आंगनवाड़ी केंद्रों मे अब इन गतिविधियों का होगा संचालन
आंगनवाड़ी न्यूज़
आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में लापरवाही बरतने वाली आंगनवाड़ी वर्करों पर सख्ती करने के आदेश जारी किए गए है। इस आदेश में कहा गया है कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री को केंद्रों पर आने वाले बच्चों को किस तरह पढ़ाना है और क्या क्या गतिविधि करानी है।
संभल जिले के प्रभारी डीपीओ ने आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन और गतिविधियों के सम्बंध में सभी परियोजनाओं के सीडीपीओ को आदेश जारी किया है। जिसमें आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन में लापरवाही बरतने की बात कही गई है।
इस आदेशानुसार आंगनबाड़ी केन्द्रों के नियमित निरीक्षण में आंगनवाड़ी वर्करों की लापरवाही सामने आई है। इस निरीक्षण में ज्यादातर आंगनबाड़ी केन्द्र बन्द मिलते हैं या कुछ केन्द्र खुले मिलते है तो कहीं आंगनबाड़ी कार्यकत्री तथा कहीं सहायिका अनुपस्थित मिलती हैं।
सीडीपीओ द्वारा किए गए निरीक्षण में आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों की उपस्थिति बहुत कम पाई गई है इसके आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका द्वारा अपने कार्यों, दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने की शिकायत आ रहीं हैं।
इन सभी शिकायतों को देखते हुए प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महेश कुमार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र संचालन में निम्नलिखित बिन्दुओं पर कार्य कराने के आदेश जारी किए है। डीपीओ ने आदेश में सख्ती करते हुए सभी सीडीपीओ से अपनी-अपनी परियोजना के अन्तर्गत संचालित समस्त आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका के द्वारा निम्न गतिविधियाँ कराये जाने के लिए निर्देश दिए है।
इस आदेशानुसार सभी जिले की सभी आंगनवाड़ी इन निर्देशों को पालन करते हुए केंद्रों द्वारा की गई गतिविधियों की जियोटेग फोटो लेकर अपने पास रखेंगी और विभगीय व्हाट्सएप ग्रुप पर भी शेयर करेंगी।
इन गतिविधियों का केंद्रों पर होगा संचालन
- आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका केन्द्रो के बच्चों को प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के साथ प्रार्थना एवं राष्ट्रगान में नियमित रूप से शामिल होंगे।
- केन्द्रो के बच्चों को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व शैक्षिक गतिविधिया करायी जाये।
- बच्चों को मिट्टी के कार्य, चित्रकारी, चित्रों में रंग भरना कार्य कराया जाये।
- बच्चों को रस्सी पर चलना, मेंढ़क दौड़, लम्बी व ऊँची कूद कराया जाये।
- बच्चों को समूह में बाँटकर विभिन्न गतिविधियाँ करायी जायें।
- बच्चों को समूह में बाँटकर विभिन्न प्रकार के खेल कराये जायें।
- बच्चों को ज्ञान वर्द्धक एवं वीरतापूर्ण कहानी व कविता सुनाई और पढ़ाई जाये।
- बच्चों को स्वतन्त्र रूप से खेल और गतिविधि करायी जायें।
- बच्चों के विभागीय निर्देश के अनुसार खेल और गतिविधि करायी जायें।
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