोक दिया गया है।
डीएम ने सदर, जमानिया, जखनियां, सैदपुर तहसील के एक-एक और कासिमाबाद के तीन लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। जबकि जखनियां में 5 संविदा पर तैनात 5 ऑपरेटर के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है। इसके अतिरिक्त पांचो तहसीलों के तहसीलदारों से प्रकरण में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
चयन कमेटी के अध्यक्ष सीडीओ संतोष कुमार वैश्य के स्टेनो राधेश्याम की पुत्री पूजा का 42 हजार का प्रमाण पत्र दिखाकर मनिहारी ब्लॉक के चौखड़ी में आंगनबाड़ी पद पर नियुक्ति कर दी गई।
मेरिट सूची मे पूजा का नाम देखकर हर कोई हैरान हो गया जबकि पूजा के पति अजीत जौनपुर में सरकारी शिक्षक पद पर नियुक्त थे। लेकिन अब मामला संज्ञान में आने के बाद राधेश्याम की पुत्री ने त्यागपत्र दे दिया है। जबकि सीडीओ संतोष कुमार वैश्य के स्टेनो राधेश्याम यादव का तबादला जखनिया तहसील के लिए कर दिया गया है।
अब तकचल रही आंगनबाड़ी भर्ती के दौरान 14 प्रमाणपत्र ऐसे मिल चुके हैं। इसमें सीडीओ के स्टेनो की बेटी से लेकर शिक्षक, जवान, पुलिस और प्रधान, कोटेदार आदि तक के नाम शामिल हैं। अब इन सभी चयनित महिलाओ की नियुक्ति पर रोक लगाते हुए इनके दस्तावेजो की जांच शुरू कर दी गई है।